महाकुंभ 2025 भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। इनके साथ कई साधु, संन्यासी, वैरागी भी वहां जमे हुए हैं। इस बीच एक बाबा ने सबका ध्यान खींचा जो खुद को आईआईटी बॉम्बे से एरोस्पेस इंजीनियरिंग बता रहे हैं। उनका नाम है अभय सिंह ग्रेवाल। आईआईटी बाबा के बारे में कई तरह की बातें वायरल हो रही हैं, जिनकी पुष्टि करने के लिए हमने बात की अभय के पड़ोसी से...
अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं तो आईआईटी बाबा का वीडियो अब तक आपके पास पहुंच चुका होगा। खुद को एरोस्पेस इंजीनियर बताने वाले अभय अब शून्य, विरक्ति और महादेव की बातें करते दिख रहे हैं। यह बात किसी को भी सामान्य नहीं लग रही और उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की उत्सुकता है।
इन फोटोज में अभय सिंह की कॉलेज लाइफ दिख रही है जो वाकई में 3 इडियट्स फिल्म की याद दिलाती है। वह कहीं दोस्तों के साथ मस्ती कर रहे हैं, कहीं पेंटिंग बना रहे हैं तो कहीं हॉस्टल में पास्ता बनाने और कॉन्वोकेशन के फोटोज हैं।
अभय सिंह ग्रेवाल ने अपना फेसबुक इंट्रो लिख रखा है- फाउंडर, फोटोग्राफर एट Greywall, रिसर्च असोसिएट एट आईडीसी आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी पवई में काम कर चुके हैं। आईआईटी मुंबई में एरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इन सबकी पुष्टि के लिए कई तस्वीरें हैं जो अभय की मोहमाया वाली जिंदगी से वैराग्य तक की कहानी कह रही हैं।
इन सब वायरल बातों की पुष्टि के लिए लाइव हिंदुस्तान ने अभय सिंह के पड़ोसी सुभाष से बात की जो कि योग टीचर भी हैं। सुभाष ने बताया, अभय झज्जर जिले के सासरोली गांव के हैं। पिताजी वकील हैं, काफी संपन्न परिवार है और यह अपने मां-बाप के इकलौते बेटे हैं। अभय के मां-बाप उनके बारे में किसी को नहीं बताते थे लेकिन कुंभ से वीडियो आने के बाद गांव में चर्चा है।
सुभाष से पूछा गया कि क्या अभय ने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है या कोई डिप्लोमा? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि पहले अभय ने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी इसके बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से ही डिजाइनिंग में डिप्लोमा किया है।
सुभाष ने बताया कि अभय ने वैराग्य लिया है और वह सत्य की खोज में घर से निकल गए। उनमें यह बदलाव अचानक नहीं बल्कि धीरे-धीरे आया था। पहले उन्होंने सद्गुरु को फॉलो किया। फिर कोर्स भी किया और अपना अलग रास्ता चुन लिया।
सुभाष ने जानकारी दी कि अभय शॉर्ट फिल्म भी बना चुके हैं। उनका यूट्यूब चैनल है जिस पर कुछ वीडियोज हैं। अभय कै वैरागी होने पर सुभाष ने गांववालों का रिएक्शन भी बताया। बोले, लोग कह रहे हैं कि वह काफी अच्छा बोलते हैं और बढ़िया है कि कुछ अच्छा कर रहे हैं।
अभय के पेरेंट्स के बारे में पूछने पर सुभाष बोले कि वह अब झज्जर शहर में रहने लगे हैं। उनके लिए इकलौते बेटे का वैराग्य लेना काफी मुश्किल है। अब यह बात पब्लिक हो गई है तो उनकी दिक्कतें और बढ़ गई हैं। उन्हें अब कई लोगों को जवाब देना पड़ रहा है।
अभय मोह-माया से दूर खुश होने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने वायरल इंटरव्यू में भी कहा था कि वह बस खुश रहना चाहते हैं। उन्हें परिवार, भाई-बहन किसी की चिंता नहीं।
अभय सिंह ने यह तस्वीर 2016 में उज्जैन में हुए सिंहस्थ कुंभ में क्लिक की थी। तब शायद उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि किसी दिन महाकुंभ से उनकी भी तस्वीरें वायरल होंगी। इस तस्वीर पर कई लोगों को कमेंट्स दिख रहे हैं। एक ने लिखा है, सब कुछ ऐसे ही किसी एक विचार से शुरू होता है...