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फर्जीवाड़े में आरटीओ दफ्तर के दो लिपिकों पर गिरी गाज

Gonda News - गोण्डा में वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनाने के मामले में आरटीओ कार्यालय में हड़कंप मच गया है। दो बाबुओं, कनिष्ठ लिपिक रमेश शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है और वरिष्ठ लिपिक विद्याभूषण...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोंडाWed, 22 Jan 2025 06:58 PM
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फर्जीवाड़े में आरटीओ दफ्तर के दो लिपिकों पर गिरी गाज

गोण्डा, संवाददाता। वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में अब आंच आरटीओ आफिस तक भी पहुंच गई है। फर्जीवाड़े में प्रथम दृष्टया संलिप्तता पाए जाने पर दो बाबुओं पर कार्रवाई की गाज गिरी है। आरटीओ दफ्तर में तैनात एक कनिष्ठ लिपिक को आरटीओ ने निलंबित कर दिया है तो वहीं वरिष्ठ लिपिक के निलंबन के लिए उच्चाधिकारियों को संस्तुति भेजी गई है। दो बाबुओं पर कार्रवाई के बाद बुधवार को पूरे आरटीओ दफ्तर में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। दबी जुबान से हर कर्मचारी तरह-तरह की चर्चाएं करता नजर आया लेकिन कोई भी खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था। फिलहाल इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मंगलवार को थाना कोतवाली नगर व एसओजी व सर्विलांस की संयुक्त टीम ने वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन, फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। पकड़े जाने वालों में आशुतोष तिवारी उर्फ गायत्री पुत्र प्रदीप कुमार तिवारी निवासी गायत्रीपुरम नैय्यर कालोनी व मसीउल्लाह उर्फ गुड्डू पुत्र समीउल्ला निवासी निकट रेलवे स्टेशन कचेहरी शामिल थे। दोनों आरोपियों की निशानदेही पर आधा दर्जन कूटरचित रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, 37 विभिन्न प्रकार की नकली मोहरें, 170 अदद वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनानें के लिए ब्लैंक व खाली पेपर व तीन विभिन्न कम्पनियों के मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। पुलिस ने पुलिस लाइन मोड़ पर स्थित फोटो कापी की दुकान में दबिश देकर कई फर्जी कागजात बरामद किए थे। यही नहीं आरटीओ आफिस के पास स्थित आनलाइन व लोकवाणी के दुकानदार आशुतोष को भी पकड़ा था।

आरटीओ आफिस से सांठगांठ का खुलासा : पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि आरोपियों की आरटीओ कार्यालय में सांठ गांठ है। इनके द्वारा वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र का सरकारी कागज प्राप्त किया जाता है और अनुचित लाभ कमाने के लिए नकली रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनाकर ग्राहकों को दिया जाता है । इन अभियुक्तों द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए विभिन्न कार्यालयों की नकली मोहरें भी बनवायी गयी हैं, जिसमें से कुछ मोहरों की बरामदगी भी हुई है।

विभागीय जांच में प्रथम दृष्टया संलिप्त मिले दो बाबू : बताया जाता है कि पुलिस के खुलासे के बाद विभागीय जांच कराई गई। जांच में प्रथम दृष्टया आरटीओ दफ्तर में तैनात कनिष्ठ लिपिक रमेश शुक्ला व वरिष्ठ लिपिक विद्याभूषण गुप्ता फर्जीवाड़े में संलिप्त पाए गए, जिनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है। मामले में अभी अन्य कइयों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।

कोट

वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनाए जाने के मामले में प्रथम दृष्टया कनिष्ठ लिपिक रमेश शुक्ला व वरिष्ठ लिपिक विद्याभूषण गुप्ता की संलिप्तता सामने आई है। कनिष्ठ लिपिक रमेश शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है और वरिष्ठ लिपिक विद्याभूषण के निलंबन के लिए उच्चाधिकारियों को संस्तुति भेजी गई है।

- उमाशंकर यादव, आरटीओ प्रशासन

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