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सीधी बहाली के बदले 25 लाख लेकर प्रमोशन से भर दिए पद, मंत्री आशीष पर पल्लवी पटेल का बड़ा आरोप

  • पल्लवी पटेल ने भी प्राविधिक शिक्षा विभाग में इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप लगाया है। कहा कि मौजूदा सेवा नियमावली को दरकिनार कर पुरानी नियमावली के तहत भर्ती करते हुए यह घोटाला किया गया है। पल्‍लवी ने कहा है कि वह इस मामले को विधानसभा में भी उठाएंगी।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानMon, 16 Dec 2024 11:12 AM
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यूपी सरकार में मंत्री और अपना दल एस के कार्यकारी अध्‍यक्ष आशीष पटेल प्राविधिक शिक्षा में विभागाध्‍यक्ष के पदों पर हुए प्रमोशनों को लेकर विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। अपना दल (कमेरावादी) की नेता सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने भी प्राविधिक शिक्षा विभाग में इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा सेवा नियमावली को दरकिनार कर पुरानी नियमावली के तहत भर्ती करते हुए यह घोटाला किया गया है। 25-25 लाख रुपए लेकर सीधी भर्ती की बजाए 250 लेक्‍चररों को प्रमोशन दिया गया। यह बिल्‍कुल गलत है। एआईसीटीई के नियमों को दरकिनार कर दिया गया। पल्‍लवी ने कहा कि वह इस मामले को सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में भी उठाएंगी।

उन्‍होंने आरोप लगाया कि अयोग्य लोगों को विभागाध्यक्ष बनाया गया है। रविवार को हजरतगंज स्थित सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के सामने मीडिया से बातचीत में विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से उत्तर प्रदेश चयन सेवा आयोग के तहत होती है। इसके बावजूद पदोन्नति के आधार पर पद भर दिए गए हैं। आरोप लगाते हुए कहा कि इस भर्ती में प्रत्येक अभ्यर्थी से उगाही की गई है। इस धांधली से सरकार पर 50 करोड़ रुपये सालाना का वार्षिक बोझ भी पड़ा है।

सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाओं की बाढ़

इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आई हुई है। कई पोस्‍ट्स में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश के सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेजों में सीधी भर्ती के बजाए प्रमोशन से विभागाध्‍यक्ष बना दिए गए। आरोप लगाने वालों का कहना है कि मौजूदा नियमों के तहत इन पदों पर सीधी भर्ती होनी चाहिए थी। सीधी भर्ती में आरक्षण मिलता। इसके बजाए प्रदेश भर में लेक्‍चररों को प्रमोट कर सीधे विभागाध्‍यक्ष बना दिया गया। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत तकनीकी शिक्षा की सर्वोच्‍च संस्‍था एआईसीटीई के नोटिफिकेशन के उल्‍लंघन का भी आरोप लगाया जा रहा है।

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