उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य सरकार से यह भी अपील की कि किसी भी हालत में उद्धव ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे के स्मारक के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। उस स्मारक का उद्धव ठाकरे से कोई संबंध नहीं रहना चाहिए।
पुलिस ने इस बारे में अभी तक विस्तार से जानकारी नहीं दी है। हालांकि, यह बताया कि आरोपी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उपमुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने फडणवीस को बताया कि MSRTC ने हाल ही में 1,310 बसों को किराए पर लेने के लिए तीन निजी कंपनियों को आशय पत्र (LoI) दिया था।
छगन भुजबल को उम्मीद थी कि उन्हें कम से कम कैबिनेट में जरूरी शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा था कि मैं किसी के हाथ का खिलौना नहीं हूं कि जब चाहा खेला और जब चाहा रख दिया। बागी रुख के चलते ही उनके भाजपा में जाने की चर्चाएं तेज हैं।
एकनाथ शिंदे के फिर से गांव पहुंचने पर चर्चाएं तेज हैं। सोमवार को अजित पवार अपना कामकाज संभालने जा रहे हैं तो वहीं एकनाथ शिंदे गांव पहुंच गए हैं। यह सामान्य बात नहीं हो सकती। दरअसल विभागों के बंटवारे के बाद अब महाराष्ट्र के तीन सत्ताधारी दलों के बीच प्रभारी मंत्रियों को लेकर संघर्ष की स्थिति है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को अपने मंत्रिपरिषद को विभागों का आवंटन किया, जिसमें महत्वपूर्ण गृह विभाग अपने पास रखा। यह एकनाथ शिंदे के लिए किसी झटके से कम नहीं माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री फडणवीस को गृह मंत्रालय के साथ-साथ कानून और न्याय विभाग का प्रभार दिया गया है। यह विभाग राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
अजित पवार ने आरएसएस मुख्यालय से दूरी बनाकर साफ कर दिया कि वह सत्ता और विचारधारा दोनों को साधना चाहते हैं और किसी से भी समझौता नहीं करेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनका यह भी रुख नजर आया था, जब उन्होंने नवाब मलिक को भाजपा के ऐतराज के बाद भी चुनाव में लड़ाया।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे गुरुवार को आरएसएस मुख्यालय पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहाकि मैं बचपन से शाखा जाता था, यहां आकर प्रेरणा मिलती है।
विधान परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव 2022 और 2023 में शिवसेना और एनसीपी के विभाजन के कारण नहीं हो पाए थे। बीजेपी के पास परिषद में बहुमत है, लेकिन शिवसेना इस पद को प्राप्त करने के लिए इच्छुक थी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की है। इस मुलाकात ने राजनीतिक चर्चाओं को तेज कर दिया है।
भुजबल ने कहा कि वह नई कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाखुश हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं एक साधारण राजनीतिक कार्यकर्ता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुझे दरकिनार कर दिया गया या पुरस्कृत किया गया।’ एनसीपी लीडर ने कहा, ‘मंत्री पद आते-जाते रहते हैं, लेकिन उन्हें खत्म नहीं किया जा सकता।’
सबसे बड़ी मुश्किल तो एकनाथ शिंदे के सामने खड़ी हो गई है और उनकी पार्टी के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने विदर्भ के संयोजक और उपनेता के पद से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए एकनाथ शिंदे से कहा कि ऐसा लगता है कि हमने आपका साथ देकर ही गलती कर दी।
राज्यपाल ने नागपुर में नवनिर्वाचित मंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलाई, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार शपथ लिए मंत्रियों का कार्यकाल पांच साल का नहीं, बल्कि ढाई साल का होगा और मंत्री पद का शपथ लेने के बाद उन्हें शपथ पत्र भी लिखना होगा।
