Now there is no mercy for adulterators in UP their photos will be put up at intersections CM Yogi s instructions यूपी में मिलावटखोरों की अब खैर नहीं, चौराहों पर लगेगी फोटो, सीएम योगी का निर्देश, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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यूपी में मिलावटखोरों की अब खैर नहीं, चौराहों पर लगेगी फोटो, सीएम योगी का निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिलावट को अक्षम्य और सामाजिक अपराध बताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मिलावटखोरों की तस्वीरें चौराहों पर लगाई जाएं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 14 May 2025 05:35 PM
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यूपी में मिलावटखोरों की अब खैर नहीं, चौराहों पर लगेगी फोटो, सीएम योगी का निर्देश

यूपी में मिलावटखोरों की अब खैर नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के अवैध कारोबार को ''सामाजिक अपराध'' करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय है। इससे किसी भी प्रकार का समझौता अक्षम्य होगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तौर पर ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए और उनकी तस्वीरें प्रमुख चौराहों पर लगाई जाएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और समाज में उनके प्रति नकारात्मक संदेश जाए।

मुख्यमंत्री ने लखनऊ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस) के तहत मिलावटखोरों, नकली दवाओं के अवैध कारोबारी नेटवर्क और इस अपराध में संलिप्त लोगों के विरुद्ध सख्त व निर्णायक कार्रवाई की जाए।

एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि तेल, घी, मसाले, दूध, पनीर जैसी दैनिक उपभोग की वस्तुओं की जांच यथासंभव उत्पादक इकाई पर ही की जाए। दूध व उससे बने उत्पादों की विशेष रूप से सघन जांच के लिए समर्पित टीम बनाई जाएं जो लगातार निगरानी करें। उन्होंने निर्देशित किया कि पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान कर प्रभावी अंकुश लगाया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आमजन का स्वास्थ्य राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और इस जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ होना चाहिए।

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अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं की संख्या में तेजी से विस्तार हुआ है। पूर्व में स्थापित छह प्रमुख मंडलों के अलावा अब अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, कानपुर, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर और देवीपाटन मंडलों में भी नयी प्रयोगशालाएं और कार्यालय स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि लखनऊ, गोरखपुर और झांसी में प्रयोगशाला भवनों का उन्नयन किया गया है। साथ ही लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में तीन आधुनिक प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं, जिनमें सूक्ष्मजीव, प्रोटोजोआ, विषाणु, जीवाणु, 'माइकोटॉक्सिन' तथा अन्य रोगकारक जीवों की जांच संभव हो पाई है। उन्होंने कहा कि लखनऊ और मेरठ में परीक्षण भी प्रारंभ हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने इन प्रयोगशालाओं के संचालन व रखरखाव हेतु एक कोष स्थापित करने का सुझाव दिया। नकली दवाओं के कारोबार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस के साथ विभागीय समन्वय को और बेहतर बनाया जाए ताकि प्रभावी तरीके से कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा भी बैठक में की गई।

खाद्य सुरक्षा की प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से एफएसडीए द्वारा पासवर्ड-आधारित बारकोड प्रणाली लागू की गई है, जिससे नमूनों के विश्लेषण की गोपनीयता और निष्पक्षता सुनिश्चित होती है। प्रत्येक नमूने की जांच वैज्ञानिकों द्वारा डिजिटल माध्यम से की जाती है और उच्च अधिकारियों की स्वीकृति के बाद ही वह विश्लेषण मान्य माना जाता है।

आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने 'फूड सेफ्टी कनेक्ट' नामक मोबाइल ऐप और टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसी भी शिकायत का निस्तारण तभी मान्य माना जाए जब शिकायतकर्ता संतुष्ट हो।