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Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Rajasthan Politics: Will the Jat-Rajputs displeasure cost BJP heavily in Rajasthan

Rajasthan Politics: क्या राजस्थान में जाट-राजपूतों की बीजेपी को भारी पड़ेगी नाराजगी? 

राजस्थान में जाटों के बाद राजपूतों की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ सकती है। धौलपुर-भरतपुर के जाट आरक्षण की मांग को लेकर नाराज चल रहे थे कि अब राजपूतों ने भी मोर्चा खोल दिया है। विरोध बढ़ता ही जा रहा है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरMon, 15 April 2024 07:23 AM
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राजस्थान में जाटों के बाद राजपूतों की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ सकती है। धौलपुर-भरतपुर के जाट आरक्षण की मांग को लेकर नाराज चल रहे थे कि अब राजपूतों ने भी मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, राजपूत समाज के लोग गुजरात के राजकोट से बीजेपी के प्रत्याशी पुरुषोत्तम रुपाला के बयान से नाराज है। चेतावनी दी है कि रुपाला से टिकट वापस लें नहीं तो परिणाम भुगतने होंगे। गुजरात का असर राजस्थान में भी दिखाई दे रहा है। समाज से जुड़े संगठनों ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के बहिष्कार की मुहिम छेड़ रखी है। सोशल मीडिया पर समाज के लोगों द्वारा अपील बीजेपी को वोट नहीं देने की अपील की जा रही है। 'इस बार बीजेपी को वोट नहीं देना है' 'ट्रेंड होना दर्शाता है कि राजपूत समाज कितना नाराज है। जोधपुर में नाराज राजपूत समाज ने इस बार चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, जालौर में भी राजपूत समाज के लोगों ने मंदिर में माता जी के सामने शपथ ली थी कि आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे। चित्तौड़गढ़ में समाज की मीटिंग हुई है। जिसमें भी बीजेपी का विरोध करने का निर्णय लिया है। 

मिशन 25 में लग सकती है सेंध 

सियासी जानकारों का कहना है कि राजपूत समाज और  जाट समाज की भाजपा से चल रही नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर है, जहां लगातार राजपूत समाज अपनी नाराजगी दिखा रहा है। संभव है कि चुनाव तक अगर यहा हालात रहा तो भाजपा के मिशन 25 के लक्ष्य पर आंच आने में देर नहीं लगेगी। पिछले चुनावो में कुल वोट लगभग साढ़े 4 करोड़ के आसपास थे, जिनमें जाट समुदाय की आबादी का 14 फीसदी जाट हैं.जबकि राजपूत समाज की आबादी 13 फीसदी है. कह सकते हैं कि जाट राजस्थान में सबसे अधिक आबादी वाली जाति है, जबकि देश में राजपूतों की आबादी करीब 7.5 करोड़ है,जो कुल आबादी की 5 फीसदी है।

धौलपुर-भरतपुर के जाट नाराज

भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि भरतपुर धौलपुर के जाट केंद्र की ओबीसी में आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से कर रहे हैं । आंदोलन हमारा शौक नहीं मजबूरी है । शांतिपूर्ण तरीके से हमारा आंदोलन चल रहा है और आज तीन दिन हो चुके हैं । 22 जनवरी के बाद कभी भी आंदोलन को उग्र किया जा सकता है और चक्का जाम किया जा सकता है यदि सरकार ने हमारी मांग पूरी नहीं की तो हमें मजबूरन ऐसा करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगों की अनसुनी कर रही है। सीएम भजनलाल शर्मा ने सिर्फ आश्वासन दिया है। बता दें भजनलाल सरकार ने एक कमेटी का भी गठन किया था। लेकिन बात नहीं बन पाई। 

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