रविवार को नरहौली गांव में खेत में 30 फीट गहरे कुएं में एक मादा कबर बिज्जू और उसके दो बच्चे गिर गए। वन विभाग की टीम ने चार घंटे की मेहनत के बाद उन्हें सुरक्षित निकाला और प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया।...
पूर्व में एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ का कर चुके वेब सीरीज बनाने वालों ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता को लेकर मध्य प्रदेश पर्यटन और ‘एमपी टाइगर फाउंडेशन’ से भी संपर्क किया है।
चीतों के अगले बैच को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में लाया जाएगा जिसे चीतों के रहने के लिए दूसरे घर के रूप में चुना गया है। गौरतलब है कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से ही चीतों की क्षमता से 20 अधिक चीते हैं।
कुनो के बाद मध्य प्रदेश सरकार चीतों के लिए राज्य में दूसरा घर बनाने वाली है। इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। केन्या और दक्षिण अफ्रीका की टीम दौरा कर चुकी है।
मध्यप्रदेश के कूनो अभ्यारण्य से एक चीता निकलकर राजस्थान के करौली के मंडरायल डांग क्षेत्र के सिमारा गांव में आ गया। चीता को देखा तो ग्रामीणों में दहशत है। वन अधिकारी मौके पर पहुंच गए है।
मादा चीता वीरा खेत में ही नीलगाय को खा ही रही थी। उसी समय कुछ गांव वाले जंगल की ओर गए थे। इन गांव वालों ने चीते को देखने के बाद शोर मचा दिया। उनका शोर सुनकर कई गांव वाले एकत्रित हो गए।
बीते दिनों कूनो से दो चीते बाहर निकल आए थे। एमपी के मुरैना जिले में दोनों की मौजदगी देख गई थी। नर चीता कूनो में वापस लौट गया है लेकिन मादा वीरा अभी भी बाहर घूम रही है। लोगों में दहशत का माहौल है।
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क के दो चीते जंगल से निकल गए हैं। वन विभाग ने बताया कि दो चीते एक बार फिर से कूनो जंगल की सीमा को लांघकर बाहर घूम रहे हैं। वन विभाग ने क्या कहा।
मध्य प्रदेश के कूनो में मादा चीता गामिनी ने 5 नहीं बल्कि 6 शावकों जन्म दिया है। केंद्रीय वन मंत्री ने वीडियो साझा कर पुष्टि की है। पहली बार मां बनी मादा चीता गामिनी ने एक रिकॉर्ड भी बनाया है। VIDEO-
इस योजना से जुड़े हुए एक व्यक्ति ने बताया कि चीतों को रखने के लिए जैसलमेर सबसे उपयुक्त जगह है लेकिन सुरक्षा और रक्षा बल व स्थानीय लोग इस परियोजना के समर्थन में नहीं हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि भारत में चीतों को लाने के बाद से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अब तक 11 शावकों का जन्म हुआ। इनमें से 2 महीने के करीब 3 तीन शावकों की मौत पिछले साल 23 मई को हो गई।
कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आई मादा चीता ज्वाला ने 3 शावकों को जन्म दिया है। बीते दिनों मादा चीता आशा ने भी शावकों को जन्म दिया था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने VIDEO शेयर किया है।
कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को नामीबिया से लाए गए चीते शौर्य की मौत हो गई। उसे चीतों की मॉनिटरिंग करने वाली टीम ने अचेत पाया था। उसका इलाज चल रहा था। इसके साथ कुल 10 चीतों की मौत कूनो में हुई है।
भारत में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया से चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। इन्हीं चीतों में से मादा चीता आशा ने तीन नन्हें शावकों को जन्म दिया है। सभी स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में पर्यटकों का आना-जाना शुरू हो चुका है। कूनो नेशनल पार्क के अहिर गेट से पर्यटक जाकर पार्क में चीते के साथ टाइगर, लेपर्ड और अन्य जंगली जानवर का दीदार कर रहे हैं।
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुरल आर ने बताया कि चीता अग्नि शाम को एमपी की सीमा को पार कर राजस्थान के केलवाड़ा इलाके के जंगल में पहुंच गया था। जिसे हमारे वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर लिया है।
Kuno National Park : सबसे पहले कूनो नेशनल पार्क के पारोंन जंगल में अग्नि और वायु दो चीतों को छोड़ा गया था। जिसमें अग्नि चीता कूनो नेशनल पार्क की सीमा से अब अचानक बाहर जा चुका है। लोग दहशत में हैं।
कूनो नेशनल पार्क के बाड़े से मादा चीता वीरा को स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद बुधवार की शाम खुले जंगल में छोड़ा गया है। मादा चीता वीरा को कूनो के नयागांव वन क्षेत्र में छोड़ा गया है।
Kuno National Park : नयागांव वनक्षेत्र पीपलबावडी पर्यटन जोन में आता है। पर्यटन जोन में चीतों की मौजूदगी से अब पर्यटक इन शानदार वन्य जीवों का दीदार कर सकते हैं। अब पर्यटकों का इंतजार खत्म हो गया है।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) के बाहर करीब 180 हेक्टेयर में चीता सफारी बनाने की तैयारी कर ली गई है। इसमें 130 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर राजस्व भूमि होगी।
नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो में दो समूहों में 20 चीते लाए गए थे, लेकिन मार्च के बाद से इनमें से छह वयस्क चीतों की विभिन्न कारणों से मौत हो गई है।
उन्होंने कहा कि चीता सफारी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार भी सृजित होंगे। तैयारियां चल रही हैं। 150-180 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
भारत में विलुप्त हो चुके चीतों के पुनरुद्धार को इस महीने एक साल पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को अफ्रीकी चीतों को कुनो में जंगल में छोड़ा था।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से 20 दिन से लापता मादा चीता नीरवा का अबतक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। वन विभाग की टीम ड्रोन निगरानी के बाद अब हेलीकाप्टर से नीरव की खोज कर सकती है।
वन विभाग के मुताबिक, दसों आरोपियों के कब्जे से कुल्हाड़ी, शिकार में इस्तेमाल होने वाले पांच फंदे और कुछ अन्य शिकार से जुड़े हथियार जब्त किए गए हैं। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
चीता प्रोजेक्ट के तहत 8 नामीबियाई चीतों (पांच मादा और तीन नर) को पिछले साल 17 सितंबर को कूनो के बाड़ों में छोड़ा गया था। मालूम हो कि फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी लाए गए।
कूनो में चीतों की मौत पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने वाली एक्सपर्ट टीम ने सरकार को सलाह दी है कि प्रोजेक्ट चीता के तहत कम उम्र के चीतों को लाया जाए। अबतक हुई मौतें रिहैबिलिटेशन के दौरान संभावित थीं।
इस समिति में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञ शामिल हैं। ये एक्सपर्ट राष्ट्रीय चीता परियोजना संचालन समिति के सदस्य हैं। चीतों को विदेश से भारत लाने के क्रम में इस समिति का मुख्य योगदान था।
Kuno National Park : टिबलिसी की मौत कैसे हुई? अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं हो पाई है। टिबलिसी की लाश कूनो के बाहरी इलाके में मिली है। फिलहाल उसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है
Kuno National Park : कूनो नेशनल पार्क में कुल 24 चीतों में से तीन शावकों समेत 8 चीतों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि कुछ चीतों की मौत रेडियो कॉलर्स की वजह से इन्फेक्शन से हुई है।