बोले बुलंदशहर: डंपिंग यार्ड बने तो निखरे खुर्जा की सुंदरता
Bulandsehar News - खुर्जा की पॉटरी इकाइयों में निकलने वाले वेस्ट मटेरियल के लिए कोई डंपिंग यार्ड नहीं है, जिससे उद्यमियों को परेशानी हो रही है। पॉटरी उत्पादों की टूट-फूट से नुकसान के चलते उद्यमी डंपिंग यार्ड बनाने की...
एक जिला एक उत्पाद में चयनित खुर्जा की पॉटरी इकाइयों से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल के लिए कोई खास प्रबंध नहीं हैं। यहां पर डंपिंग यार्ड नहीं होने से उद्यमी काफी परेशान हैं। उद्यमी लगातार डंपिंग यार्ड बनवाने की मांग कर रहे हैं। डंपिंग यार्ड बनने पर दोबारा उत्पाद बनाने के लिए वेस्ट मटेरियल का प्रयोग किया जा सकता है। यहां के उद्यमियों की शासन प्रशासन से यही मुख्य मांग है। पॉटरी नगरी के नाम से विख्यात खुर्जा में करीब 400 से अधिक पॉटरी इकाइयां हैं। जिसमें करीब 225 पॉटरी इकाइयां खुर्जा पॉटरी मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन में रजिस्टर्ड हैं। इन पॉटरी इकाइयों में कप-प्लेट, गमले, डिनर-सेट, टी-सेट सजावटी उत्पाद और खिलौने बनते हैं।
करीब दो लाख से अधिक पॉटरी उत्पाद प्रतिदिन यहां पर बनते हैं। जिनमें से कई पॉटरी उत्पादों की टूट-फूट हो जाती है। जिसके चलते पॉटरियों से क्रॉकरी उत्पादों का वेस्ट मटेरियल निकलता है। खुर्जा में कहीं भी वेस्ट मटेरियल के लिए डंपिंग यार्ड नहीं है। जिसके चलते उद्यमी इस वेस्ट मटेरियल को सड़क किनारे ही डंप करना पड़ता है। इसके चलते खुर्जा से गुजरने वाले लोगों को पॉटरी का वेस्ट मटेरियल सड़क किनारे डंप हुआ दिखता है। कारणवश खुर्जा की सुंदरता धूमिल होती है। इसको देखते हुए उद्यमियों की ओर से कई बार डंपिंग यार्ड की मांग की गई। जिसके बाद भी अभी तक डंपिंग यार्ड नहीं बना है। डंपिंग यार्ड बनने के बाद उद्यमियों की ओर से सड़क किनारे पॉटरी वेस्ट मटेरियल को नहीं डाला जाएगा। जिसके बाद खुर्जा की सुंदरता बढेगी। साथ ही खुर्जा में खरीदारों का आवागमन भी बढ़ जाएगा। पॉटरी उत्पादों के टूट-फूट से होता है उद्यमियों को नुकसान पॉटरी उत्पादों की टूट-फूट होने से उद्यमियों को काफी नुकसान होता है। उद्यमियों ने कई बार जीएसटी कम कराने और टूट-फूट के बाद वेस्ट हुए पॉटरी उत्पादों के डंपिंग यार्ड को बनवाने के लिए मांग की है। जिसके बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। खुर्जा की विभिन्न पॉटरी इकाइयों में कप-प्लेट, डिनर सैट, गमले आदि बनाने का कार्य होता है। सभी पॉटरी उत्पादों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगती है। ऐसे में एक स्थान से दूसरे स्थान पर उत्पादों को भेजने में टूट फूट हो जाती है। जिससे उद्यमियों को जीएसटी लगने के बाद काफी नुकसान होता है। उद्यमियों ने कई बार शासन