Krisna Janmashtami Celebrated at Shrimad Devi Puran Bhagwat Katha in Handumanganj कृष्ण जन्म की झांकी देख झूमे भक्तगण, Sultanpur Hindi News - Hindustan
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कृष्ण जन्म की झांकी देख झूमे भक्तगण

Sultanpur News - श्रीमद् देवी पुराण भागवत कथा में हुआ कृष्ण जन्मोत्सव भदैंया, संवाददाता

Newswrap हिन्दुस्तान, सुल्तानपुरSat, 22 March 2025 05:46 PM
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कृष्ण जन्म की झांकी देख झूमे भक्तगण

श्रीमद् देवी पुराण भागवत कथा में हुआ कृष्ण जन्मोत्सव भदैंया, संवाददाता

हनुमानगंज में श्रीमद् देवी पुराण भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास ने देवी पुराण की महत्ता तथा कृष्ण जन्मोत्सव व विंध्यवासिनी देवी की कथा सुनाई। शिव पार्वती की सुंदर झांकी भी निकाली गयी है।

हनुमानगंज बाजार के प्राचीन शिव मंदिर पर सोमवार से नवदिवशीय श्रीमद् देवी पुराण भागवत कथा का आयोजन हुआ है । कथा व्यास अजय कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को श्रीमद् देवी भागवत मे कृष्ण जन्म व देवी अवतार की कथा सुनाई है। कथा व्यास ने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, जो उस समय राजा कंस के अधीन था। राजा कंस एक अत्याचारी और क्रूर राजा था, जिसने अपने पिता उग्रसेन को गद्दी से हटाकर स्वयं राजा बन गया था। एक भविष्यवाणी के अनुसार, राजा कंस की मृत्यु उसके भांजे के हाथों होगी। इस भविष्यवाणी को सुनकर, राजा कंस ने अपने भांजे के पिता माता देवकी और वसुदेव को कारागार में डाल दिया। जब कंस की बहन देवकी गर्भवती हुई, तो राजा कंस ने उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को मारने का प्रयास किया। लेकिन भगवान कृष्ण के जन्म के समय, देवकी और वसुदेव को एक आकाशवाणी हुई, जिसमें उन्हें अपने बच्चे को यमुना नदी के पार नंदगांव में ले जाने के लिए कहा गया। वसुदेव ने अपने बच्चे को एक टोकरी में रखकर यमुना नदी के पार नंदगांव में ले गए, जहां उन्होंने अपने बच्चे को नंद और यशोदा के घर में छोड़ दिया। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ, लेकिन वे नंदगांव में पले-बढ़े। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। नंदगांव मे नंद के घर आदि शक्ति कन्या के रूप मे अवतरित हुई जिसको लेकर वसुदेव मथुरा लौट आऐ। जब कंस आठवीं संतान को मारना चाहा तो देवी ने विंध्यवासिनी के रूप मे कंस को बताया कि तुम्हारा काल जन्म ले चुका है और स्वयं विंध्याचल पर्वत पर जाकर बस गयी। इस अवसर पर संतलाल जायसवाल, त्रियुगी नारायण पाण्डेय, राहुल जायसवाल , प्रदीप कुमार, दीपक जायसवाल, स्वामीनाथ, नंदू, सत्यम सिह, राजू सिह, भोले जायसवाल, त्रिवेणी प्रसाद, सालिकराम, परशुराम, जफर अली सहित सैकड़ों श्रद्धालु गण मौजूद रहे।

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