Hindi Newsखेल न्यूज़हॉकीPR Sreejesh saved 4 penalty corner in last 90 seconds in bronze medal match vs spain in Paris Olympics in his last match

आखिरी मैच में भी चट्टान की तरह डटे रहे पीआर श्रीजेश, 90 सेकेंड्स में 4 पेनल्टी कॉर्नर बचाकर देश को दिलाया ब्रॉन्ज

  • भारत के गोलकीपर पीआर श्रीजेश आखिरी मैच में भी चट्टान की तरह डटे रहे। कांस्य पदक मैच में स्पेन के खिलाफ आखिरी 90 सेकेंड्स में उन्होंने 4 पेनल्टी कॉर्नर बचाए और देश को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। वे भावुक नजर आए।

Vikash Gaur लाइव हिन्दुस्तानThu, 8 Aug 2024 07:54 PM
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भारत के हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश गुरुवार 8 अगस्त को अपना आखिरी मैच खेलने उतरे। ये मैच भारतीय हॉकी टीम का पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल मैच था। अपने आखिरी मैच में पीआर श्रीजेश चट्टान की तरह डटे रहे और देश को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वैसे भी उनको भारत की दीवार कहा जाता है, लेकिन अपने आखिरी मैच में वे किसी चट्टान से कम नजर नहीं आए। सिर्फ एक ही गोल स्पेन ने इस मैच में किया और वह भी पेनल्टी स्ट्रोक के जरिए किया। इससे पता चलता है कि पीआर श्रीजेश की परफॉर्मेंस अपने इस विदाई मैच में कैसी रही।

अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच खेलने उतरे पूर्व कप्तान पीआर श्रीजेश ने आखिरी के 90 सेकेंड्स में एक या दो नहीं, बल्कि चार बार स्कोर को बराबर होने से बचाया। उन्होंने आखिरी के डेढ़ मिनट में 4 पेनल्टी कॉर्नर रोके और स्पेन के खिलाफ 2-1 से जीत दर्ज करने में अहम भूमिका निभाई। इसी वजह से भारत ने कांस्य पदक जीता। हालांकि, यहां कप्तान हरमनप्रीत कौर की भी तारीफ होनी चाहिए। उन्होंने पेनल्टी कॉर्नर के जरिए दो गोल दागे। भारतीय टीम इस मैच में 0-1 से पिछड़ गई थी, लेकिन हरमनप्रीत कौर ने दो पीसी भुनाए और देश को बढ़त दिलाई।

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पीआर श्रीजेश ने इस पूरे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया और भारतीय हॉकी टीम के लिए कई मैच निकाले, क्योंकि उन्होंने अहम मौकों पर टीम का बचाव किया था। अगर आपने हॉकी का क्वॉर्टर फाइनल मैच देखा हो तो याद होगा कि मैच शूटआउट में गया था और वहां उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए कई स्ट्रोक बचाए थे और जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। पीआर श्रीजेश ने अपने करियर में कुल 328 मुकाबले खेले। 2006 से वे अंतरराष्ट्रीय हॉकी टीम का हिस्सा हैं। लगभग 18 साल उन्होंने भारतीय हॉकी को दिए हैं और वे कप्तान भी रहे हैं।

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