Hindi NewsफोटोMahakumbh 2025: महाकुंभ का मेला क्यों लगता है? जानिए कुंभ मेले से जुड़े इन 10 सवालों के जवाब

Mahakumbh 2025: महाकुंभ का मेला क्यों लगता है? जानिए कुंभ मेले से जुड़े इन 10 सवालों के जवाब

  • Mahakumbh Mela 2025: हिंदू धर्म में कुंभ मेला का बड़ा महत्व है। इस साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ लगने जा रहा है। आइए जानते हैं कुंभ मेले से जुड़े 10 खास सवालों के जवाब के बारे में…

Arti TripathiMon, 6 Jan 2025 11:23 AM
1/12

महाकुंभ मेला 2025

इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ होने जा रहा है। इस दौरान देश-विदेश से लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं के कुंभ मेले में शामिल होने की उम्मीद है। कुंभ में शाही स्नान के दिन पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पाते हैं। इस साल 2025 में 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक कुंभ मेला चलेगा।

2/12

कुंभ मेले से जुड़े सवाल

हिंदू धर्म में महाकुंभ मेला का विशेष महत्व है। यह मेला 12 साल में एक बार आयोजित होता है। इसे मेले का आयोजन चार प्रमुख स्थलों पर होता है। जिसमें हरिद्धार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक शामिल है। आइए जानते हैं कुंभ मेले से पर आधारित कुछ खास प्रश्नों के जवाबों के बारे में...

3/12

कुंभ शब्द का क्या अर्थ है?

कुंभ का शाब्दिक अर्थ घड़ा, सुराही और बर्तन होता है। इसका अर्थ, आमतौर पर पाने के बारे में या पौराणिक कथाओं में अमृत के बारे में बताया जाता है।

4/12

महाकुंभ मेला क्यों लगता है?

इस साल प्रयागराज में महाकुंभ लगेगा। जब प्रयागराज में 12 बार पूर्णकुंभ पूरे हो जाते हैं, तो उसे महाकुंभ का नाम दिया जाता है। 12 पूर्णकुंभ में महाकुंभ एक बार लगता है। बता दें महाकुंभ मेले का आयोजन 144 साल में एक बार होता है।

5/12

कुंभ मेला कितने प्रकार का होता है?

कुंभ मेला 3 प्रकार का होता है। अर्द्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ। अर्द्धकुंभ 6 वर्षों में एक बार लगता है। यह केवल हरिद्धार और प्रयागराज में होता है। पूर्णकुंभ 12 साल में एक बार लगता है। वहीं, जब प्रयागराज में 12 बार पूर्णकुंभ हो जाता है, तब महाकुंभ लगता है।

6/12

कुंभ मेला कहां लगता है?

हरिद्धार(गंगा नदी के किनारे) प्रयागराज(त्रिवेणी संगम) उज्जैन(शिप्रा नदी के किनारे) नासिक(गोदावरी नदी के किनारे)

7/12

प्रयागराज के संगम स्थल पर कौन-सी नदियों का मिलन होता है?

गंगा, यमुना और सरस्वती

8/12

महाकुंभ 2025 में कुल कितने शाही स्नान होंगे?

प्रयागराज कुंभ में कुल 6 शाही स्नान होंगे। जिसमें पहले स्नान पौष पूर्णिमा(13 जनवरी 2025), दूसरा स्नान मकर संक्रांति(14 जनवरी 2025), तीसरा मौनी अमावस्या(29 जनवरी 2025), चौथा स्नान बसंत पंचमी(03 फरवरी 2025), पांचवा स्नान माघी पूर्णिमा(12 फरवरी 2025) और छठा स्नान महाशिवरात्रि(26 फरवरी 2025) के दिन होगा।

9/12

कुंभ मेले का आयोजन किस काल से हो रहा है?

कुंभ मेले का आयोजन ऋषियों के काल से हो रहा है।

10/12

महाकुंभ मेले का संबंध किस पौराणिक घटना से है?

महाकुंभ मेले का संबंध समुद्र मंथन से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं दैत्यों के बीच अमृत के बंटवारे को लेकर झगड़ा हो रहा था। तभी इंद्रदेव के पुत्र जयंत अमृत कुंभ लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे। अमृत कुंभ के लिए स्वर्ग मं 12 दिन तक संघर्ष चलता रहा और उस कुंभ से 4 स्थलों(हरिद्वार, उज्जैन,नासिक और प्रयागराज) पर अमृत की कुछ बूंदे गिर गईं।

11/12

कुंभ मेला कितने दिनों तक चलेगा?

महाकुंभ मेला 45 दिनों तक चलेगा। इस दौरान श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम नदी में स्नान करेंगे।

12/12

कुंभ मेले का आयोजन किस आधार पर किया जाता है?

सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह की स्थिति को देखकर कुंभ मेले का स्थान निर्धारित किया जाता है। सूर्य जब मेष राशि और बृहस्पति कुंभ राशि में होते हैं, तब कुंभ हरिद्धार में होता है। सूर्य-चंद्रमा के मकर राशि और बृहस्पति के वृषभ राशि में रहने से प्रयागराज में कुंभ लगता है। सूर्य और बृहस्पति के सिंह राशि में रहने से उज्जैन में कुंभ लगता है। वहीं, सूर्य के सिंह और बृहस्पति के कर्क या सिंह राशि में रहने से नासिक में कुंभ लगता है।