Three-Year Jail Sentence for Man Who Fired at Police in Sant Kabir Nagar पुलिस बल पर फायर करने के आरोपी को हुआ तीन वर्ष का कारावास, Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
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पुलिस बल पर फायर करने के आरोपी को हुआ तीन वर्ष का कारावास

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में पुलिस बल पर तमंचे से फायर करने के

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरSat, 17 May 2025 01:28 PM
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पुलिस बल पर फायर करने के आरोपी को हुआ तीन वर्ष का कारावास

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में पुलिस बल पर तमंचे से फायर करने के आरोपी को अपराध स्वीकार करने पर अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने दोष सिद्ध करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी मौजम बंजारा पर सजा के साथ पांच सौ रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है। अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को तीन दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जमानतदार प्रस्तुत न कर पाने के कारण जमानत होने के बावजूद आरोपी फरवरी 2016 से जिला कारागार में निरुद्ध है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि मामला जिले के कोतवाली खलीलाबाद थाना क्षेत्र का है ।

प्रकरण में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक बब्बन यादव ने मौजम बंजारा पुत्र धोधे बंजारा ग्राम तरकुलवा उर्फ भटगांव थाना श्याम देऊरवा जनपद महाराजगंज समेत छह आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया था। उनका कहना था कि 7 नवम्बर 2015 को पुलिस बल के साथ मुखलिसपुर तिराहे पर मौजूद थे। मुखबिर ने सूचना दिया कि आज रात बंजारों का गैंग डकैती डालने वाले स्थानों की रेकी करने आया है। थोड़ी देर में उस्का खुर्द रोड़ से पैदल आने वाला है। शीघ्रता करेंगे तो यूकेलिप्टस बाग के पास मिल जाएंगे। मौके पर पहुंच बाग में एकत्र बदमाशों को देखा गया। बदमाशों द्वारा पुलिस बल को लक्ष्य करके जान से मारने की नीयत से फायर किया गया। पुलिस ने घेरकर मौके पर तीन बदमाशों को पकड़ लिया। सभी आरोपियों के विरुद्ध हत्या के प्रयास, आयुध अधिनियम व एनडीपीएस एक्ट का अलग-अलग अभियोग पंजीकृत हुआ था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि मौजम बंजारा ने हत्या के प्रयास व दण्ड विधि संशोधन एक्ट में विचारण के दौरान जेल अधीक्षक के माध्यम से अपराध स्वीकारोक्ति का प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। उसका कथन था कि वह दिनांक 4 फरवरी 2016 से जिला कारागार में निरुद्ध है। दयनीय आर्थिक स्थिति के कारण जमानतदार प्रस्तुत नहीं कर सका। अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने पक्षों की बहस सुनने के पश्चात आरोपी को दोषसिद्ध करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास का सजा सुनाया।

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