बोकारो के मछुआरा समाज के आधे लोग मछलियों से जीविका कमाते हैं, जबकि आधे दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। नदी और तालाबों में मछलियों की कमी के चलते पारंपरिक जीविकोपार्जन पर संकट है। सरकार की उपेक्षा और नए लोगों...
बोकारो स्टील सिटी के सिटी सेंटर में 500 से अधिक फुटपाथी दुकानदार हैं जो अतिक्रमण के डर से जूझ रहे हैं। दुकानदार स्थायी दुकान के लिए जमीन की मांग कर रहे हैं लेकिन बीएसएल प्रबंधन उनकी मांग पर ध्यान नहीं...
भेण्डरा, झारखंड में लौह कुटीर उद्योग को शेर शाह सूरी द्वारा स्थापित किया गया था। यहां के कारीगरों को आधुनिक उपकरणों और सरकारी सहायता की आवश्यकता है। पारंपरिक उद्योग में युवाओं की रुचि कम हो रही है।...
बोकारो में बुजुर्गों को जीवन प्रमाण पत्र के लिए बैंक जाने में कठिनाई होती है। चिकित्सा सुविधाओं की कमी और रेलवे लाभों का बंद होना भी चिंता का विषय है। बुजुर्गों ने बेहतर अस्पतालों की मांग की है और...
नाई समाज संसाधनों और पूंजी के अभाव में पीछे रह गया है। सेना और पुलिस की बहाली में अन्य जातियों का प्रभुत्व है। नाई समाज की युवा पीढ़ी अपने पारंपरिक कार्यों को छोड़कर मजदूरी करने पर मजबूर है। सरकार को...
चास का पुराना बाजार, जहां 60 हजार से अधिक बंगाली लोग निवास करते हैं, जल संकट, गंदगी और जाम से परेशान हैं। प्रशासन की अनदेखी के कारण लोग पानी की व्यवस्था में समय बर्बाद करते हैं। यहां खेल मैदान,...
सिवनडीह के निवासियों की मुख्य समस्या प्रदूषण है, विशेषकर कोयला डस्ट के कारण। हल्की हवा से घरों में कोयला डस्ट फैल जाता है। गरगा नदी का अस्तित्व भी खतरे में है। ग्रामीणों का कहना है कि उचित सीवरेज...