महाकुंभ में बिजली की शिकायत संतोंं को पड़ी भारी, ठेकेदार और कर्मचारियों ने पीटा, जांच में जुटी पुलिस
महाकुंभ में आश्रम में बिजली की शिकायत करने शनिवार को दो संतों को महंगा पड़ गया। बिजली ठेकेदार ने अपने भाई और अन्य के साथ मिलकर दोनों संतों को पीट दिया। संत का आरोप है कि उनके गले से सोने की चेन छीन ली गई। पुलिस जांच में जुटी है।
महाकुंभ में आश्रम में बिजली की शिकायत करने शनिवार को दो संतों को महंगा पड़ गया। बिजली ठेकेदार ने अपने भाई और अन्य के साथ मिलकर दोनों संतों को पीट दिया। संत का आरोप है कि उनके गले से सोने की चेन छीन ली गई। कुछ देर बाद अन्य संत गए तो उनसे भी बिजली ठेकेदार और कर्मचारियों ने हाथापायी की। संतों ने कोतवाली कुम्भमेला में बिजली ठेकेदार आशीष कुमार द्विवेदी उसके भाई अनिल कुमार द्विवेदी व अन्य अज्ञात साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मुकदमा दर्जकर मामले की जांच कर रही है। संतों ने कार्रवाई नहीं होने पर महाकुंभ छोड़ने की धमकी भी दे दी है।
अयोध्या निवासी संत प्रेमदास ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वह श्रीरामानन्दाचार्य नमः काशी मन्दिर रामघाट अयोध्या फैâजाबाद संत सेवा एवं अन्न क्षेत्र में सेवारत व्यवस्थापक श्रीश्री 108 श्री चरणदासजी महराज के कृपापात्र रामबालकदास त्यागी की सेवा में महाकुम्भ मेला सेक्टर 18 अन्नपूर्णा मार्ग स्थित शिविर में हैं। वह यहां महंत रामबालक दासजी महाराज की सेवा में भगवान की आराधना कर रहे हैं।
15 जनवरी की रात्रि आठ बजे आश्रम की बिजली चले जाने के कारण इसकी शिकायत लेकर ओल्ड जीटी रिवर फ्रंट चौराहा के पास स्थित ईशू वासू कंपनी के बिजली मरम्मत गोदाम अपने गुरूभाई राजन दास के साथ गये थे। वहां शिकायत करने पर बिजली ठेकेदार आशीष कुमार द्विवेदी व उनके बड़े भाई अनिल कुमार द्विवेदी व उनके कुछ अन्य लोग गाली-गलौज करने लगे और मारपीट की। संत वहां से हटने की कोशिश की तो उनका गला दबा दिया गया और गले से सोने की चेन खींच ली गयी।
पीड़ित संत लौटकर आश्रम में अपने गुरुभाइयों को बताया। अन्य संत भी कारण पूछने के लिए और सोने की चेन वापस करने के लिए गये तो पुनः गुंडा साधु कहते हुए हाथापायी की गई। इस प्रकरण से आश्रम के साधु संत बहुत दुःखी हैं। उन्होंने पुलिस से कहा कि यदि उचित कारवाई नहीं होती तो आश्रम के सभी साधु-संत महाकुम्भ छोड़ देंगे। महाकुम्भ कोतवाली पुलिस मुकदमा दर्जकर मामले की जांच में जुट गयी है।