से जीएसटी को कम कर 5 प्रतिशत कराने की मांग की है। साथ ही डंपिंग यार्ड को बनवाने की मांग की है। जिसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। इससे उद्यमी काफी परेशान हैं। उद्यमियों की मानें, तो डंपिंग यार्ड बनने से वहां पर मशीनें लगाई जा सकती हैं। जहां पर पॉटरी वेस्ट मटेरियल को पुन: प्रयोग कर नया पॉटरी उत्पाद बनाया जा सकता है। बिना आधुनिक तकनीकों और मशीनों के पॉटरी वेस्ट मटेरियल को पुन: प्रयोग में लाकर नया उत्पाद नहीं बनाया जा सकता है। पुन: पॉटरी उत्पादों को बनाने से कम लागत में दोबारा पॉटरी उत्पाद बनाया जा सकेगा। इसमें नया रॉ मटेरियल भी नहीं लगेगा। घटेंगे गैस के दाम, तो होगा पॉटरी उद्योग को मुनाफा बुलंदशहर जिले के खुर्जा में बनने वाला पॉटरी उत्पाद देश ही नहीं विदेशों में विख्यात है। यहां के उद्यमियों ने विदेशों में पॉटरी का वर्चस्व बनाया हुआ है, लेकिन बढ़ते गैस के दामों से उद्यमी काफी परेशान हैं। यदि गैस के दाम कम होते हैं, तो पॉटरी उद्योग को गति मिलेगी। साथ ही विदेशों में पॉटरी उद्योग का वर्चस्व अधिक बढ़ेगा। खुर्जा की पॉटरी एक जिला एक उत्पाद में चयनित है। यहां से अमेरिका, दुबई, अफगानिस्तान सहित विभिन्न देशों में पॉटरी उत्पाद जाता है। जिसके चलते खुर्जा के पॉटरी उद्यमी पड़ोसी देश चीन को भी मात दे रहे हैं। ऐसे में बढ़ते गैस के दाम उद्यमियों के लिए सिर दर्द बन चुके हैं। उद्यमियों की मानें, तो गैस के दाम कम होना उद्योग के लिए संजीवनी के समान है। पूर्व में पॉटरी उत्पादों को पकाने वाली भट्टियां कोयला, काला तेल आदि से चलती थीं। जिनके लिए कई फीट ऊंची चिमनियां लगाई जाती थीं। उक्त इधनों से चलने वाली भट्टियां से निकलने वाला पॉटरी उत्पाद सस्ता पड़ता था, लेकिन अधिक प्रदूषण होने के चलते भट्टियों में बदलाव किए गए। अब गैस से चलने वाली पॉटरियों से प्रदूषण कम होता है, लेकिन गैस के बढ़ते दामों से पॉटरी उत्पाद महंगा हो रहा है। कारणवश इसका प्रभाव पॉटरी कारोबार पर पड़ रहा है। गैस के दाम कम होने से पॉटरी उत्पादों के दाम भी कम होंगे। जिससे कारोबार में बढ़ोत्तरी होगी। दोबारा प्रयोग के लिए बन सकता है वेस्ट मटेरियल, होगा मुनाफा पॉटरी उत्पादों के वेस्ट मटेरियल का डंपिंग यार्ड की उद्यमियों ने कई बार मांग की है। उद्यमियों के अनुसार डंपिंग यार्ड बनने से पॉटरी एरिया में सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त होगी। साथ ही मशीन लगाकर वेस्ट मटेरियल का दोबारा प्रयोग किया जा सकता है। जिसके बाद नए उत्पादों को बनाकर बाजार में बेचा जा सकता है। इससे उद्यमियों को लाभ मिलेगा। साथ ही क्षेत्र में जगह-जगह मिल रहे पॉटरी वेस्ट मटेरियल को कम किया जा सकेगा। इस व्यवस्था को बनानी की जिम्मेदारी शासन की है। यदि जल्द से जल्द पॉटरी