जैसा अमेरिका ने ओसामा को पाक में मारा, भारत ने भी वही किया; ऑपरेशन सिंदूर पर उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने ऑपरेशन सिंदूर को ओसामा बिन लादेन की हत्या से जोड़ते हुए इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत का निर्णायक कदम बताया। यह आतंकी ठिकानों पर भारत का सबसे गहरा सीमा-पार हमला था।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को एक कार्यक्रम में भारत के ऑपरेशन 'सिंदूर' की तुलना अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मार गिराने वाली कार्रवाई से की। उन्होंने कहा कि भारत ने जो किया, वह अब दुनिया की जानकारी में है और यह आतंकवाद के खिलाफ एक नया वैश्विक मानक स्थापित करता है। बिना ओसामा बिन लादेन का नाम लिए धनखड़ ने कहा, “11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमलों के बाद 2 मई 2011 को एक वैश्विक आतंकी को अमेरिका ने उसी देश में जाकर खत्म कर दिया, जिसने उसे पनाह दी थी। भारत ने भी वैसा ही किया है।”
हमले सटीक, आतंकवादी ढेर
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर आतंकवादी ठिकानों पर इतनी गहराई तक हमला किया है। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मजबूत गढ़ों पर किया गया। उन्होंने कहा कि ये हमले इतने सटीक थे कि केवल आतंकवादी ही मारे गए, आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
पहल सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम: धनखड़
धनखड़ ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार से वैश्विक समुदाय को सख्त संदेश दिया था। उन्होंने कहा, “वो शब्द केवल भाषण नहीं थे, अब दुनिया समझ चुकी है कि भारत अब आतंक के खिलाफ बर्दाश्त नहीं करेगा।”
आतंकवाद के खिलाफ शांति के साथ जवाब
उपराष्ट्रपति ने कहा, “भारत ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन हमेशा शांति की भावना को बनाए रखा है। यह कार्रवाई केवल प्रतिशोध नहीं, बल्कि आतंकवाद की जड़ों पर चोट है।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को दुनिया ‘सबसे गहरी सीमा पार कार्रवाई’ के रूप में देख रही है और भारत ने यह साबित कर दिया है कि वह न सिर्फ अपने नागरिकों की रक्षा करेगा बल्कि आतंक के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी अगुवा रहेगा।
ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई की रात 01:05 से 01:30 बजे के बीच भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किया गया एक सैन्य अभियान था। इसने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का नेता अब्दुल रऊफ अजहर भी शामिल था, जो 1999 के आईसी-814 अपहरण और अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या में शामिल था।