बरेली जेल में बंद डॉन बबलू श्रीवास्तव की दया याचिका खारिज, 1993 में की थी कस्टम अधिकारी की हत्या
- प्रयागराज में अपर कस्टम कलक्टर की हत्या के आरोप में बरेली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका राज्यपाल ने बुधवार को खारिज कर दी है।
31 साल पहले हुइप्रयागराज में अपर कस्टम कलक्टर की हत्या के आरोप में बरेली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका राज्यपाल ने बुधवार को खारिज कर दी है। 59 वर्ष का बबलू 31 साल तीन महीने तीन दिन की सजा काट चुका है। लखनऊ के निरालानगर निवासी बबलू की दया याचिका डीएम और डीसीपी लखनऊ ने समय पूर्व रिहाई की संस्तुति नहीं की थी। इस आधार पर ही राज्यपाल ने भी याचिका अस्वीकार कर दी।
निरालानगर, लाल कालोनी निवासी ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में अपने साथियों के साथ वर्ष 1993 में 24 मार्च की शाम कस्टम कलक्टर एलडी अरोड़ा की उनके घर के पास हत्या कर दी थी। इसमें बबलू पर टाडा भी लगा था। कानपुर नगर स्थित टाडा कोर्ट ने 30 सितम्बर, 2008 को आजीवन कारावास की सजा बबलू को सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी 25 जनवरी, 2011 को बबलू की सजा को यथावत रखा था। बन्दी बबलू ने 10 फरवरी, 2022 तक 26 वर्ष नौ माह, 20 दिन की अपरिहार सजा और 31 वर्ष, तीन माह, तीन दिन की सपरिहार सजा काट ली है।
लखनऊ के डीएम और डीसीपी ने भविष्य में इसके द्वारा अपराध करने से इंकार नहीं किये जाने की आख्या लिखते हुए समयपूर्व रिहाई की संस्तुति नहीं की। इस पर ही राज्यपाल ने समय पूर्व रिहाई की याचिका अस्वीकार कर दी है। इस सम्बन्ध में संयुक्त सचिव शिवगोपाल सिंह ने कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाओं के डीजी को इससे अवगत करा दिया है। इसमें कहा गया है कि बबलू को उसकी याचिका अस्वीकार करने की जानकारी दे दी जाए।