वेस्ट डंपिंग यार्ड खुर्जा में बन जाएगा तो काफी सहूलियत मिलेगी। विधायक ने भी शासन को प्रस्ताव भेजकर की है डंपिंग यार्ड बनवाने की मांग खुर्जा विधायक मीनाक्षी सिंह ने बताया कि पिछले कई माह से पॉटरी उद्यमियों की ओर से डंपिंग यार्ड बनवाने की मांग की जा रही थी। इसको देखते हुए जिला प्रशासन की मदद से शासन को प्रस्ताव भेजकर डंपिंग यार्ड बनवाने की मांग की गई है। डंपिंग यार्ड के बनने से क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर डंप हुए पॉटरी वेस्ट मटेरियल हट जायेंगे। जिससे क्षेत्र की सुंदर अलग ही दिखाई देगी। पॉटरी उद्यमियों के मन की बात पॉटरी के वेस्ट मटेरियल को डंपिंग यार्ड की बेहद आवश्यकता है। इसको लेकर कई बार मांग की गई, लेकिन किसी भी तरह का सकारात्मक परिणाम अभी तक नहीं निकल सका है। -रवि राणा, अध्यक्ष, केपीएमए, खुर्जा डंपिंग यार्ड बनने के बाद से क्षेत्र में सफाई दिखेगी। पॉटरी उत्पादों का वेस्ट मटेरियल जगह-जगह होने से काफी स्थान पॉटरियों का बेकार होता है। नगर में एक स्थान पर डंपिंग यार्ड होने से उद्यमियों को अन्य जगह मिल सकेगी। -मोहम्मद अनस, उद्यमी डंपिग यार्ड होने के बाद सड़क किनारे पॉटरी वेस्ट मटेरियल का डालना बंद हो जाएगा। जिसके बाद खुर्जा की सुंदरता निखरेगी। पॉटरी एरिया सुंदर दिखने पर खरीदारों का आवागमन बढ़ जाएगा। -नमन दादू, उद्यमी पॉटरी वेस्ट मटेरियल दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। डंपिंग यार्ड को बनवाने के लिए कई बार जन प्रतिनिधियों से शिकायत की है। जिसके बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ है। डंपिंग यार्ड बनने से खुर्जा में साफ सफाई दिखाई देगी। -पवन अग्रवाल, उद्यमी वेस्ट मटेरियल का डंपिंग यार्ड बनने पर उद्यमियों को सीधा लाभ है। वेस्ट मटेरियल को उद्योग के पास रखने से काफी जगह खराब होती है। कई बार इसको लेकर मांग की गई है। अभी तक डंपिंग यार्ड नहीं बना है। -गुरुदत्त सिंह सैनी, उद्यमी जन प्रतिनिधियों को वेस्ट मटेरियल का डंपिंग यार्ड बनवाने के लिए विचार करना चाहिए। इससे पॉटरी उद्योग को गति मिलेगी। इसके बनने से यहां पर निवेशों की डिमांड भी आएगी। -चमन, उद्यमी क्राकरी का कार्य नाजुक होता है। जिसके चलते पॉटरी उत्पादों की काफी टूट-फूट होती है। जिसके चलते वेस्ट मटेरियल को सड़क किनारे डालना पड़ता है। वेस्ट मटेरियल का डंपिंग यार्ड होने के बाद सड़क किनारे वेस्ट मटेरियल को नहीं डालना पड़ेगा। -अनिल बाटला, उद्यमी बरसात के दिनों में सड़क किनारे पड़े वेस्ट मटेरियल से काफी परेशानी होती है। वेस्ट मटेरियल का डंपिंग यार्ड होने पर सड़क किनारे सफाई रहेगी। इससे शहर की सुंदरता ही बढ़ेगी। -विजय खुराना, उद्यमी जन प्रतिनिधियों को कई बार शिकायत की है। जिसके बाद भी खुर्जा में