पांच साल सेवा काल, बन गए HOD, प्रमोशन का मामला आशीष पटेल के लिए बन सकता है मुसीबत
प्राविधिक शिक्षा विभाग में पदोन्नति और वेतनमान का मामला विभागीय मंत्री आशीष पटेल के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। कारण पूरे मामले में लगातार एक के बाद एक कई स्तरों पर गलतियां किए जाने की बात शासन से लेकर विभागीय स्तर पर सामने आ रही है।
प्राविधिक शिक्षा विभाग में पदोन्नति और वेतनमान का मामला विभागीय मंत्री आशीष पटेल के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। कारण पूरे मामले में लगातार एक के बाद एक कई स्तरों पर गलतियां किए जाने की बात शासन से लेकर विभागीय स्तर पर सामने आ रही है। पूरे प्रकरण में एक प्रमुख बिन्दु जिस पर सबसे अधिक उंगलियां उठ रही हैं वह यह है कि तमाम ऐसे लोगों को 6600 से सीधे 9000 का ग्रेड-पे दे दिया गया है, जिनका सेवाकाल बमुश्किल मात्र पांच से सात साल हुआ है।
गौरतलब है कि 9000 का ग्रेड पे सीधी भर्ती का है। ऐसे में 6600 स्केल में जिन्हें सवा लाख के आसपास वेतन मिलता था, उन्हें पदोन्नति के बाद अब एक पायदान ऊपर के बदले दो पायदान ऊपर का ग्रेड-पे 9000 मिलेगा। जिसके आधार पर उनका कुल वेतन सवा दो लाख से ढ़ाई लाख रुपये के आसपास हो गया। इस प्रकार करीब-करीब दोगुना वेतन का लाभ मिलेगा।
बताया जाता है कि नौ दिसम्बर को एचओडी के पदों पर तैनाती के आदेश जारी होने के तत्काल बाद उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा एप्लाइड साइंस व हयूमैनिटीज सेवा संघ ने शासन से आपत्ति दर्ज कराई थी। संगठन के महामंत्री भोलेनाथ प्रसाद कहते हैं कि विभागाध्यक्ष की सीधी भर्ती के पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नति कर अप्रत्याशित वेतन वृद्धि दी गई है जो बड़े भ्रष्टाचार का संकेत देता है।
इसी प्रकार से नौ दिसम्बर को जारी आदेश में एचओडी के पद को भरे जाने के लिए बनी नियमावली का भी पालन नहीं किया गया है। एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउन्सिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ) के नियमों के अनुसार विभाग से जुड़े संस्थानों में एचओडी के पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे और उसमें अजा-अजजा के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
विभागीय मंत्री एआईसीटीई से मंजूरी लिए जाने की बात कह रहे हैं लेकिन एआईसीटीई की ओर से इस बारे में शासन को जो पत्र भेजे गए हैं उस पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि वर्तमान पदधारकों की प्रोन्नति में एआईसीटीई के अनुसार योग्यता और अनुभव में कोई छूट नहीं दी जा सकती।
प्राविधिक शिक्षा विभाग में तत्कालीन प्रमुख सचिव एम. देवराज की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले दिनों 6600 ग्रेड पे पर पदोन्नति की संस्तुति की थी। जिसके आधार पर शासन ने 9000 ग्रेड पे पर पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए जिसके बाद शासन से लेकर राजनीतिक हल्कों में हंगामा मचा हुआ है। विभागीय मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और उनके खिलाफ सपा विधायक ने सदन में मामले को उठाने के बाद विधान भवन में धरने पर बैठ गई थी।
विभागीय प्रस्ताव को वित्त एवं कार्मिक से मिली है सहमति
बताया जाता है कि 177 पदों को पदोन्नति से भरे जाने से पूर्व विभाग ने वित्त एवं कार्मिक से उनकी सहमति ली है लेकिन इससे एचओडी के पदों पर भर्ती के लिए जो नियमावली एआईसीटीई द्वारा लागू की गई है, उसका पालन नहीं किया गया है। तीन मई 2018 से प्राविधिक शिक्षा के संस्थानों में एआईसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) या ऑल इंडिया काउन्सिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के नियम लागू हैं।
177 पदों पर तैनाती के बाद भी 45 से अधिक अभी भी हैं रिक्त
प्राविधिक शिक्षा विभाग में एचओडी के 177 पदों को भरे जाने के बाद भी करीब 45 एचओडी के पद रिक्त छोड़ दिए गए। एचओडी के ही ये सभी पद कम्प्यूटर व इलेक्ट्रोनिक्स के हैं। वहीं डिप्लोमा स्तर के लेक्चर्र के पदोन्नति का प्रस्ताव भी लंबित है जबकि प्रधानाचार्यों के भी 58 से अधिक पद खाली पड़े हैं। इन सभी पदों को नहीं भर जाने के भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।