Hindi Newsधर्म न्यूज़Amavasya ke Upay: Do these 3 things on Ashadha Amavasya the effect of Shani Sade Sati will be reduced

कुंभ, वृश्चिक, मकर समेत 2 राशियां आषाढ़ अमावस्या पर करें 3 काम, शनि साढेसाती का प्रभाव होगा कम

Amavasya ke Upay: 5 जुलाई को आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि है। मान्यता है की आषाढ़ अमावस्या पर कुछ उपाय कर लेने से शनि की साढेसाती और ढैया के बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है।

Shrishti Chaubey नई दिल्ली,लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 4 July 2024 02:50 AM
share Share

Amavasya ke Upay : अमावस्याहर महीने में 1बार आतीहै। शुक्रवारको 5 जुलाईके दिन आषाढ़मास की अमावस्या है। ज्योतिष विद्या के अनुसार, कर्क, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढे साती और ढैया का बुरा प्रभाव चल रहाहै। मान्यता है की आषाढ़ अमावस्यापर कुछ उपाय कर लेने से शनि की साढे साती और ढैया के बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसलिए शनि देव की असीम कृपा पाने के लिए आषाढ़ अमावस्या पर करें शनि चालीसा का पाठ और ये 2 उपाय-

ये भी पढ़ें:3 राशियों के जीवन में खूब मचेगी हलचल, 8 जुलाई से केतु की चाल बढ़ाएगी टेंशन

शनि चालीसा

दोहा

जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महराज।

करहुं कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।।

चौपाई

जयति-जयति शनिदेव दयाला।

करत सदा भक्तन प्रतिपाला।।

चारि भुजा तन श्याम विराजै।

माथे रतन मुकुट छवि छाजै।।

परम विशाल मनोहर भाला।

टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।।

कुण्डल श्रवण चमाचम चमकै।

हिये माल मुक्तन मणि दमकै।।

कर में गदा त्रिशूल कुठारा।

पल विच करैं अरिहिं संहारा।।

पिंगल कृष्णो छाया नन्दन।

यम कोणस्थ रौद्र दुःख भंजन।।

सौरि मन्द शनी दश नामा।

भानु पुत्रा पूजहिं सब कामा।।

जापर प्रभु प्रसन्न हों जाहीं।

रंकहु राउ करें क्षण माहीं।।

पर्वतहूं तृण होई निहारत।

तृणहंू को पर्वत करि डारत।।

राज मिलत बन रामहि दीन्हा।

कैकइहूं की मति हरि लीन्हा।।

बनहूं में मृग कपट दिखाई।

मात जानकी गई चुराई।।

लषणहि शक्ति बिकल करि डारा।

मचि गयो दल में हाहाकारा।।

दियो कीट करि कंचन लंका।

बजि बजरंग वीर को डंका।।

नृप विक्रम पर जब पगु धारा।

चित्रा मयूर निगलि गै हारा।।

हार नौलखा लाग्यो चोरी।

हाथ पैर डरवायो तोरी।।

भारी दशा निकृष्ट दिखाओ।

तेलिहुं घर कोल्हू चलवायौ।।

विनय राग दीपक महं कीन्हो।

तब प्रसन्न प्रभु ह्नै सुख दीन्हों।।

हरिशचन्द्रहुं नृप नारि बिकानी।

आपहुं भरे डोम घर पानी।।

वैसे नल पर दशा सिरानी।

भूंजी मीन कूद गई पानी।।

श्री शकंरहि गहो जब जाई।

पारवती को सती कराई।।

तनि बिलोकत ही करि रीसा।

नभ उड़ि गयो गौरि सुत सीसा।।

पाण्डव पर ह्नै दशा तुम्हारी।

बची द्रोपदी होति उघारी।।

कौरव की भी गति मति मारी।

युद्ध महाभारत करि डारी।।

रवि कहं मुख महं धरि तत्काला।

लेकर कूदि पर्यो पाताला।।

शेष देव लखि विनती लाई।

रवि को मुख ते दियो छुड़ाई।।

वाहन प्रभु के सात सुजाना।

गज दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना।।

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।

सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।

हय ते सुख सम्पत्ति उपजावैं।।

गर्दभहानि करै बहु काजा।

सिंह सिद्धकर राज समाजा।।

जम्बुक बुद्धि नष्ट करि डारै।

मृग दे कष्ट प्राण संहारै।।

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।

चोरी आदि होय डर भारी।।

तैसहिं चारि चरण यह नामा।

स्वर्ण लोह चांदी अरु ताम्बा।।

लोह चरण पर जब प्रभु आवैं।

धन सम्पत्ति नष्ट करावैं।।

समता ताम्र रजत शुभकारी।

स्वर्ण सर्व सुख मंगल भारी।।

जो यह शनि चरित्रा नित गावै।

कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै।।

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।

करैं शत्राु के नशि बल ढीला।।

जो पंडित सुयोग्य बुलवाई।

विधिवत शनि ग्रह शान्ति कराई।।

पीपल जल शनि-दिवस चढ़ावत।

दीप दान दै बहु सुख पावत।।

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।

शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।

 

ये भी पढ़ें:मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब होगी शुरू? 2025 में 1 राशि को मिलेगी मुक्ति!

पितृ-दोष उपाय

पितृ नाराज हो जाए तो परिवार पर संकटों का पहाड़ टूटने लगता है। छोटे से छोटे कामों में भी रुकावटें पैदा होने लगती हैं। इसलिए अपने पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं या पितृदोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आषाढ़ मास की अमावस्या के दिन पितृ कवच का पाठ करें। इस पाठ के साथ पितृ स्तोत्र या पितृ सूक्तम का पाठ भी कर सकते हैं, जिससे पितरों का आशीर्वाद मिलेगा साथ ही पितृ दोष भी दूर होगा।

शिव-पूजा

आषाढ़ अमावस्या के दिन भोलेनाथ की आराधना करने से शनि देव के बुरे प्रभाव को कम कर सकते हैं। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने और पंचामृत से जलाभिषेक करने से विशेष फल प्राप्ति की होती है। वहीं, शनि की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव कम करने, पितृ दोष और सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र, गंगाजल, कच्चा दूध चढ़ाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। इससे परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें