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महाकुंभ 2025: हाथों में त्रिशूल और तलवार लेकर निकले किन्नर संत, महामंडलेश्वर की अगुवाई में अमृत स्नान किया

  • महाकुंभ के अमृत स्नान में एक ओर जहां नागा सन्यासी आकर्षक का केंद्र बने रहे तो वहीं दूसरी ओर किन्नर अखाड़े के साधु-संत हर किसी का ध्यान खींच कर रहे थे। आचार्य महामंडेश्वर की अगुवाई वाली किन्नर सेना ने अमृत स्नान किया।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, महाकुंभ नगरTue, 14 Jan 2025 07:53 PM
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MahaKumbh 2025: मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर जहां एक ओर नागा संन्यासी आम श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र थे तो वहीं किन्नर अखाड़े के साधु संत हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रहे थे। जूना अखाड़े के अमृत स्नान में जब एक-एक कर सभी साधु संत आ गए तो सबसे आखिर में आचार्य महामंडेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई वाली किन्नर सेना ज्यों ही नजर आई, जय महाकाल के जयकारे लगने लगे।

किन्नर अखाड़े के सदस्य हर-हर महादेव का जयकारे लगाते हुए संगम की ओर बढ़े। किसी किन्नर के हाथ में तलवार थी तो किसी के हाथ में त्रिशूल, सभी के मुख से हर-हर महादेव के जयकारे निकल रहे थे। उनके साथ प्रदेश प्रभारी कौशल्यानंद गिरि ‘टीना मां’, महामंडलेश्वर पवित्रा समेत दर्जनों किन्नर साधु संत थे। उन्होंने स्नान किया और फिर वापसी मार्ग से लौट आए। किन्नर अखाड़े की सदस्य राम्या नारायण गिरि ने बताया कि अमृत स्नान के अवसर पर प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह पर्व न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि समाज के प्रति सकारात्मक संदेश देने का भी एक माध्यम है।

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किन्नर अखाड़े के सदस्य शस्त्रों के साथ अपनी परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन करते नजर आए। तलवारों और अन्य शस्त्रों को लहराते हुए उन्होंने अपनी शक्ति और परंपरा का परिचय दिया। जयघोष और हर हर महादेव के जयकारे के बीच पूरा माहौल उत्साह और आस्था से भर गया। किन्नर अखाड़े के इस आयोजन ने महाकुम्भ 2025 में एक विशेष छवि प्रस्तुत की। उनके संदेश ने यह स्पष्ट किया कि समाज के हर वर्ग का उत्थान और कल्याण भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।

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