घर बुला कर पिलाई नशीली चाय, कपड़े उतार बनाया वीडियो, व्यापारी से मांग रही 6 करोड़ रुपए
लखनऊ में व्यापारी को घर बुला कर परिचित महिला ने चाय में नशीला पदार्थ मिला कर पिला दिया। आरोप है कि बेसुध होते ही आपत्तिजनक हालत में वीडियो बना लिया। महिला ब्लैक कर रही है।
लखनऊ में व्यापारी को घर बुला कर परिचित महिला ने चाय में नशीला पदार्थ मिला कर पिला दिया। आरोप है कि बेसुध होते ही आपत्तिजनक हालत में वीडियो रिकार्ड की गई। जिसे वायरल करने की धमकी देते हुए ब्लैकमेल किया गया। व्यापारी का आरोप है कि एक साल के अंदर करीब 55 लाख रुपये वसूले गए। जिसके बाद आरोपियों ने दिखावे के लिए वीडियो डिलीट कर दिए। कुछ दिन तक शांत रहने के बाद व्यापारी पर छह करोड़ रुपये देने का दबाव डाला गया। इतनी बड़ी रकम देना पीड़ित के लिए सम्भव नहीं था। जिसके चलते पीड़ित ने डीसीपी पूर्वी को पत्र भेजा। जिसके बाद आशियाना कोतवाली में दो महिलाओं समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
आलमबाग ईको गार्डन के पास स्थित कैलाशपुरी निवासी व्यापारी की पहचान आशियाना सेक्टर जी निवासी रेनू त्रिवेदी से थी। 26 अगस्त को रेनू ने फोन कर घर बुलाया। पूछने पर बताया कि जरूरी काम है। व्यापारी के मुताबिक रेनू के घर पहुंचने पर मोना तिवारी भी मौजूद थी। बातचीत के बाद रेनू चाय बनाने के लिए किचन में चली गई। कुछ देर बाद वह दो कप चाय लेकर आई। जिसे पीते ही व्यापारी को नशा होने लगा। आरोप है कि मोनी ने गलत हरकत शुरू करते हुए साथी विजय जायसवाल की मदद से अश्लील वीडियो रिकार्ड कर लिया। होश आने के बाद आरोपियों ने वीडियो दिखाते हुए व्यापारी से 30 लाख रुपये देने मांगे।
रुपए नहीं थे तो जेवर उतार लिए
पीड़ित के मुताबिक 30 लाख रुपये नहीं देने पर रेनू, मोनी, साथी विजय और गौरव ने वीडियो वायरल करने की धमकी दी थी। प्रतिष्ठा बचाने के लिए व्यापारी उनसे मिन्नत करने लगा। इस पर विजय और गौरव ने जबरन व्यापारी की चेन, अंगूठी और पर्स में रखे 22 हजार रुपये छीन लिए। फिर जल्द से जल्द रुपये देने के लिए कहा। घर पहुंचने के बाद भी व्यापारी को फोन कर धमकाया गया। पीड़ित ने प्रतिष्ठा बचाने के लिए 30 लाख रुपये टुकड़ों में नगद आरोपियों को दिए।
25 लाख और दो तब वीडियो डिलीट करेंगे
लाखों रुपये वसूलने के बाद भी आरोपियों ने ब्लैकमेलिंग बंद नहीं की थी। वीडियो डिलीट करने के बदले 25 लाख रुपये पीड़ित से मांगे गए। पीड़ित के मुताबिक 25 लाख देने के बाद समझौता हुआ। आरोपियों ने व्यापारी के सामने ही मोबाइल से वीडियो डिलीट किए। कुछ दिन बाद छह करोड़ रुपये देने का दबाव बनाया जाने लगा। पीड़ित के मना करने पर आरोपियों ने बताया कि वीडियो की कई कापी है। अगर रुपये नहीं मिले तो वीडियो वायरल हो जाएगा। ब्लैकमेलिंग से उब चुके पीड़ित ने डीसीपी पूर्वी से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी दी। जिसके बाद आशियाना कोतवाली में रेनू, मोनी, गौरव और विजय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।