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Hindi Newsदेश न्यूज़who held more rallies in Gujarat and Himachal Pradesh than PM Narendra Modi among BJP Leaders JP Nadda Amit Shah - India Hindi News

गुजरात में PM मोदी से भी ज्यादा की चुनावी रैलियां, हिमाचल में भी रहे नंबर-2, जानें- कौन हैं वो शख्स?

हिमाचल प्रदेश में पीएम मोदी ने दो दिन (5 और 9 नवंबर) को दो-दो यानी कुल चार रैलियों को संबोधित किया, जबकि होम मिनिस्टर अमित शाह ने 15 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच कुल 9 रैलियां की थीं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 14 Dec 2022 07:23 AM
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गुजरात के हालिया चुनावों में बीजेपी ने जहां 182 सदस्यों वाली विधानसभा में 156 सीटें जीतकर ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है, वहीं एक शख्स ऐसे भी हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा चुनावी रैलियां और रोड-शो कर पीएम नरेंद्र मोदी से भी लंबी लकीर खींच दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में 19 नवंबर से 2 दिसंबर तक जहां कुल 27 रैलियाँ और 40 किलोमीटर लंबा एक रोड-शो अहमदाबाद में किया है, वहीं बीजेपी में नंबर दो कहलाने वाले यानी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने गृह राज्य में कुल 36 रैलियां की हैं। इनके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नंबर है, जिन्होंने कुल 23 रैलियां की हैं।

पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी चुनावी रैलियां करने के मामले में अमित शाह पीएम मोदी से आगे निकल गए हैं। हिमाचल प्रदेश में पीएम मोदी ने दो दिन (5 और 9 नवंबर) को दो-दो यानी कुल चार रैलियों को संबोधित किया, जबकि अमित शाह ने 15 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच कुल 9 रैलियां की थीं। इस पहाड़ी राज्य में बीजेपी की तरफ से सबसे ज्यादा चुनावी रैलियां बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की। हिमाचल नड्डा का गृह राज्य है। यहां उन्होंने कुल 20 रैलियां कीं। योगी आदित्यनाथ ने भी पहाड़ी राज्य में पांच रैलियां की लेकिन उनकी पार्टी 68 सीटों में सिर्फ 25 ही जीत सकी।

हालांकि, जेपी नड्डा के लिए इस चुनाव में एकमात्र सांत्वना और संतोष की बात यह है कि उनकी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बीच का वोट शेयर का अंतर सिर्फ 0.9% था यानी कुल 37,974 वोट का ही अंतर रहा। कांग्रेस का वोट शेयर 43.9 प्रतिशत (18,52,504 वोट) था; जबकि बीजेपी ने 43 फीसदी (18,14,530 वोट) जीते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर मोदी और शाह समेत बीजेपी के नेताओं ने इस राज्य पर थोड़ा और ध्यान दिया होता तो क्या हिमाचल का रिवाज बदल सकता था और सत्ता को बरकरार रखा जा सकता था?

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