यूपी के इस शहर में 82 महिलाओं की नसबंदी हुई, 81 फिर भी हो गईं गर्भवती
बीते वर्षों में जो नसबंदी हुईं, उनमें गर्भवती होने व मृत्यु होने के क्लेम को लेकर स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की बैठक के बाद सूची तैयार की गई। कुल 82 में से 81 महिलाएं नसबंदी के बाद गर्भवती हो गई।
सरकारी अस्पताल में नसबंदी कराए जाने के बाद भी गर्भवती होने के मामले अक्सर सुनने को मिलते रहते हैं। लेकिन 100 में से 99 प्रतिशत महिलाएं नसबंदी कराने के बाद भी गर्भधारण कर लें तो यह सरकारी मशीनरी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। जी हां, अलीगढ़ में 2020 से 2023 के बीच 82 महिलाओं की नसबंदी हुई। जिसमें से 81 गर्भवती हुईं और एक महिला की मृत्यु हो गई। यह खुलासा हुआ है परिवार नियोजन इन्डेमिनिटी योजना के तहत जारी की गई रिपोर्ट से।
सरकारी अस्पताल में महिला-पुरूष नसबंदी कराए जाने पर सरकारी ओर से अलग-अलग धनराशि दिए जाने का प्रावधान है। वहीं अगर नसबंदी के बाद अगर कोई महिला गर्भवती होती है तो उसे 60 हजार रुपए मिलते हैं। जिसमें 30 हजार राज्य व 20 हजार केन्द्र सरकार की ओर से दिया जाता है। वहीं मृत्यु हो जाने पर दो लाख रूपए मिलते हैं। जिसके लिए परिवार नियोजन इन्डेमिनिटी योजना के तहत क्लेम किया जाता है।
बीते वर्षों में जो नसबंदी हुईं, उनमें गर्भवती होने व मृत्यु होने के क्लेम को लेकर स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की बैठक के बाद सूची तैयार की गई। जिसमें बीते तीन साल में कुल 82 दावे स्वास्थ्य विभाग पर पहुंचे। जिसमें 81 दावे ऐसे थे जिन महिलाओं ने नसबंदी कराई और पुन निर्धारित समय में गर्भवती हो गईं।
100 प्रतिशत नसंबदी के केस ग्रामीण अंचल से जुड़े, दो गैर जनपद के
नसबंदी के बाद गर्भवती होने के 100 प्रतिशत मामले ग्रामीण अंचल से जुड़े हुए हैं। वहीं दो केस गैर जनपद के हैं। जिसमें दिल्ली व गौतमबुद्ध नगर की महिलाओं की नसंबदी तक अलीगढ़ जनपद में हुई। हालांकि यह वह मामले हैं जो शादी होकर गैर जनपद से अलीगढ़ आईं थी।
पुरुष व महिला नसंबदी शिविर का होता है आयोजन
स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुरूष व महिला नसंबदी के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है। बीते सालों में महिला नसबंदी के ही मामले बढ़े हैं। जबकि पुरूष नसबंद के मामले एक या दो ही आ सके हैं। जबकि 2014-15 में अलीगढ़ पुरूष नसबंदी में यूपी में टॉप पर रह चुका है।
बीते सालों में हुई नसबंदी
2023-24 में 6084
2022-23 में 5240
2021-22 में 4800
नोट- ये आंकड़े स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हैं।
सीएमओ, डॉ. नीरज त्यागी ने कहा कि महिलाओं की नसंबदी होने के बाद गर्भधारण की आशंका की जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही बताया जाता है कि वह क्या सावधान बरतें और अगर गर्भ ठहरने की स्थिति बनती है तो आशा व डाक्टर को सूचना दें। 12 सप्ताह में गर्भ गिराया जा सकता है।