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अपने जुनून से नृत्य में बना रहे पहचान

Farrukhabad-kannauj News - फर्रुखाबाद में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया गया। यहां की प्रतिभाओं ने देशभर में अपनी पहचान बनाई है। गोविंदा, जो एक वेटर था, अब डांसिंग स्टार बन चुका है। अंजली चौहान बच्चों को कथक सिखा रही हैं, जबकि...

Newswrap हिन्दुस्तान, फर्रुखाबाद कन्नौजTue, 29 April 2025 02:18 AM
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अपने जुनून से नृत्य में बना रहे पहचान

फर्रुखाबाद, संवाददाता। अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस मंगलवार को मनाया जा रहा है। नृत्य दिवस पर नृत्य क्षेत्र में अपने को साबित करने वाली प्रतिभाओं का जिक्र न करें ऐसा संभव नही है। वैसे तो फर्रुखाबाद संगीत के क्षेत्र में काफी मशहूर माना जाता है। जनपद की संगीत के क्षेत्र में ऐसी प्रतिभायें हैं जिन्होंने देश के विभिन्न मंचो पर अपने को साबित किया है। आज की पीढ़ी में नृत्य क्षेत्र में मुकाम हासिल करने की होड़ सी मची है। यह भी कम काबिले तारीफ नही है। बेटियो में शास्त्रीय नृत्य सीखने की जो ललक जागी है उससे भी अपने जनपद की प्रतिभायें मंचो पर लोहा मनवा रही हैं।

शादी में डीजे का डांस देखकर वेटर बन गया डांसिंग स्टार

बढ़पुर ब्लाक के एक छोटे से गांव खानपुर के रहने वाले गोविंदा ने जिस तरह से मेहनत, लगन और आत्म विश्वास का परिचय दिया उससे हर किसी को सीखने की जरूरत है। गेस्ट हाउस में वेटर का काम करने वाले गोविंदा उर्फ पुष्पा नागर ने कड़ी मेहनत के बल पर बड़े बड़े रियलटी शो में बेस्ट डांसर का जलबा बिखेरा है। गोविंदा उर्फ पुष्पा नागर बचपन से ही डांस करने का शौकीन रहा है। पारिवारिक स्थिति ठीक न होने से गोविंदा ने शादियों में गेस्ट हाउस में वेटर का काम करना शुरू किया। शादी में डीजे पर हो रहे डांस को देखकर उसने डांस की राह पकड़ ली। अब गोविंदा ने अपने डांस के बल पर पूरे देश में सुर्खियां पा ली हैं। गोविंदा डांस के विभिन्न हुनर बच्चों को सिखाने का भी काम करता है। उसका कहना है कि विधा कोई भी हो जब तक आत्मविश्वास का बोध नही होगा तब तक कोई भी कार्य बेहतर नही हो सकेगा।

परिषदीय विद्यालयों में नृत्य की क्लासेस लगें

आवास विकास कालोनी की अंजली चौहान बच्चों को कथक की शिक्षा देने का काम कर रही है। उसके सिखाये हुये बच्चों ने अपने को साबित करने का काम किया है। अंजली की शिष्या यशस्वी दीक्षित ने तो इंडिया बुक आफ रिकार्ड में कथक स्पिन में अपना नाम दर्ज किया है। अंजली कहती है कि नृत्य विधा को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए इसके लिए परिषदीय विद्यालयों में नृत्य की कक्षायें लगें। संगीत विधा में पारंगत शिक्षकों को लगाया जाये जिससे कि बच्चे नृत्य विधा में अपने को साबित कर सकें।

एक मिनट में यशस्वी ने पूरे किए 99 स्पिन

कथक बाल कलाकार यशस्वी दीक्षित ने अपनी विलक्षण प्रतिभा के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है। मोहम्मदाबाद ब्लाक के उखरा गांव के शिक्षक योगेश दीक्षित की छह वर्षीय बेटी यशस्वी ने कथक नृत्य में एक मिनट में 99 स्पिन पूरे कर इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। पिता योगेश और मां आरती दीक्षित कहती हैं कि यशस्वी ने तीन वर्ष की आयु से ही शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा ग्रहण करना शुरू कर दिया था। यशस्वी ने हैदराबाद, हरिद्वार, गोवा समेत विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय मंचो पर जिले का गौरव बढ़ाय ाहै।

विलायत अली ने फर्रुखाबादी घराने को दी पहचान

संगीत के क्षेत्र में फर्रुखाबादी घराने की देश विदेश में पहचान है। तबले के इतिहास में सबसे पुराना नाम तबला वादक मीर अकाशा का मिलता है। इनकी 27वीं पीढ़ी मे हुये उस्ताद हाजी विलायत अली खां ने तबला वादन की नईशैली को जन्म देकर फर्रुखाबादी घराने की नीव रखी थी। संगीत अकादमी से जुड़े डॉ.विद्याप्रकाश दीक्षित कहते है कि आज चिंता की बात है कि फर्रुखाबादी घराने की परंपरा का एक भी वाहक अपने यहां नही रह गया है।

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