Farmers Adapt to Deep Boring and Submersible Motors for Irrigation Amid Depleting Groundwater Levels सिंचाई के लिए समर्सिबल का प्रचलन बढ़ा, Jahanabad Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsJahanabad NewsFarmers Adapt to Deep Boring and Submersible Motors for Irrigation Amid Depleting Groundwater Levels

सिंचाई के लिए समर्सिबल का प्रचलन बढ़ा

धान के सीजन शुरू होने के पहले सिंचाई की व्यवस्था में जुटे किसान, प्रखंड मे कृषि कार्य पूरी तरह मानसून और नलकूप पर आश्रित है। लेकिन वर्तमान समय में भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है।

Newswrap हिन्दुस्तान, जहानाबादThu, 15 May 2025 11:32 PM
share Share
Follow Us on
सिंचाई के लिए समर्सिबल का प्रचलन बढ़ा

धान के सीजन शुरू होने के पहले सिंचाई की व्यवस्था में जुटे किसान किसानों ने बताया कि ऊपर से चलने वाला मोटर या नलकूप अधिक से अधिक 50 फीट नीचे से पानी उठा पता है मखदुमपुर, निज संवाददाता। प्रखंड मे कृषि कार्य पूरी तरह मानसून और नलकूप पर आश्रित है। लेकिन वर्तमान समय में भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इस परिस्थिति में परंपरागत नलकूप अब अतीत की वास्तु बन कर रह गया है। इस परिस्थिति में किसान लोगों को गहरी बोरिंग के साथ समर्सिबल मोटर का सहारा लेना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि ऊपर से चलने वाला मोटर या नलकूप अधिक से अधिक 50 फीट नीचे से पानी उठा पता है ।

लेकिन जब धान का सीजन शुरू होता है तो भूजल काफी नीचे चला जाता है। उस स्थिति में नलकूप का उपयोग नहीं हो पता है। बुजुर्ग किसान अखिलेश शर्मा ने बताया कि हम लोगों के जीवन में ही पहले रेहट से सिंचाई होती थी। उस समय कुआं में पानी काफी ऊपर रहता था। कुआं का पानी सूखने के बाद पंप सेट का जमाना आया। अब पुराने सिंचाई के साधन सभी बेकार हो गए हैं। अब किसानों को समर्सिबल करवाना पड़ रहा है। इसे किसने की सिंचाई पर लागत बढ़ गई है। समर्सिबल बोरिंग करने में एक लाख से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक खर्च हो रहे हैं। इससे गरीब किसानों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। किसान सत्येंद्र यादव ने बताया कि कृषि के लिए सिंचाई जरूरी है। आमदनी कम है फिर भी हमें समरसेबल करवाना पड़ गया। किसान नवलेश शर्मा ने बताया कि 350 फीट गहरा बोरिंग करवाया है जिस पर 175000 खर्च हो गए। हमने भविष्य को देखते हुए यह बोरिंग करवाया है क्योंकि आने वाला समय में वाटर लेवल और नीचे जाएगा। बोरिंग करने वाले मिस्त्री सुधीर यादव ने बताया कि इन दोनों बोरिंग करने के लिए बहुत से किस पहुंच रहे हैं। क्योंकि अब धान का सीजन शुरू होने वाला है। पहले हाथ से बोरिंग किया जाता था लेकिन अब मशीन के द्वारा बोरिंग किया जा रहा है। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी रमन श्रीवास्तव ने बताया कि किसानों को कृषि विभाग के द्वारा बोरिंग करने के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है। जिसके लिए समय-समय पर आवेदन लिए जाते हैं। किसान भाइयों को सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहिए। फोटो- 15 मई जेहाना- 09 कैप्शन- मखदुमपुर प्रखंड क्षेत्र में सबमर्सिबल बोरिंग करता मिस्त्री।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।