महाकुंभ में अभय सिंह आईआईटी वाले बाबा के रूप में मशहूर हैं। वह जूना अखाड़े के शिविर में रहते हैं। यहां पर बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने पहुंच रहे हैं। हालांकि उनकी अभी दीक्षा नहीं हुई है।
महाकुंभ में कांटे वाले बाबा भी काफी मशहूर हो रहे हैं। इनका दावा है कि यह पिछले करीब 40 साल से इस तरह से तपस्या कर रहे हैं।
महाकुंभ में पहुंचे महंत राजापुरी जी महाराज अपने खास अंदाज के लिए वायरल हो रहे हैं। इनके सिर पर हमेशा एक कबूतर बैठा रहता है। उन्होंने शाही स्नान में भी कबूतर के साथ ही हिस्सा लिया।
सौराष्ट्र के द्वारिका से महाकुंभ में पहुंचे नागा साधु कुशपुरी स्कॉर्पियो के बोनट पर बैठकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हैं। भक्तों के बीच वह स्कॉर्पियो बाबा के रूप में मशहूर हैं।
लिलिपुट बाबा के नाम से मशहूर संत गंगा गिरी 57 साल की उम्र के हैं। उनकी हाइट तीन फुट से भी कम है। उन्होंने पिछले 32 साल से स्नान नहीं किया है। लिलिपुट बाबा का कहना है कि उनके गुरु ने दीक्षा देते समय वचन लिया था कि वह कभी स्नान नहीं करेंगे।
अनाज बाबा को देखने वाले काफी हैरान रह जाते हैं। उन्होंने सिर पर लगाए कपड़े में अनाज उगा रखा है। एक वीडियो में वह अपने सिर की पगड़ी खोलकर इसे दिखाते भी हैं। हालांकि एक अन्य वीडियो में वह पगड़ी खोलने की बात पर नाराज भी हो जाते हैं।
महंत गीतानंद गिरी पिछले छह साल से रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने 12 साल के लिए यह शपथ ले रखी है। अब तक जितना रुद्राक्ष उन्होंने धारण किया है, उसका कुल वजन 45 किलो बताते हैं।
इसी तरह महाकुंभ में चाबी वाले बाबा भी काफी फेमस हैं। इनका नाम, हरिश्चंद्र विश्वकर्मा है और वह यूबी के रायबरेली के रहने वाले हैं। गले में 20 किलो से ज्यादा वजनी चाबी लटकाए रहते हैं। साथ ही कई अन्य आकार-प्रकार की चाबियां रखे हुए हैं।
सोमेश्वर पुरी महाराज जूना अखाड़े से हैं। वह एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं। इसके बाद उन्होंने बैंक में भी नौकरी की और अब संन्यासी जीवन बिता रहे हैं। वह पायलट बाबा के रूप में मशहूर हैं।
रबड़ी वाले बाबा भी महाकुंभ में काफी फेमस हैं। सेक्टर 20 में उनके शिविर के सामने सुबह पूजा इत्यादि के बाद दूध का कड़ाहा चढ़ जाता है। वह श्रद्धालुओं में रबड़ी बांटते हैं। गुजरात से आए इस संत का नाम महंत देवगिरी महाराज है।