Shani Sade Sati Upay: रविवार को 4 अगस्त के दिन हरियाली अमावस्या है। साढेसाती का प्रभाव कम करने और शनि देव की असीम कृपा पाने के लिए सावन की अमावस्या पर करें ये खास उपाय।
हर कोई शनि के अशुभ प्रभावों से भयभीत रहता है। शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए भगवान शंकर की अराधना करनी चाहिए। इस समय सावन का महीना चल रहा है। भगवान शंकर की कृपा से शनि दोषों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन आनंद से भर जाता है।
Amavasya ke Upay: 5 जुलाई को आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि है। मान्यता है की आषाढ़ अमावस्या पर कुछ उपाय कर लेने से शनि की साढेसाती और ढैया के बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शनिदेव के अशुभ होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो शुभ होने पर व्यक्ति का भाग्योदय हो जाता है। शनि रंक को भी राजा बना सकते हैं।
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से शनिदेव की पूजा- अर्चना की जाती है। इस समय मकर, कुंभ, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।
Shani Jayanti : ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था। इस दिन को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है। इस पावन दिन शनि देव की पूजा- अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
Shani Dev : शनिदेव 29 मार्च 2025 को मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। 29 मार्च 2025 तक शनि कुंभ राशि में ही रहेंगे। शनि की साढ़ेसाती लगने पर व्यक्ति का जीवन प्रभावित हो जाता है।
Shani : आज वैसाख मास की मासिक शिवरात्रि है। इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान शंकर और माता पार्वती की कृपा से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
Pradosh Vrat : इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। इस व्रत में प्रदोष काल में पूजा करने का बहुत अधिक महत्व होता है।
Holashtak : 17 फरवरी से होलाष्टक लग जाएगा। 25 मार्च होली तक होलाष्टक मान्य रहेगा। होलाष्टक की अवधि में ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है, जिस कारण से इनके दुष्प्रभाव का खतरा बढ़ जाता है।
Mahashivratri Shani Ki Sade Sati : इस साल महाशिवरात्रि का पावन पर्व 8 मार्च 2024, शुक्रवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
Shani Sade Sati : इस समय कुंभ, मकर, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Shani Ke Upay: शनि की अच्छी स्थिति जीवन को सुख-समृद्धि से भर देती है। शनिवार का दिन शनि को समर्पित है। शनिवार के दिन कुछ खास उपाय करने से शनि को खुश करने के साथ साढ़ेसाती का प्रभाव भी कम कर सकते हैं।
Shani Dev : इस समय कुंभ, मकर, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Shani Dev : शनि के राशि परिवर्तन से किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है तो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है। शनि ढाई साल में एक बार चाल बदलते हैं।
Hanuman Ji Upay : मंगलवार के दिन विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। हनुमान जी इस कलयुग में जागृत देव हैं और हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
Shani Dev : शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हर शनिवार को दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इस समय मकर, कुंभ, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और तुला, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।
Shani Dev : इस समय कुंभ, मकर, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Shani Dev : इस समय मकर, कुंभ, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और वृश्चिक, कर्क राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Sade Sati : इस समय मकर, कुंभ, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और वृश्चिक, कर्क राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Shani Dev : शनि ढाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं। शनि के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशियों को फायदा होता है तो कुछ राशियों को नुकसान होता है। शनिदेव साल 2024 में राशि परिवर्तन नहीं करेंगे।
Shani Sade Sati : शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भगवान शंकर और माता पार्वती की कृपा से व्यक्ति को सभी तरह के सुखों का अनुभव होता है।
Shani Dev : शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करनी चाहिए।
Shani : इस समय मकर, कुंभ, मीन वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है और कर्क, वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Shani Sade Sati : इस समय शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए नवरात्रि की अष्टमी पर विधि- विधान से मां दुर्गा की पूजा- अर्चना करनी चाहिए।
shani sade sati and dhaiya upay : 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गई हैं। 23 अक्टूबर तक नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। मां दुर्गा की कृपा से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
Shani : इस समय कुंभ, मकर, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि देव के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। भगवान शंकर की कृपा से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। 12 अक्टूबर को मासिक शिवरात्रि है।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए नवरात्रि पर विधि- विधान से मां दुर्गा की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। इस साल 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा।
शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या की वजह से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित व्यक्ति को विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करनी चाहिए।