Notification Icon
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊUP government decision along with government hospital private hospitals will also have do hepatitis tests pregnant women

प्रेग्नेन्ट महिलाओं को लेकर यूपी सरकार का महत्वपूर्ण फैसला, सरकारी के साथ प्राइवेट अस्पतालों को भी करना होगा ये काम

दुनियाभर के आंकड़े देखें तो हर 30 सेकेंड में हेपेटाइटिस से एक मौत हो रही है। देश में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने भी बड़ी पहल की है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ। विशेष संवाददाताFri, 23 Aug 2024 03:02 PM
share Share

यूपी में गर्भवती महिलाओं को लेकर योगी सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। प्रदेश में अब सभी गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी और सी की जांच की जाएगी। इस गंभीर और संक्रामक बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी सरकार ने सरकारी के साथ-साथ प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों को भी शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग करने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि जो महिलाएं जांच में संक्रमित पाई जाएंगी, उनका डाटा मंत्रा एप पर अपलोड किया जाएगा। वहीं ऐसी संक्रमित महिलाओं के पैदा होने वाले बच्चों को तत्काल हेपेटाइटिस से बचाव का टीका लगाया जाएगा।

दुनियाभर के आंकड़े देखें तो हर 30 सेकेंड में हेपेटाइटिस से एक मौत हो रही है। देश में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने भी बड़ी पहल की है। एक ओर जहां प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में वायरल हेपेटाइटिस की जांच की व्यवस्था की जा रही है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाली सभी गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस जांच कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों को दिए गए हैं। 

दरअसल, गर्भावस्था या प्रसव के दौरान नवजात शिशु के संक्रमित होने की संभावना रहती है। ऐसे में नवजात की सुरक्षा के लिए गर्भवती की हेपेटाइटिस संबंधी जांच होना जरूरी है। जांच में संक्रमित होने की जानकारी मिलने से डॉक्टर बच्चे को इससे बचाने के लिए दवाएं शुरू कर देते हैं। वहीं नवजात शिशु को हेपेटाइटिस से बचाव की खुराक जन्म के 12 घंटे के अंदर दी जानी है। ऐसा न होने की स्थिति में नवजात शिशु के हेपेटाइटिस संक्रमित होने की प्रबल संभावना रहती है, हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सभी बच्चों को जन्म के 24 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी वैक्सीन दी जानी चाहिए।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया, सभी गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी व सी जांच के निर्देश दिए गए हैं। संक्रमित मिलने वाली महिलाओं के केस में पैदा होने वाले बच्चों को इसके संक्रमण से बचाने के लिए प्रसव के बाद तत्काल टीका लगाने को कहा गया है। ऐसा सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को करना होगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें