मुंबई से निकल ही रहे थे अमित शाह, अचानक एकनाथ शिंदे से करनी पड़ी अर्जेंट मीटिंग; महायुति में खटपट?
- भाजपा के एक नेता ने अखबार को बताया, 'शुक्रवार को भी शिंदे ने शाह के साथ बंद कमरे में बैठक की थी। वो मीटिंग शाह के आने के तुरंत बाद हुई थी।'

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बार-बार हो रहीं मुलाकातों ने महायुति में खटपट की अटकलें तेज कर दी हैं। हालांकि, खुद शिंदे ने गठबंधन की सरकार में किसी तरह के विवाद से इनकार किया है। खबर है कि शिवसेना गठबंधन में हो रहे व्यवहार से खफा है। हालांकि, इसे लेकर पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे कथित तौर पर शाह से शिकायत करने के लिए मिले थे। उनकी शिकायत थी कि किस तरह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से उन्हें और उनकी पार्टी को साइडलाइन किया जा रहा है। रविवार को भी शिंदे और शाह के बीच अचानक बैठक हुई, जो पहले से तय नहीं थी। अखबार को भाजपा के एक नेता ने बताया कि इस बैठक के चलते शाह विलंब से मुंबई से निकल सके।
भाजपा के एक नेता ने अखबार को बताया, 'शुक्रवार को भी शिंदे ने शाह के साथ बंद कमरे में बैठक की थी। वो मीटिंग शाह के आने के तुरंत बाद हुई थी।' उन्होंने बताया है कि शनिवार को ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ भी शिंदे, शाह की मीटिंग में शामिल रहे थे।
क्या हैं शिकायतें
बैठकों के दौरान शिंदे ने कथित तौर पर फडणवीस, पवार और उनके बीच बढ़ रही दरार पर चिंता जाहिर की है। शिवसेना रायगढ़ और नाशिक के पालक मंत्रियों के फैसले में देरी पर नाराज है। साथ ही पार्टी के मंत्रियों के कामों में सीएम ऑफिस के दखल और फंड रिलीज में हो रही परेशानियों से खफा हैं।
अंग्रेजी अखबार से बातचीत में शिवसेना के एक नेता बताते हैं, 'सरकार में गठबंधन के साथियों के तरफ से मिल रहे दूसरे दर्जे के व्यवहार के चलते पार्टी नेतृत्व नाराज है।' उन्होंने कहा कि शिवसेना से कम सीटें होने के बाद भी एनसीपी को तरजीह दी गई।
उन्होंने कहा, 'चाहे बजट आवंटन हो या विधायी समितियों में नियुक्तियां, शिवसेना के साथ दूसरे दर्जे का व्यवहार हो रहा है। शिवसेना विधायकों के क्षेत्रों को लेकर फंडिंग से जुड़ी फाइलों को नियमित रूप से टाला जा रहा है। हम बोर्ड्स और निगमों में नियुक्तियों को लेकर चिंतित हैं।'
एक अन्य नेता ने बताया कि MSRTC यानी महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के स्टाफ को मार्च की सैलरी में देरी विवाद का ताजा मुद्दा है। उन्होंने कहा, 'MSRTC स्टाफ को हिस्सों में सैलरी देना शर्मिंदगी की बात है, क्योंकि हमारे नेता प्रताप सरनाईक ट्रांसपोर्ट मंत्री हैं।'
शिंदे ने क्या कहा
शिंदे ने राज्य में ‘महायुति’ के भीतर फूट पड़ने की अफवाहों को रविवार को खारिज कर दिया और कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन में सब कुछ ठीक है। उन्होंने कहा कि यदि कोई मुद्दा होगा तो उसे बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, 'महायुति में कोई कलह नहीं है। सब कुछ ठीक है। हम काम करते हैं और शिकायत नहीं करते।' शिवसेना नेता उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिनमें कहा गया था कि उन्होंने शाह से उपमुख्यमंत्री पवार के बारे में शिकायत की है।