सीएम फडणवीस ने जोर दिया कि मंत्रियों को प्रदर्शन की कसौटी में खरा उतरना होगा। शिंदे ने कहा कि उनकी पार्टी से आने वाले मंत्रियों का कार्यकाल ढाई साल का होगा। वहीं, अजित पवार ने चेताया कार्यकाल ढाई साल क्या ढाई महीने का भी हो सकता है।
Maharashtra Ministers Full List: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार रविवार को हुआ। चंद्रशेखर बावनकुले, चंद्रकांत पाटिल, दादा भुसे समेत कई को मंत्री बनाया गया है। यहां देखिए पूरी लिस्ट
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एकनाथ शिंदे को नाराज होने का कोई कारण ही नहीं है। हमारी काफी ज्यादा सीट है। पिछली बार भी ज्यादा थी, लेकिन तब भी एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया था।
अजित पवार से भी अलग से अमित शाह मिल रहे हैं। वहीं डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में ही हैं और वह दिल्ली नहीं आए। यहां तक कि अपने ठाणे स्थित घर पर ही रहे। ऐसे में कयास तेज हैं कि एकनाथ शिंदे क्या फिर से नाराज हैं और विरोध दर्ज कराने के लिए ही वह दिल्ली नहीं गए।
बीजेपी अपनी मौजूदा मंत्रियों को पोर्टफोलियो सौंपने की योजना बना रही है। वहीं, एनसीपी भी अपने पुराने मंत्रियों पर ही भरोसा जताएगी। लेकिन एकनाथ शिंदे शिवसेना के नए विधायकों को मंत्री बना सकते हैं।
एकनाथ शिंदे ने पद संभालते ही चिवटे को सीएम रिलीफ फंड की कमान सौंपी थी, लेकिन अब फडणवीस ने भी सत्ता बदलते ही चिवटे को हटा दिया है। रामेश्वर नाइक को देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है। वह फडणवीस के डिप्टी सीएम रहने के दौरान मेडिकल एड सेल का काम देख रहे थे।
अखबार से बातचीत में शिंदे के एक करीबी ने कहा, 'इस पूरी प्रक्रिया में शिंदे उनके साथ हुए व्यवहार से भी खफा हैं।' उन्होंने कहा, 'उन्हें हर चीज में तोल मोल करना पड़ा। उन्हें लगता है कि सत्ता में उन्हें उचित हिस्सा नहीं दिया गया।
एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की मुश्किलें फिर से बढ़ा दी हैं। दरअसल, विभागों के बंटवारे को लेकर अब बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी आमने-सामने आ गई है। बीजेपी और शिवसेना, दोनों ही गृह मंत्रालय चाहते हैं।
खबर है कि शरद पवार की पार्टी के कई सांसद भाजपा के संपर्क में है और वे पालाबदल कर सकते हैं। इन सांसदों का कहना है कि प्रदेश की सत्ता पर भाजपा काबिज है और केंद्र में भी उसकी सरकार है। ऐसे में भाजपा के साथ जाने से क्षेत्र का विकास करना आसान होगा।
महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण के बाद से सबकी निगाहें मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई हैं। खबरों के मुताबिक पावर शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बुधवार को पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने वाला है। इससे पहले महायुति 14 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है।
भाजपा के राहुल नार्वेकर निर्विरोध महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं। वह राज्य की कोलाबा सीट से विधायक हैं और पार्टी ने उन्हें दूसरी बार यह जिम्मेदारी सौंपी है।
कहा जा रहा था कि महायुति में शिवसेना की तरफ से गृह मंत्रालय मिलने का दबाव मिल रहा था। इधर, 288 में से 132 सीटें अपने नाम करने वाली भाजपा गृहमंत्रालय भी अपने पास रखने पर जोर दे रही है।
मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे सामूहिक रूप से तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे गृह मंत्रालय हो या कोई अन्य विभाग हम सब मिलकर फैसला करेंगे।
महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। शिवसेना विधायक भरत गोगावले ने दावा किया कि शिंदे ने गृह विभाग मांगा है।
देवेंद्र फडणवीस ने अपने हालिया इंटरव्यू में संकेत किया कि आखिर एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम के पद के लिए कैसे राजी हुए। फडणवीस ने विभागों के बंटवारे को लेकर भी अपनी बाद सामने रखी।