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देश एवं लोगों के साथ विश्वासघात करने वालों का कोई धर्म नहीं

Meerut News - मेरठ में सीसीएसयू के उर्दू विभाग द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन और उर्दू पर संगोष्ठी आयोजित की गई। डॉ. तकी आबिदी ने कहा कि उर्दू ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संगोष्ठी में उर्दू की...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठThu, 8 May 2025 03:54 AM
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देश एवं लोगों के साथ विश्वासघात करने वालों का कोई धर्म नहीं

मेरठ। हमारे देश में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। उर्दू लगभग 550 साल पुरानी भाषा है। स्वतंत्रता आंदोलन को ताकत देने वाली भाषाओं में उर्दू अग्रणी थी। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि स्वतंत्रता आंदोलन में जिस भाषा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वह अंग्रेजी नहीं थी बल्कि दो बहनें थीं-उर्दू और हिंदी। सीसीएसयू कैंपस के उर्दू विभाग एवं इंटरनेशनल यंग उर्दू स्कॉलर्स एसोसिएशन द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन एवं उर्दू विषय पर हुई संगोष्ठी में यह बात कनाडा से आलोचक डॉ.तकी आबिदी ने कही। उन्होंने कहा कि उर्दू मुसलमानों की भाषा है लेकिन उर्दू मुसलमान नहीं है। उर्दू वालों ने स्वतंत्रता के लिए अच्छा काम किया, चाहे वह गद्य में हो या पद्य में।

जो व्यक्ति अपने देश और अपने लोगों के साथ विश्वासघात करता है उसका कोई धर्म नहीं होता। डॉ.हाशिम रजा जैदी ने कहा कि उर्दू भाषा का जन्म भारत में हुआ। उर्दू ने कई अन्य भाषाओं के शब्दों को अपने में समाहित किया। प्रो.मुहम्मद काजिम ने स्वतंत्रता सेनानियों पर कुछ नया शोध करने को प्रेरित किया। प्रो. असलम जमशेदपुरी ने कहा कि संगोष्ठी का मकसद नई पीढ़ी तक अपने बुजुर्गों के बलिदान की यादों को पहुंचाना है। प्रो.सगीर अफ्राहीम ने कहा कि विद्वान को अपने विषय के साथ पूरा न्याय करना चाहिए। विषय से भटकें नहीं। हमें अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर नजर रखनी होगी तभी हम सफल हो सकते हैं। उक्त संगोष्ठी में उर्दू विभाग की द्विमासिक पत्रिका हमारी आवाज के आरिफ नकवी विशेषांक का विमोचन भी किया गया। इस दौरान हुस्ना बेगम मेमोरियल उर्दू मॉडल स्कूल और मेरठ गर्ल्स इंटर कॉलेज की तीन प्रतिभाशाली छात्राओं को सर सैयद छात्रवृत्ति प्रदान की गई। अफाक अहमद खान ने कहा कि प्रतिभाशाली वंचित बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर जारी रहेंगे। प्रो.बिंदु शर्मा, डॉ.हाशिम रजा जैदी, डॉ.आसिफ अली, डॉ.अलका वशिष्ठ, डॉ.शादाब अलीम, डॉ.इरशाद स्यानवी और मुहम्मद हारुन सहारनपुरी, राहत अली सिद्दीकी, डॉ.फराह नाज, डॉ.नवेद खान एवं उज़मा सहर सहित सभी छात्र मौजूद रहे।

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