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ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने जीता 13वां मेडल, लगातार दूसरी बार कांस्य पदक पर कब्जा; स्पेन को 2-1 से धोया

  • भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को हराकर लगातार दूसरी बार कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। गुरुवार को भारत ने स्पेन को 2-1 से हराया। भारतीय हॉकी ने ओलंपिक में अपना 13वां मेडल जीता है।

Himanshu Singh लाइव हिन्दुस्तानThu, 8 Aug 2024 02:42 PM
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भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गुरुवार को स्पेन को हराकर पेरिस ओलंपिक का कांस्य पदक जीता है। भारत ने पचास साल बाद ओलंपिक में लगातार दूसरी बार पदक जीता। इससे पहले 1968 में मैक्सिको और 1972 में म्युनिख ओलंपिक में भारत ने कांस्य जीता था। इसके साथ ही ओलंपिक में आठ बार की चैम्पियन भारतीय हॉकी टीम का यह 13वां पदक है। भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने 30वें और 33वें मिनट में गोल दागा। वहीं स्पेन के लिए मार्क मिरालेस ने 18वें मिनट में गोल किया। इस जीत के साथ ही भारतीय हॉकी के अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया। भारत के गोलकीपर के लिए ये आखिरी इंटरनेशनल मैच था। खिलाड़ियों ने श्रीजेश को ये जीत समर्पित की है।

ओलंपिक में 44 साल बाद स्वर्ण जीतने का भारतीय हॉकी टीम का सपना जर्मनी ने तोड़ दिया था। सेमीफाइनल में जर्मनी के हाथों भारत को 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मुकाबले में भारत ने 2-1 से जीत हासिल करके लगातार दूसरी बार कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। इससे पहले भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को हराया था। भारतीय हॉकी टीम ने 13वीं बार ओलंपिक में मेडल जीता है। भारत की ओर से हरमनप्रीत सिंह ने दो गोल दागे और ये दोनों गोल पेनल्टी कॉर्नर पर आए।

भारत ने ओलंपिक में जीता 13वां मेडल

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के साथ ही ओलंपिक में अपने पदकों की संख्या 13 कर ली है। भारत आठ बार ओलंपिक चैंपियन रही है। हॉकी टीम ने रोम 1960 में सिल्वर मेडल जीता था। जबकि चार बार कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी है। भारत ने 1972 के बाद पहली बार लगातार ओलंपिक में मेडल जीता है।

सेमीफाइनल में नीदरलैंड से चार गोल से एकतरफा पराजय का सामना करने वाली स्पेनिश टीम ने आक्रामक शुरूआत की और पहले क्वार्टर में भारत को एक भी पेनल्टी कॉर्नर नहीं बनाने दिया। भारत के पास छठे मिनट में खाता खोलने का मौका था जब हार्दिक सिंह ने सर्कल पर से डी के भीतर सुखजीत सिंह को पास दिया लेकिन वह सही निशाना नहीं साध सके।

मिरालेस ने किया मैच का पहला गोल

स्पेन के लिए 10वें मिनट में मोस मारिया बास्टेरा के शॉट का हरमनप्रीत ने बचाव किया। पहले क्वार्टर तक कोई टीम गोल नहीं कर सकी। दूसरे क्वार्टर में स्पेन को 18वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिस पर मिरालेस ने आसानी से गोल कर दिया। स्पेन को दो मिनट बाद पेनल्टी कॉर्नर भी मिला लेकिन रोहिदास ने जबर्दस्त बचाव किया। रोहिदास ने खास तौर पर डिफेंस में बेहतरीन प्रदर्शन किया जिनकी कमी जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल में उनके प्रतिबंधित होने के कारण खली थी।

हरमनप्रीत ने कराई बराबरी

स्पेन की टीम 25वें मिनट में एक और गोल करने के करीब पहुंची जब गेरार्ड क्लापेस ने सुमित से गेंद छीनी और श्रीजेश के ठीक सामने उन्हें चकमा देकर गोल के भीतर डालने की कोशिश की और भारतीय टीम भाग्यशाली रही कि उनका निशाना ठीक नहीं लगा। स्पेन को दो मिनट बाद मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बचा लिया गया। भारत को मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर 28वें मिनट में मिला लेकिन रोहिदास गोल नहीं कर सके। हाफटाइम से कुछ सेकंड पहले मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके हरमनप्रीत ने भारत को बराबरी दिलाई।

भारत ने बनाई बढ़त

ब्रेक के बाद भारतीय टीम आक्रामक तेवरों के साथ उतरी और तीसरे ही मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को तब्दील करके हरमनप्रीत ने 2-1 से बढत दिला दी । हरमनप्रीत का यह टूर्नामेंट में 11वां गोल था। दो मिनट बाद जवाबी हमले में स्पेन को मिले पीसी पर मिरालेस गोल नहीं कर सके। वहीं भारत को 37वें और स्पेन को 40वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर बेकार गया। आखिरी पंद्रह मिनट में सुखजीत ने फिर एक मौका गंवाया जबकि स्पेन को 59वें मिनट में दो और फिर आखिरी मिनट में मिले दो और पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए।

 

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दिग्गज पीआर श्रीजेश ने खेला आखिरी मैच

भारतीय हॉकी टीम के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक में स्पेन के खिलाफ अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला। उन्होंने इसके साथ ही अपने 18 साल के लंबे करियर को अलविदा कह दिया है। श्रीजेश ने अपने चौथे ओलंपिक खेलों से पहले ही संन्यास की घोषणा कर दी थी। उन्होंने तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

जीत के बाद श्रीजेश को कंधे पर बिठाया

जीत के बाद टीम के दिग्गज गोलकीपर श्रीजेश को खिलाड़ियों ने कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाया। ये दृश्य देख टीवी के सामने नजरें गड़ाए बैठे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गई। ओलंपिक पदक के साथ विदा लेने वाले श्रीजेश जीत के बाद गोलपोस्ट के ऊपर जाकर बैठे तो अपने जज्बात पर काबू नहीं रख सके।

स्पेन के खिलाफ ओलंपिक में भारत ने 11 में से आठ मैच जीते, एक हारा और दो ड्रॉ खेले हैं। पिछले 6 मैचों में से पांच में भारत को जीत मिली है जिसमें फरवरी में प्रो लीग के दो मुकाबले शामिल हैं। एफआईएच डाटा हब के अनुसार भारत और स्पेन के बीच पिछले दस साल में 17 मैच खेले गए जिनमें से भारत ने सात, स्पेन ने पांच जीते और पांच ड्रॉ रहे।

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