Hindi Newsफोटो6 दिन पहले हुई थी शादी, स्विट्जरलैंड जाना चाहते थे लेफ्टिनेंट विनय नरवाल; पहलगाम हमले में शहीद

6 दिन पहले हुई थी शादी, स्विट्जरलैंड जाना चाहते थे लेफ्टिनेंट विनय नरवाल; पहलगाम हमले में शहीद

  • हमला पहलगाम की बैसारन घाटी में हुआ, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है। आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें विनय नरवाल शहीद हो गए।

Amit KumarWed, 23 April 2025 02:47 PM
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पहगाम में हुए शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें भारतीय नौसेना के एक नवविवाहित अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल थे। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल हरियाणा के करनाल के रहने वाले थे। वे 16 अप्रैल को ही शादी के बंधन में बंधे थे। वे अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने पहलगाम गए थे।

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कोच्चि में नौसेना में तैनात थे नरवाल

26 वर्षीय विनय नरवाल कोच्चि में नौसेना में तैनात थे। दो साल पहले ही वे भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे और उनका भविष्य उज्ज्वल माना जा रहा था। हमला पहलगाम की बैसारन घाटी में हुआ, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है। आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें विनय नरवाल शहीद हो गए।

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हमले में बच गईं पत्नी हिमांशी

विनय की पत्नी हिमांशी इस हमले में सुरक्षित रहीं, लेकिन उनके हाथों की मेहंदी का रंग सूखने से पहले ही उनका सुहाग उजड़ गया। यह दुखद घटना उनके परिवार के लिए गहरा आघात है।

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स्विट्जरलैंड जाना चाहते थे विनय

विनय के दादा हवा सिंह ने बताया कि वह स्विट्जरलैंड जाना चाहते थे, लेकिन वीजा न मिलने के कारण उन्होंने कश्मीर की यात्रा चुनी। यह फैसला उनके लिए अंतिम साबित हुआ।

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कायराना हरकत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए ‘कायरतापूर्ण’ हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री सैनी ने बुधवार को नरवाल के दादा को ‘वीडियो कॉल’ किया, जिसमें उनके दादा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपराधियों को कड़ी सजा देने और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की।

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नौसेना ने जताया गहरा शोक

भारतीय नौसेना ने विनय की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि यह कायरतापूर्ण हमला नौसेना और पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। नौसेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और भारतीय नौसेना के सभी कर्मी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की दुखद मृत्यु से स्तब्ध और बहुत दुखी हैं, जो पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले में मारे गए। हम इस अकल्पनीय दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।’’ उसने लिखा, ‘‘भारतीय नौसेना हिंसा के इस जघन्य कृत्य में अपनी जान गंवाने वाले अन्य सभी लोगों के साथ गंभीर एकजुटता प्रदर्शित करती है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करते हैं।’’

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सदमें में नरवाल के पड़ोसी

नरवाल के पड़ोसी नरेश बंसल ने कहा कि अधिकारी की हाल ही में शादी हुई थी। उन्होंने आतंकी हमले की घटना पर कहा, ‘‘शादी के बाद, हर कोई जश्न मना रहा था और खुश था। और अब अचानक यह दुखद समाचार आया।’’ एक अन्य पड़ोसी सीमा ने बताया कि दिवंगत अधिकारी के घर पर भव्य समारोह हुए थे और न केवल नरवाल परिवार, बल्कि पूरा मोहल्ला शादी के बाद खुशी मना रहा था। उन्होंने करनाल में संवाददाताओं को बताया कि नरवाल ने इंजीनियरिंग की और बाद में भारतीय नौसेना में अधिकारी बने। उन्होंने कहा, ‘‘वे स्विट्जरलैंड में हनीमून की योजना बना रहे थे, लेकिन छुट्टियों को देखते हुए कश्मीर जाने का फैसला किया...हम कल्पना नहीं कर सकते कि उनके परिवार पर क्या बीत रही होगी।’’ सीमा ने कहा, ‘‘....हमने वीडियो देखे जिसमें एक लड़की रो रही थी और आतंकवादियों से उसे भी मार डालने की गुहार लगा रही थी, लेकिन उन्होंने उससे कहा कि वे उसे छोड़ रहे हैं ताकि वह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी को बता सके कि क्या हुआ।’’

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टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी

हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।

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देश में गुस्से की लहर

इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया। उन्होंने आतंकियों को कड़ा जवाब देने का आश्वासन दिया। पहलगाम हमले ने देश में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और लोग आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।