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राजस्थान: 13 साल रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने जज साहब पहुंचे अस्पताल, क्या हुआ था?

राजस्थान के कोटपूतली में डॉक्टरों का ऐसा अमानवीय चेहरा सामने आया कि 13 साल की दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए खुद जज साहब को अस्पताल पहुंच कर दखल देना पड़ा।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरThu, 15 May 2025 07:49 PM
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राजस्थान: 13 साल रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने जज साहब पहुंचे अस्पताल, क्या हुआ था?

राजस्थान के कोटपूतली में डॉक्टरों का अमानवीय चेहरा सामने आया है। आलम यह कि डॉक्टरों के अमानवीय रवैये के कारण एक 13 साल की दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए खुद जज साहब को अस्पताल पहुंच कर दखल देना पड़ा। बताया जाता है कि डॉक्टरों के अमानवीय रवैये की जानकारी मिलने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन जीनवाल ने अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई। आइए जानें क्या था पूरा मामला...

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोटपूतली-बहरोड़ जिले की एक 13 साल की लड़ी के साथ दुष्कर्म की वारदात हुई थी। इसके बाद वह गर्भवती हो गई थी। पीड़िता के परिजनों की ओर से पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया था। चूंकि पीड़िता करीब 12 हफ्ते की गर्भवती थी इसे देखते हुए पुलिस गर्भपात कराने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की मदद भी ली थी।

स्थानीय राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल में पीड़िता को गर्भपात के लिए लाया गया था। लिस के माध्यम से डीएलएसए ने इससे जुड़े आदेश की प्रति अस्पताल को उपलब्ध करा दी थी। फिर भी अस्पताल के डॉक्टर गर्भपात को लेकर कानूनी बातों में पीड़िता और उसके परिजनों को उलाझे रहे। नाबालिग के गर्भपात में डॉक्टरों की हीलाहवाली के चलते परिजन बेहद तनाव में थे।

पीड़िता के 12 हफ्ते के गर्भ की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट दिशा-निर्देशों और 2003 के संशोधित गर्भपात अधिनियम के बावजूद डॉक्टरों ने गर्भपात से इनकार कर दिया। डॉक्टर बार-बार पीड़ित परिजनों से हाईकोर्ट के आदेश की प्रति मांगते रहे। यह घटना जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के संज्ञान में आई तो अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन जीनवाल ने तुरंत हस्तक्षेप किया। उन्होंने पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें कानूनी सलाह दी।

परिजनों की लिखित सहमति और जरूरी मेडिकल रिपोर्टें होने के बावजूद डॉक्टरों के गर्भपात नहीं करने पर जब पीड़ितों ने गुहार लगाई तब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन जीनवाल डॉक्टरों के अमानवीय रवैये पर बेहद नाराज हुए। पवन जीनवाल खुद अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई। इसके बाद पीड़िता का सुरक्षित गर्भपात हो सका। एडीजे पवन जीनवाल ने बताया कि पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत जल्द आर्थिक मदद भी प्रदान की जाएगी।

रिपोर्ट- हंसराज