Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Bhajan Lal government formed a committee to investigate the employees who got jobs in Gehlot government

गहलोत सरकार में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की जांच के लिए कमेटी गठित, जानिए आदेश

राजस्थान में भजनलाल सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। पिछले 5 साल में सरकारी नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर दिए है। कमेटी दस्तावेजों की जांच करेगी।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरThu, 6 June 2024 04:33 PM
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राजस्थान में भजनलाल सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। पिछले 5 साल में सरकारी नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर दिए है। बता दें राजस्थान में पेपर लीक की वजह से कई भर्तियां रद्द कर दी गई है। जबकि कई एसआई भर्ती जांच के दायरे में है। कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार फर्जी दस्तावेज और डमी कैंडिडेट बैठाकर नौकरी पाने वाले कर्मचारियों पर अब कार्रवाई होगी। कार्मिक विभाग ने सभी विभागों को आदेश भेजा है। पिछले पांच साल में सरकारी नौकरी पाने वाले सभी कर्मचारियों की जांच की जाएगी। 

कार्मिक विभाग ने जांच कमेटी गठित की  

कार्मिक विभाग के अनुसार पिछले 5 साल में फर्जी दस्तावेज और डमी कैंडिडेट बैठाकर सरकारी नौकरी ली गई। विभाग ने कमेटी का गठन कर दिया है। अब कमेटी जांच करेगी की नौकरी वाला व्यक्ति खुद परीक्षा देकर नौकरी पाया या किसी डमी कैंडिडेट को बैठाकर नौकरी हांसिल की। उनके सभी दस्तावेज की भी जांच होगी। एसओजी में राजस्थान में डमी कैंडिडेट बैठाकर अलग-अलग परीक्षाए पास करने वालों पर एसओजी और पुलिस ने कार्रवाई की है। एसओजी ने मामले में 3 लोगों को गिरफ्तर किया था।  एसओजी ने कर्मचारी चयन बोर्ड की अध्यापक भर्ती परीक्षा व शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा में अपने स्थान पर डमी कैंडिडेट बिठाने वाले अरविंद कुमार को गिरफ्तार किया था। अरविंद ने 15 लाख रुपए देकर अपने बदले डमी कैंडिडेट बैठाया था। 

विभाग में आंतरिक कमेटी करेगी जांच

कार्मिकों विभागों ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि विगत 05 वर्षों में विभिन्न विभागों में की गई भर्तियों में फर्जी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज प्रस्तुत कर एवं डमी कैंडिडेट को परीक्षा में बैठाकर कथित अभ्यर्थियों द्वारा सरकारी नौकरियां प्राप्त की गई हैं। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए प्रत्येक विभाग के द्वारा विगत 05 वर्षों में भर्ती किए गए कर्मचारियों के संदर्भ में आन्तरिक कमेटी गठित कर यह जांच कर लें कि परीक्षा देने वाला एवं नौकरी करने वाला लोकसेवक दोनों एक ही व्यक्ति है।
 


 

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