एंटी भू माफिया पोर्टल पर गोरखपुर में शून्य, 46 जिलों ने की गलत रिपोर्टिंग
Gorakhpur News - सरकारी जमीन कब्जा मुक्त कराने के साथ ही भू माफिया की इस पोर्टल पर होनी है एंट्रीसरकारी जमीन कब्जा मुक्त कराने के साथ ही भू माफिया की इस पोर्टल पर होनी

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई में गोरखपुर प्रशासन लगातार पिछड़ रहा है। प्रदेश स्तर पर बनाए गए एंटी भू माफिया टास्क फोर्स की समीक्षा में यह बात सामने आई है। हाल यह है कि एंटी भू माफिया पोर्टल पर जहां प्रदेश के 46 जिलों ने अपनी एंट्री की है, वहीं गोरखपुर का रिकॉर्ड इस पोर्टल पर शून्य है। हालांकि जिन जिलों ने एंट्री की है, उनमें से कई ने फर्जी डेटा अपलोड कर दिया है। कुछ जिलों ने तो जितनी सरकारी जमीन नहीं है, उससे ज्यादा जमीन से कब्जा मुक्त कराने का दावा करते हुए एंट्री कर दी है।
इन सभी को दुरुस्त कराने के लिए शासन ने सभी जिलों को पत्र लिखा है। दरअसल, सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों के साथ ही एक से ज्यादा लोगों की जमीन कब्जा करने वाले को भू माफिया की श्रेणी में रखते हुए इनकी सूची एंटी भू माफिया पोर्टल पर अपलोड करनी है साथ ही यह भी बताना है कि कितनी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है और मुक्त कराई गई भूमि को किस इस्तेमाल में लिया जा रहा है। प्रदेश के 75 जिलों में 46 जिलों ने अपने यहां की जानकारी तो अपलोड किया है पर वह त्रुटिपूर्ण है। वहीं, गोरखपुर सहित 29 जिले ऐसे हैं जिनका डेटा शून्य है लिहाजा गोरखपुर जिले को भी सूची अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन की तरफ से सूची अपलोड होने के बाद पुलिस विभाग को ट्रांसफर हो जाएगी जिसके बाद पुलिस विभाग की तरफ से भू माफिया पर कार्रवाई और उनके मुकदमों का स्टेटस रिपोर्ट अपलोड किया जाना है। चूंकि गोरखपुर प्रशासन इसमें पीछे है लिहाजा पुलिस विभाग भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है। यह है स्थिति प्रदेश के जिन 42 जिलों ने अपने यहां की सरकारी जमीन का डेटा डाला है उसके मुताबिक, 42 जिले में कुल 10180.87 हेक्टेयर सरकारी जमीन है। इसमें दस जनपदों ने अपने यहां 150.862 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा बताया है। वहीं पांच जनपदों ने 35.84 हेक्टेयर जमीन से अवैध कब्जा मुक्त कराने का दावा किया है। पोर्टल पर गोरखपुर सहित कुल 33 जिलों ने सरकारी जमीन की रकबा शून्य दर्ज किया है। उनसे कहा गया है कि रजिस्टर नम्बर 34 से सत्यापन कराकर भूमि के रकबा का प्रमाणपत्र राजस्व परिषद को उपलब्ध कराएं। इन जिलों में एंटी भू माफिया पोर्टल पर कुछ नहीं किया अपलोड गोरखपुर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, अम्बेडकर नगर, औरया, चित्रकूट, अयोध्या, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गोंडा, हापुड़, जलौन, कानपुर देहात, महोब, मैनपुरी,मऊ, मिर्जापुर, मेरठ, प्रतापगढ़, सहारनपुर, संभल, शाहजहांपुर, सीतापुर, सोनभद्र, उन्नाव और बिजनौर ने एंटी भू माफिया पोर्टल पर कोई भी सूचना ही अब तक अपलोड नहीं की है। पुलिस ने की 18 भू माफियाओं की पहचान, प्रशासन से अभी मुहर नहीं गोरखपुर की पुलिस ने जमीन जालसाजी से जुड़े मुकदमों को आधार बनाकर 18 नए भू माफियाओं की पहचान कर पिछले महीने अपनी रिपोर्ट भेज दी थी। हालांकि प्रशासन से अभी इन भू माफिया पर मुहर नहीं लग पाई है। पुलिस अधिकारियों के साथ ही सीएम के जनता दर्शन में पहुंचने वाली ज्यादातर शिकायतें जमीन जालसाजी और अवैध कब्जा को लेकर होती हैं। पर ये फाइलें प्रशासन में जाकर डंप हो जा रही हैं। जमीन जालसाजी का रिकॉर्ड तोड़ने वाले भी अभी भू माफिया नहीं? जमीन जालसाजी का रिकॉर्ड तोड़ने वाले भी अभी तक भू माफिया घोषित नहीं हो पाए हैं। इनमें कई ऐसे हैं जिन्होंने न सिर्फ सीलिंग की जमीन पर कब्जा किया बल्कि दूसरे की जमीन को अपना या फिर अपने लोगों का बताकर फर्जी तरीके से बेच दिया। पुलिस की तरफ से रिपोर्ट भेजने का भी दावा है लेकिन भू माफिया की फाइल बनकर राजस्व विभाग के एक अधिकारी के पास धूल फांक कर रही है। सरकारी जमीन से कई गुना ज्यादा का कब्जा मुक्त का दावा एंटी भू माफिया पोर्टल पर मुरादाबाद ने अवैध कब्जे वाली सरकारी जमीन का क्षेत्रफल 5.963 दर्ज किया है जबकि अवमुक्त कराई गई जमीन का क्षेत्रफल 4430 हेक्टेयर दर्ज किया है। यानी जितनी जमीन नहीं है, उससे कई गुना ज्यादा अवैध कब्जे मुक्त कराने का यहां दावा है। इसी तरह से रामपुर, अमरोहा,बुलंदशहर, हाथरस, बंदायूं, पीलीभीत, फत्तेहपुर, बाराबंकी, आजमगढ़, बलिया, जौनपुर और कासगंज ने भी त्रुटिपूर्ण सूचना दर्ज की है। इसे ठीक करने का निर्देश दिया गया है।
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