रामनवमी पर अयोध्या की फिजाओं में घुला भक्ति रस, दो लाख दीपों से जगमग हुई रामनगरी
- रामनवमी पर सूर्य तिलक के बाद शाम को अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा उठी। रविवार की शाम को सरयू नदी किनारे दो लाख दीपों को जलाया गया। अयोध्या नगरी का नजारा देखकर माना ऐसा लग रहा था कि जैसे फिजाओं में भक्ति रस घुल गया हो।

रामनवमी पर सूर्य तिलक के बाद शाम को अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा उठी। रविवार की शाम को सरयू नदी किनारे दो लाख दीपों को जलाया गया। अयोध्या नगरी का नजारा देखकर माना ऐसा लग रहा था कि जैसे फिजाओं में भक्ति रस घुल गया हो। मंदिर में शंखनाद हो रहे थे। रामनवमी को लेकर अयोध्या को इस तरह से सजाया गया था जैसे पूरी नगरी ही राममय हो गई हो।
बतादें कि रामनवमी पर अयोध्या में प्रभु श्री राम लला का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया। दोपहर 12:00 बजे राम जन्मोत्सव के साथ ही सूर्य अभिषेक से श्री राम की जयकारे लगे। पुराने जाने पहचाने रास्ते से विचरण करती भगवान भास्कर की तेजोमय रश्मियां घड़ी की सभी सुइयों के इकट्ठे होते ही जैसे ही बालक श्रीराम लला के ललाट पर प्रतिष्ठित हुईं प्रभु के समक्ष उपस्थित श्रद्धालुगण प्रसन्नता से झूम उठे। गगनभेदी जयकारों ने अयोध्या समेत पूरे विश्व को गुंजायमान कर दिया। जो अयोध्या नहीं पहुंच सके उन सबने अपने स्थान पर ही श्री रामलला के महामस्तकाभिषेक का सीधा प्रसारण देखा।
पांच हजार मंदिरों में मना जन्मोत्सव
अयोध्या में राममंदिर व कनक भवन, दशरथ महल समेत पांच हजार अन्य मंदिरों में भी राम जन्मोत्सव की धूम रही। 12 बजे ही आरती हुई। कनक भवन में तो जन्म की बधाइयां गाई जा रही थीं। इस दौरान भक्त नाचते-झूमते दिखे। इसी तरह अन्य मंदिरों में दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं में उत्सव का नजारा दिखा। शाम होते ही चौधरी चरण सिंह घाट पर ढाई लाख से अधिक दीपों के माध्यम से श्रद्धालुओं ने अपनी खुशी का इजहार किया। इस बीच श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर व रामपथ पर रेड कार्पेट बिछाया गया था। मंदिर परिसर में भी जगह जगह शेड लगाए गए थे। अयोध्या में तकरीबन 15 लाख श्रद्धालुओं ने मंदिरों में शीश नवाया।