Major Land Scam Uncovered in Sukhaila Village 326 Bighas of Government Land Involved सात साल बाद खुला 326 बीघा जमीन घोटाला, चकबंदी विभाग के चार कर्मचारी गिरफ्तार , Sambhal Hindi News - Hindustan
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सात साल बाद खुला 326 बीघा जमीन घोटाला, चकबंदी विभाग के चार कर्मचारी गिरफ्तार

Sambhal News - गुन्नौर तहसील के सुखैला गांव में 326 बीघा सरकारी भूमि पर सात साल पहले एक बड़ा ज़मीन घोटाला सामने आया है। चकबंदी विभाग के कर्मचारियों ने 55 बाहरी लोगों के नाम पर फर्जी प्रविष्टियां की थीं। हाल ही में...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलFri, 16 May 2025 02:30 AM
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सात साल बाद खुला 326 बीघा जमीन घोटाला, चकबंदी विभाग के चार कर्मचारी गिरफ्तार

गुन्नौर तहसील के सुखैला गांव में 326 बीघा सरकारी भूमि पर सात साल पहले हुए एक बड़े ज़मीन घोटाले का खुलासा हुआ है। चकबंदी विभाग के तत्कालीन कर्मचारियों ने सांठगांठ कर 55 बाहरी लोगों के नाम पर अवैध प्रविष्टियां कर दी थीं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गंगा किनारे की इस बेशकीमती जमीन पर कब्जे की योजना बनाई गई थी। यह मामला वर्ष 2018 में दर्ज हुआ था, लेकिन विवेचना अधूरी रहने और फाइल गायब हो जाने के कारण दबा रह गया। हाल ही में प्रयागराज हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की और चकबंदी विभाग के चार कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया।

एक अन्य आरोपी अभी फरार है, जबकि इस घोटाले में शामिल विभाग के चार कर्मियों की मौत हो चुकी है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बहजोई स्थित कार्यालय पर प्रेसवार्ता कर बताया कि यह घोटाला चकबंदी कर्मियों की साजिश का नतीजा है। दो अगस्त 2018 को चकबंदी लेखपाल कुलदीप सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी जांच अपराध अनुसंधान केंद्र, लखनऊ को सौंपी गई थी। लेकिन फाइल रहस्यमय ढंग से गुम हो गई और विवेचना आगे नहीं बढ़ पाई। पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की आशंका के चलते उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में तत्कालीन चकबंदी लेखपाल मोरध्वज सिंह (गांव मई, हरदुआगंज, अलीगढ़), कालीचरण (आवास विकास कॉलोनी, कासगंज), लिपिक रामौतार (नई नरौरा, बुलंदशहर) और चपरासी रामनिवास शामिल हैं। सहायक चकबंदी अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव (पूराडाल, कूटन, जौनपुर) फरार हैं। घोटाले की जड़ में बस्ता और दस्तावेज एसपी ने बताया कि जमीन आवंटन के मूल दस्तावेज और गांव के अभिलेखों का बस्ता अब तक बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस की पूछताछ में भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन्हें किसने और क्यों गायब किया। एक आरोपी फरार, चार की हो चुकी है मौत पुलिस ने चकबंदी मामले में चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया जबकि सहायक चकबंदी अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव निवासी पूराडाल, थाना कूटन, जौनपुर फरार हैं। अन्य नामजदों में जितेंद्र कुमार निवासी सीमोर अलीगंज, एटा, मुकेश बाबू निवासी गठिया, शाहजहांपुर, चकबंदी लेखपाल राजीव कुमार निवासी नगला खाकम, संभल और चकबंदी कर्ता पवन कुमार शामिल हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। 55 लाभार्थी, एक भी स्थानीय नहीं चकबंदी रिकॉर्ड में जिन 55 लोगों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज किए गए, वे सभी बाहरी हैं और किसी का भी सत्यापन नहीं हुआ। यह प्रविष्टियां इसलिए की गईं ताकि अवैध कब्जे का रास्ता साफ हो सके। चकबंदी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलकर सुनियोजित साजिश रची। कुल 67 लोगों की संलिप्तता सामने आई है, जिनमें 58 लाभार्थी और 9 विभागीय कर्मचारी थे। चार की मृत्यु हो चुकी है, चार गिरफ्त में हैं और एक फरार है। दस्तावेजों की तलाश जारी है। कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल

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