यूपी : बच्चों के इनोवेटिव आइडिया को आईआईटी देगा मूर्त रूप
स्कूली बच्चों के इनोवेटिव आइडिया को अब देश के आईआईटी मूर्त रूप देंगे। राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत एक ऐसा मंच तैयार किया जा रहा है जिससे किसी भी समस्या के हल के लिए की गई इनके माध्यम से हुई खोजें...
स्कूली बच्चों के इनोवेटिव आइडिया को अब देश के आईआईटी मूर्त रूप देंगे। राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत एक ऐसा मंच तैयार किया जा रहा है जिससे किसी भी समस्या के हल के लिए की गई इनके माध्यम से हुई खोजें समाधान के रूप में सामने आ सकेंगी। इसका लाभ सभी को मिल सकेगा।
आत्मनिर्भर भारत के लिए हर स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं कोशिशों के क्रम में आईआईटी, कानपुर से मेंटर होने वाली संस्था यूनिट ऑफ साइंस एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट (यूनिसेड) सामने आई है। यह संस्था कई आईआईटी के पूर्व छात्रों की है। पोस्ट कोविड भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कानपुर समेत देश भर में स्थापित 136 राष्ट्रीय अविष्कार लैब देश के तकनीकी, प्रबंधन संस्थानों के साथ सहयोग के लिए एमएसएमई से भी जुड़ेंगी। शिक्षा की गुणवत्ता के लिए हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के साथ समझौता भी किया गया है।
ऐसे होगी खोज की शुरुआत
विशेषकर माध्यमिक के छात्रों में उत्सुकता, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसी शुरुआत की जा रही है जिसका लाभ आत्मनिर्भर भारत बनाने में होगा। आईआईटी इनके विचारों को मूर्त रूप देने के लिए इसे तराशने में मदद करेगा। साथ ही 18 एसएसएमई सेंटरों जिन्हें पहले टूल रूम, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर आदि के नाम से जाना जाता था, उनकी मदद ली जाएगी। समस्याओं को 136 राष्ट्रीय अविष्कार अभियान (आरएए) लैब में बांटा जाएगा। यहां शोध आदि के बाद इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा।
देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के अन्तर्गत यूनिसेड का यह बड़ा अभियान है। इससे उन सभी संस्थानों को एक मंच मिलेगा जिससे समस्याओं को हल करने वाली खोज हो सके। शिक्षा की गुणवत्ता के लिए हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से भी समझौता किया गया है। - अवनीश त्रिपाठी, चीफ प्रोग्राम एडवाइजर, आरएए इनोवेशन लैब्स प्रोजेक्ट