Hindi Newsदेश न्यूज़Can not think of other reason said Maneka Gandhi on why Varun Gandhi dropped from Pilibhit - India Hindi News

दूसरा और कोई कारण ही नहीं, क्यों कटा वरुण गांधी का टिकट? मेनका ने किया खुलासा

भाजपा ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार मुखर रहे वरुण गांधी का टिकट काटकर उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री और पूर्व सांसद जितिन प्रसाद को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, सुल्तानपुरSat, 11 May 2024 05:32 PM
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद व अपने बेटे वरुण गांधी का टिकट कटने को लेकर उनकी मां मेनका गांधी ने बड़ा खुवासा किया है। मेनका गांधी ने वरुण गांधी को पीलीभीत से टिकट नहीं दिए जाने को लेकर कहा कि वहां से वरुण को होना चाहिए था लेकिन पार्टी ने फैसला कर लिया है, बस इतनी सी बात है। गौरतलब है कि भाजपा ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार मुखर रहे वरुण गांधी का टिकट काटकर उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री और पूर्व सांसद जितिन प्रसाद को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है। 

समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ इंटरव्यू में जब मेनका गांधी से पूछा गया कि क्या सरकार की आलोचना करने पर उनके बेटे वरुण को लोकसभा चुनाव का टिकट गंवाना पड़ा? इसके जवाब में मेनका गांधी ने कहा, "दूसरा और कोई कारण ही नहीं नजर आ रहा।" उन्होंने आगे कहा, "मुझे यकीन है कि वरुण लोकसभा चुनाव टिकट के बिना भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।"

पहले माना जा रहा था कि वरुण पीलीभीत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन भी उन्होंने पर्चा दाखिल नहीं किया, जिसके बाद उनके इस सीट से चुनाव लड़ने की तमाम अटकलों पर विराम लग गया। तीन दशक में पहली बार मेनका गांधी और उनके पुत्र वरुण गांधी दोनों ही पीलीभीत सीट के लिए चुनाव मैदान में नहीं हैं। नेपाल से लगने वाली तराई पट्टी पर स्थित पीलीभीत से इस बार वरुण को टिकट न मिलना आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि किसानों, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर वह कई बार भाजपा की आलोचना कर चुके हैं।

वरुण की मां मेनका सुलतानपुर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और भाजपा ने इसी सीट से उन्हें दोबारा टिकट दिया है। पीलीभीत सीट का प्रतिनिधित्व 1996 से मेनका गांधी या उनके पुत्र वरुण करते रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी वर्ष 2009 में तथा 2019 में पीलीभीत से भाजपा के सांसद चुने गए थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मेनका गांधी ने कहा कि कितने वोट से जीतेंगे यह अनुमान नहीं लगा सकते लेकिन सुलतानपुर लोकसभा सीट जीतेंगे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और सुलतानपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार मेनका ने कहा कि वरुण गांधी यहां आकर उनके लिए प्रचार करना चाहते हैं, लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उत्तर प्रदेश की सुलतानपुर सीट पर आम चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। वरुण गांधी को टिकट नहीं दिए जाने और ऐसे में एक मां के रूप में उन्हें बुरा लगने के सवाल पर मेनका गांधी ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह सकती कि मुझे खुशी हुई, लेकिन मुझे यकीन है कि वरुण बिना टिकट के भी बहुत अच्छा करेंगे।’’

वरुण को इस बार भी पीलीभीत से खड़ा किए जाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, उन्हें वहां (पीलीभीत से भाजपा उम्मीदवार) होना चाहिए था, लेकिन पार्टी ने फैसला ले लिया है, बस इतना ही।’’ क्या भविष्य में वरुण गांधी पहले की तरह सुलतानपुर का रुख कर सकते हैं या अब भी पीलीभीत ही उनकी कर्मभूमि है, इस पर मेनका गांधी ने कहा, ‘‘फिलहाल, निश्चित रूप से पीलीभीत और भारत उनकी कर्मभूमि है, उन्हें सभी जगह काम करने दीजिए।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वरुण गांधी सुलतानपुर में उनके लिये प्रचार करेंगे, तो इसपर मेनका ने कहा कि वह यहां आने को तैयार हैं, ‘‘लेकिन हमने अब तक इसपर कोई फैसला नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सबको इसमें नहीं डालना चाहती।’’ आठ बार की सांसद मेनका ने यह भी कहा कि अपने चुनावों में वह केवल स्थानीय मुद्दों के बारे में बात करती हैं।

पिछली बार मेनका 14,000 से अधिक मतों से जीती थीं। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार उनकी स्थिति कैसी है, इसपर उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस गई हूं और चुनाव सही चल रहा है और उम्मीद है कि हम काफी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’’ क्षेत्र में अपने दिवंगत पति संजय गांधी के विकास कार्यों और लोगों के मन पर उसके व्यापक प्रभाव के बारे में मेनका ने कहा, ‘‘जनता उन्हें बेहद याद करती है।’’

उत्तर प्रदेश में राम मंदिर भाजपा का अहम मुद्दा होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सुलतानपुर में शायद यह कम महत्वपूर्ण है, भले ही यह जिला अयोध्या के बगल में है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘लोग अयोध्या में (राम) मंदिर को लेकर बहुत खुश हैं, (लेकिन) यह चुनावी विमर्श का हिस्सा नहीं है। यह हर किसी के दिल में हो सकता है लेकिन यह आम चर्चा का मुद्दा नहीं है।’’

मेनका गांधी ने विरासत कर का मुद्दा उठाने के लिए कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘इसे उठाना उनके (पित्रोदा) लिए अनुचित था। व्यक्तिगत रूप से, मैं पूरी तरह से विरासत कर के खिलाफ हूं।’’ ‘धन के पुनर्वितरण’ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दावों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पित्रोदा ने जो कहा, वह उस पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।’’ जमीनी स्तर पर फर्क लाने वाली सरकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि लोगों को राशन देने से निश्चित रूप से मदद मिली है और जो अद्भुत चीजें हुई हैं उनमें से एक यह है कि लोगों को पक्के घर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे बहुत प्रभाव पड़ा है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए 400 से अधिक सीटें और भाजपा के लिए 370 सीटें हासिल करने का लक्ष्य यथार्थवादी है, मेनका गांधी ने कहा, ‘‘ऐसा संभव लगता है, अन्यथा उन्होंने ऐसा नहीं कहा होता।’’ अपनी सीट पर जीत और मतों के अंतर के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘‘मैं भविष्यवाणी नहीं करती, लेकिन हम यह सीट जीतेंगे।’’ वर्ष 2019 में भाजपा नेता ने 4,59,196 वोट हासिल कर बसपा के चंद्र भद्र सिंह को सुलतानपुर सीट से हराया था। सिंह को 4,44,670 वोट मिले थे। इस बार उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के राम भुआल निषाद से है।

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