हिमाचल प्रदेश में पीएम मोदी ने दो दिन (5 और 9 नवंबर) को दो-दो यानी कुल चार रैलियों को संबोधित किया, जबकि होम मिनिस्टर अमित शाह ने 15 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच कुल 9 रैलियां की थीं।
एग्जिट पोल भारत में अक्सर चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करते समय गलत हो जाते हैं क्योंकि इस खेल में कई जटिल कारक होते हैं।मतदाता जब पोलिंग बूथ से बाहर निकलते हैं, तब उनसे बातचीत कर इसका अनुमान लगाते है
इस बार चुनाव कुछ इस तरह हुए कि जनता ने किसी को निराश ही नहीं किया। गुजरात में भाजपा को जीत मिली तो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बहुमत मिल रहा है। वहीं दिल्ली एमसीडी में केजरीवाल को जीत मिली।
मतों की गिनती का काम सुबह आठ बजे से शुरू होगा और सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती की जायेगी। इसमें कहा गया है कि सुबह आठ बजे से पहले तक प्राप्त होने वाले डाक मतपत्रों की गिनती में शामिल किया जायेगा।
Himachal Exit Poll: तमाम सर्वे एजेंसियों की तरह टुडेज चाणक्याा ने भी हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए एग्जिट पोल किया है। पोल के अनुसार, हिमाचल में बीजेपी और कांग्रेस को 33-33 बराबर सीटें दी गई हैं।
पहाड़ी प्रदेश हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर मतदान सुबह 08 बजे शुरू हो चुका है। संजय राउत ने दावा किया कि हम 2019 में शिंदे को सीएम बनाना चाहते थे। पढ़ें, सुबह की बड़ी खबरें...
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होना है। चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। 2017 में बीजेपी ने 68 सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। तब कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटें मिली थीं।
निर्वाचन आयोग ने चुनावों में मुफ्त के वादे रोकने के लिए नियमों को लेकर राजनीतिक दलों से सलाह मांगी थी, जिसमें सिर्फ पांच दलों ने ही अपनी राय आयोग को भेजी है।
भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने हिमाचल प्रदेश के मंडी, शिमला और कांगड़ा जैसे जिलों में दौरे किए थे। तब लगा था कि आम आदमी पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में एक बड़ी प्लेयर होगी। पर अब ऐसा नहीं है।
भारत निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया है। जबकि, गुजरात की तारीखें सामने नहीं आई हैं। इसके बाद भी 16 अक्टूबर यानी रविवार को केजरीवाल भावनगर में गरजे।