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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरNational Space Day at IIT Kanpur Highlights Importance of Space Research and Innovation

अंतरिक्ष के असंख्य रहस्यों को सुलझाना बड़ी चुनौती

कानपुर में आईआईटी में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने अंतरिक्ष विज्ञान में नवाचार और अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। देशभर से आए वैज्ञानिकों ने युवाओं को इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरTue, 27 Aug 2024 02:16 PM
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कानपुर। प्रमुख संवाददाता अंतरिक्ष में असंख्य रहस्य छिपे हैं। जिसे खोजना और सुलझाना पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती है। भारत के वैज्ञानिक तेजी से इन रहस्यों को समझने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन यह संख्या बहुत कम है। इसलिए युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आना होगा। क्योंकि, यहां अनुसंधान और नवाचार का बहुत बड़ा दायरा है। यह बात आईआईटी कानपुर में आयोजित अंतरिक्ष-24 में देशभर से आए हुए वक्ताओं ने कही।

आईआईटी में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर स्पेस (डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस, प्लैनिटेरी एंड एस्ट्रानॉमिकल साइंसेस एंड इंजीनियरिंग) और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें वैज्ञानिक, शोधकर्ता, छात्र समेत 450 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। स्पेस के हेड प्रो. पंकज जैन ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में स्पेस अनुसंधान को बढ़ावा देने की जरूरत है। अनंत टेक्नोलॉजिज लि. के चेयरमैन डॉ. सुब्बा राव पावुलुरी ने अंतरिक्ष विज्ञान का महत्व समझाया। कहा, इस क्षेत्र के गूढ़ रहस्यों का खुलासा भारत के वैश्विक महत्व को बढ़ाता है। यूआर राव सेटेलाइट सेंटर, बेंगलुरू की निगार शाजी ने भारतीय विज्ञान मिशन, तकनीकी चुनौतियां, उपलब्धि व भविष्य के प्रयासों की जानकारी दी। युवाओं से उन्होंने इस क्षेत्र में नवाचार करने की अपील की। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के प्रो. संदीप साहिजपाल ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जानकारी देने के साथ छात्रों के सवालों के जवाब दिए। संस्थान के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि अंतरिक्ष दिवस को बढ़ावा देना जरूरी है। कार्यक्रम में पैनल चर्चा भी हुई, जिसमें विशेषज्ञ के रूप में आईयूसीएए पुणे के प्रो. अजीत खेम्भवी, सावित्रीबाई फुले पुणे विवि के प्रो. एमसी उत्तम, मनस्तु स्पेस के सीईओ तुषार जाधव, आईआईटी के प्रो. अमितेश ओमर ने मंथन किया। कार्यक्रम में रॉकेट और सैटेलाइट पेलोड के मॉडल भी प्रदर्शित किए गए। कार्यक्रम में 300 स्कूली छात्रों ने भी हिस्सा लिया।

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