वेस्ट मटेरियल का डंपिंग यार्ड नहीं बना है। इसके बनने से पॉटरी उत्पादों से जुड़े उद्यमियों को काफी लाभ होगा। -दुष्यंत कुमार सिंह, उद्यमी वेस्ट मटेरियल का डंपिंग यार्ड बनने पर यहां पर इसके निस्तारण के लिए आधुनिक मशीनें भी लगाई जा सकती है। जिसके बाद वेस्ट मटेरियल का प्रयोग भी उद्यमी कर सकते हैं। -गोपाल कृष्ण, उद्यमी डंपिंग यार्ड का होना अति आवश्यक है। पॉटरी ईकाइयों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। जिस कारण वेस्ट मटेरियल भी बढ़ रहा है। इसलिए यहां पर डंपिंग यार्ड का बनना बेहद आवश्यक है। -हबीब अहमद, उद्यमी दिन-प्रतिदिन पॉटरी उद्योग तरक्की की उड़ान भर रहा है। उद्यमियों को इस व्यापार को करने में काफी वेस्ट मटेरियल बाहर निकालना पड़ता है। कम से कम शहर को एक डंपिंग यार्ड मिल जाएगा तो यह उद्योग नए आयाम भी लिखेगा। -राजीव बंसल, उद्यमी खुर्जा में पिछले कई वर्षों से पॉटरी वेस्ट मटेरियल के डंपिंग यार्ड की मांग उद्यमियों द्वारा की जा रही है। पॉटरी वेस्ट मटेरियल डंपिंग यार्ड बनने से सड़कों और उद्योगों के आसपास बेहतर सफाई व्यवस्था रह सकती है। -निखिल पौद्दार, उद्यमी पॉटरियों के बाहर पड़े उत्पादों के वेस्ट मटेरियल के हटने के बाद खाली जगहों पर पौधारोपण किया जा सकता है। पौधारोपण के बाद क्षेत्रमें हरियाली बढ़ेगी और प्रदूषण कम होगा। यह काम सिर्फ पॉटरी वेस्ट मटेरियल के डंपिंग यार्ड के बनने के बाद ही हो सकता है। -जोनू, उद्यमी सुझाव : 1.डंपिंग यार्ड होने से जगह-जगह नहीं मिलेगा पॉटरी वेस्ट मटेरियल। 2.पॉटरी वेस्ट मटेरियल का प्रयोग कर दोबारा उत्पाद बनाया जा सकता है। 3.साफ और सुन्दर दिखेगा खुर्जा, तो बढ़ेंगे खरीदार। 4.वेस्ट मटेरियल से पॉटरी उद्योग को प्रदर्शित करने वाले चौक आदि भी बनवाये जा सकते हैं। 5.खुर्जा के जनप्रतिनिधियों को इसका मुद्दा उठाकर समाधान कराने का प्रयास करना चाहिए। शिकायत: 1.जगह-जगह पॉटरी वेस्ट मटेरियल डंप करने ने घिरती है पॉटरी उद्योग की जगह। 2.फैलती है गंदगी, बरसात में होती है परेशानी। 3.पॉटरी वेस्ट मटेरियल सड़क किनारे पड़े होने से खरीदारों के समक्ष खुर्जा की छवी होती है धूमिल। 4.जनप्रतिनिधियों को इस व्यापार को बढ़ाने की दिशा में काम करने की पहल करनी चाहिए। 5.वेस्ट मटेरियल का प्रयोग पॉटरी उद्योग को प्रदर्शित करता है। इसलिए चौक आदि बनाए जाए। कोट: पॉटरी वेस्ट मटेरियल का डंपिंग यार्ड बनवाने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से भी शासन से मांग की गई थी। साथ ही विधानसभा में भी इसका मुद्दा उठाया गया है। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र में उद्यमियों की सबसे प्रमुख समस्या का समाधान हो। -मीनाक्षी सिंह, खुर्जा विधायक
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