Hindi Newsदेश न्यूज़India expediting efforts to bring next batch of cheetahs by year end form Africa

और अफ्रीकी चीते जल्द आयेंगे भारत… कूनों नहीं, इस जगह पर होगा नया ठिकाना; तैयारियां तेज

  • चीतों के अगले बैच को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में लाया जाएगा जिसे चीतों के रहने के लिए दूसरे घर के रूप में चुना गया है। गौरतलब है कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से ही चीतों की क्षमता से 20 अधिक चीते हैं।

Jagriti Kumari भाषा, नई दिल्लीWed, 28 Aug 2024 02:23 PM
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सरकार ने इस साल के अंत तक 12 से 14 और चीतों को भारत लाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इस सिलसिले में बातचीत करने के लिए जल्द ही भारतीय प्रतिनिधिमंडल दक्षिण अफ्रीका की यात्रा कर सकता है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक इसके लिए केन्या के साथ भी बातचीत की जा रही है और एक समझौते को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चीतों के अगले समूह को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में लाने की योजना है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हम इस मामले पर दक्षिण अफ्रीका से बातचीत कर रहे हैं। एक प्रतिनिधिमंडल ग्राउंड लेवल पर बातचीत करने के लिए सितंबर के अंत में या अक्टूबर की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगा। चीतों का अगला समूह इन दोनों में से किसी भी देश से आ सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने दक्षिण अफ्रीका को बताया है कि हम चीता प्रोजेक्ट स्टीरिंग कमेटी की सिफारिश और योजना के मुताबिक इस साल के अंत तक चीतों का एक और समूह लाने की कोशिश तेज करना चाहते हैं।’’

गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य होगा नया ठिकाना

चीतों के अगले बैच को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में लाया जाएगा जिसे चीतों के रहने के लिए दूसरे घर के रूप में चुना गया है। गौरतलब है कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से ही चीतों की क्षमता से 20 अधिक चीते हैं। भारत में चीतों के पहले ठिकाने कुनो में ज्यादा तेंदुओं की आबादी और कम शिकार की वजह से दिक्कतें आ रही हैं। केंद्रीय समिति के मुताबिक सितंबर 2022 में भारत में चीतों को फिर से लाने के बाद से उनके लिए शिकार की व्यवस्था करना और तेंदुआ से बचाना प्रमुख चुनौतियां हैं। कम शिकार की वजह से ही पिछले साल अगस्त में जंगल से वापस लाए जाने के बाद चीतों को कुनो के बाड़ों में रखा गया था। फिलहाल अधिकारी कुनो और गांधी सागर दोनों में शिकार की व्यवस्था कर रहे हैं। इसके अलावा तेंदुओं को भी दूसरी जगह भेजा जा रहा है।

कुनो-गांधी सागर में 60-70 चीतों की मेटापॉपुलेशन स्थापित करना लक्ष्य

बता दे कि गांधी सागर 368 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसके चारों ओर 2,500 वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त क्षेत्र है। गांधी सागर में चीता लाने की कार्ययोजना के अनुसार पहले चरण में 64 वर्ग किलोमीटर के शिकारी-रोधी बाड़ वाले क्षेत्र में पांच से आठ चीते छोड़े जाएंगे जिनके प्रजनन पर ध्यान दिया जाएगा। वहीं कुनो-गांधी सागर परिदृश्य में 60-70 चीतों की मेटापॉपुलेशन स्थापित करना लॉन्ग टर्म लक्ष्य है।

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