मां मेनका गांधी के लिए चुनाव प्रचार करने सुलतानपुर पहुंचे वरुण गांधी ने कहा कि पूरी दुनिया साथ दे ना दे पर मां कभी साथ नहीं छोड़ती। उन्होंने अपने भाषण के दौरान बीजेपी का जिक्र नहीं किया।
Varun Gandhi News: पीलीभीत से टिकट कटने के बाद भाजपा के निवर्तमान सांसद वरुण गांधी पहली बार 2024 के चुनावी रण में उतरे। उन्होंने सुल्तानपुर में अपनी मां मेनका गांधी के लिए प्रचार किया।
सुल्तानपुर सीट से बीजेपी की प्रत्याशी मेनका गांधी ने अपने बेटे वरुण गांधी और भतीजे राहुल गांधी के बारे में पूछे जाने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने वरुण को टिकट न मिलने के बारे में भी अपनी बात रखी।
भाजपा ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार मुखर रहे वरुण गांधी का टिकट काटकर उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री और पूर्व सांसद जितिन प्रसाद को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया।
इस बार भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया था। सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी ने कहा कि वरुण गांधी क्षमतावान हैं और वह बहुत आगे जाएंगे। उन्होंने पूर्व पीएम चंद्रशेखऱ का उदाहरण दिया।
Lok Sabha Election: कयास लगाए जा रहे हैं कि रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस उतार सकती है। वहीं, बीजेपी ने वरुण गांधी को उतारने का मन बनाया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
Raebareli Lok Sabha Seat: वरुण गांधी के जरिए भाजपा यह प्रभावी रूप से दिखा सकती है कि रायबरेली में जंग भाजपा के गांधी बनाम कांग्रेस के गांधी है। हालांकि, ऐसा होने की संभावनाएं कम ही हैं।
मेनका से पूछा गया कि राबर्ट वाड्रा अमेठी से चुनाव लड़ते हैं तो कितना मजबूत रहेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए राजनीतिक अनुभव जरूरी है। ये देश दामादों की राजनीति से आगे बढ़ चुका है।
पीलीभीत लोकसभा सीट से वरुण गांधी के टिकट कटने पर सांसद मेनका गांधी ने सुलतानपुर में पत्रकारों को जवाब दिया। मेनका गांधी ने कहा कि वरुण को पीलीभीत की जनता प्यार करती हैं। वरुण अच्छे सांसद थे।
पीएम नरेंद्र मोदी खुद ऐसे इलाकों में जाकर कैंपेन कर रहे हैं, जहां के बारे में चर्चा है कि टिकट कटने से नाराजगी है। वह 6 अप्रैल को गाजियाबाद में रोड शो के लिए पहुंचे थे तो मंगलवार को पीलीभीत गए।
Lok Sabha Election: वरुण गांधी पीलीभीत से तीन बार सांसद रह चुके हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने जितिन प्रसाद को सीट से मौका दिया है। प्रसाद ने साल 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।
पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में पिछले तीन दशक से भी ज्यादा वक्त तक अपना दबदबा कायम रखने वाले मां-बेटे यानी मेनका गांधी और वरुण गांधी इस बार इस सीट के चुनावी रण से बाहर हैं।
वरुण की टीम ने बताया है कि पीलीभीत के सांसद चुनाव नहीं लड़ेंगे और सिर्फ अपनी मां के चुनाव प्रचार की ही जिम्मेदारी संभालेंगे। पिछले दिनों बीजेपी ने वरुण को जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था।
वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि वरुण गांधी भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता है, वह पार्टी के साथ है।
गांधी परिवार की छोटी बहू मेनका गांधी और सांसद वरुण गांधी के नाम से पहचान रखने वाली पीलीभीत संसदीय सीट पर इस बार भाजपा ने चेहरा बदल दिया है। जितिन प्रसाद यहां से BJP के प्रत्याशी हैं।
पीलीभीत लोकसभा सीट से वरुण गांधी का टिकट गया है। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें ऑफर दिया है कि साथ आ जाएं। लेकिन वरुण गांधी शायद पार्टी से बागी नहीं होंगे। हालांकि वह नाखुश भी चल रहे हैं।
वरुण गांधी अपने बयानों की वजह से लंबे समय से पार्टी पर बोझ बने हुए थे। इसलिए भाजपा ने इस बार उनका टिकट काट दिया। वहीं किसानों ने ब्रिटिश संसद के लिए कूच कर दिया है। आखिर वहां किसान क्यों आंदोलन कर रहे
Varun Gandhi Lok Sabha Election: उसी वर्ष, वरुण गांधी ने एक आवास पहल शुरू की जिसके तहत उन्होंने गरीबों, मुसलमानों और पिछड़ी जातियों के लिए MP-LAD (संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास) निधि से कई घर बनाए।
कई दिनों से बरेली-बदायूं और पीलीभीत लोकसभा सीट के टिकट को लेकर सस्पेंस रविवार को खत्म हो गया। होली के पर्व पर भाजपा आलाकमान ने उम्मीदवार का ऐलान किया। उम्र-रिश्ते और बयानबाजी को लेकर चर्चा में...
यह जानना दिलचस्प हो जाता है कि 20 मार्च को वरुण गांधी के निजी सचिव ने 4 सेट नामांकन खरीदे थे। इसे लेकर अटकलें लग रही हैं कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में आ सकते हैं।
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भाजपा ने प्रत्याशियों की पांचवी लिस्ट भी जारी कर दी है। भाजपा ने इस लिस्ट में यूपी के 13 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। भाजपा ने बरेली, बदायूं और...
इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने वरुण गांधी को लेकर कहा, ''अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। मुझे कोई जानकारी नहीं है। वरुण के लिए दरवाजे नहीं, लेकिन सॉफ्ट कॉर्नर रहेगा।''
पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को भाजपा से टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय भी मैदान में उतर सकते हैं। इसके अलावा एक चर्चा यह भी चल रही है कि उनके लिए मेनका गांधी ने भाजपा नेतृत्व से बात की है।
समाजवादी पार्टी ने पीलीभीत समेत छह सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। पीलीभीत से भगवत सरन गंगवार को टिकट दिया गया है। सपा का यह फैसला वरुण के लिए झटका माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, यदि बीजेपी वरुण गांधी को टिकट नहीं देती है तो वे निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने प्रतिनिधि से हाल ही में चार सेट नॉमिनेशन पेपर्स भी मंगवा लिए हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में सुल्तानपुर सीट से प्रेम शंकर शुक्ला को टिकट मिल सकता है। इसके अलावा पीलीभीत से संजय गंगवार के नाम पर भी चर्चा चल रही है। मेरठ की सीट को लेकर भी मंथन चल रहा है।
Lok Sabha Chunav: सूत्रों के अनुसार,पीलीभीत से बीजेपी वरुण गांधी का टिकट काट सकती है। पार्टी यहां से कभी राहुल के करीबी नेताओं में रहे और इस समय यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट दे सकती है।
कई दिग्गज भी इस भंवर में फंसे हैं, जिनके टिकट पर संशय बरकरार है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, वरुण गांधी, स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा और सतीश गौतम जैसे नाम शामिल हैं।
मेनका के बेटे वरुण गांधी पीलीभीत से लोकसभा सांसद हैं। भाजपा में उनके भविष्य पर अटकलें लग रही हैं। 2014 में सुल्तानपुर से जीते वरुण गांधी ने 2019 में अपनी मां के साथ सीटों की अदला-बदली कर ली थी।