परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि हर स्टूडेंट को सूर्य स्नान की आदत डालनी चाहिए। सुबह सुबह धूप में जाकर बैठें। कोशिश करें कि शरीर के ज्यादा से ज्यादा हिस्से को धूप लगे।
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा में छात्रों को सेहत पर टिप्स देते हुए कहा कि खाना किसानों की तरह खाना चाहिए। इसे समझाते हुए उन्होंने कहा कि किसान सुबह के वक्त पेटभर के खाना खाते हैं।
पीएम मोदी ने शारीरिक पोषण का महत्व समझाते हुए कहा, 'गेहूं, बाजरा, चावल सबकुछ खाएं। मिलेट्स (मोटा अनाज) खाने पर जोर डालें।
पीएम मोदी ने कहा कि बैट्समैन जब मैदान में खड़ा होता है, लोग पवेलियन से 4 रन, सिक्सर के लिए चिल्लाते हैं। लेकिन अगर बल्लेबाज उन सबकी बात का प्रेशर लेने लगे तो वो परफॉर्म नहीं कर पाएगा। वो सबकी सुनता है, लेकिन बैटिंग अपने अनुसार करता है। आप भी सबकी बातों का भार अपने दिमाग पर ना डालें। सुनें सबकी, लेकिन करें अपने अनुसार कि आप सबसे अच्छा कैसे कर सकते हैं।'
पीएम मोदी ने लीडरशिप का मंत्र देते हुए कहा कि लीडरशिप थोपी नहीं जाती। लोग आपके व्यवहार के कारण आपको बतौर लीडर स्वीकार करते हैं। अगर लोगों पर अपनी बातें थोपेंगे तो सही नहीं होगा। लीडरशिप के लिए टीमवर्क जरूरी। भरोसा लीडरशिप की बड़ी ताकत है।
पीएम ने छात्रों ने कहा कि "नींद पूरी आती है या नहीं, इसका भी पोषण से लेना देना है। शरीर की फिटनेस के लिए नींद बहुत जरूरी है। आपको कितने घंटे सोना है, यह जरूरी है।" अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है।
पीएम ने छात्रों से कहा कि मन में कोई बात ना रखें। अपनी बातें सबसे खुलकर करें। घर में सभी से बात करें। अपने मन के अंदर की दुविधा को किसी से कहें, वरना एक समय के बाद विस्फोट हो जाएगा, जैसे प्रेशर कुकर में सीटी बजती है। प्रेशर नहीं निकलने पर कुकर फट जाएगा। मन को स्थिर रखें और जो कर रहे हैं उसी पर ध्यान दें।
टाइम टेबल की अहमियत पर पीएम ने कहा, 'सभी के पास 24 घंटे होते हैं। कोई इधर उधर की बातों में समय गंवा देता है, तो कोई अपने लक्ष्य पर फोकस करके उसके लिए मेहनत करके। इस समय का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करना चाहिए। एक लिस्ट बनाइए कि कल मुझे ये-ये काम करने हैं। फिर अगले दिन उसे चेक करें कि उसमें से क्या किया क्या नहीं। हम अपने प्रिय विषय के अलावा बाकी विषयों को भी टाइम दें। अपने 24 घंटे को हम सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव कैसे बना सकते हैं, इसपर ध्यान दें।
पीएम मोदी ने कहा कि स्कूल में बहुत से बच्चे फेल होते हैं वो फिर से ट्राइ करते हैं। फेल होने से जिंदगी रुकती नहीं है। आपको तय करना होगा कि आपको जीवन में सफल होना है या किताबों में सफल होना है। आप अपने जीवन में अपनी विफलताओं को अपना शिक्षक बना लीजिए। जीवन बोलना चाहिए, मार्क्स नहीं।
पीएम ने छात्रों से कहा कि आपको यह सोचना है कि अगर पिछली बार 30 मार्क्स लाए थे तो इस बार 35 लाने हैं। प्रतिस्पर्धा अपने आप से करनी है। धीरे-धीरे अपने मन को स्थिर करना है। आपको खुद का एक उदाहरण सेट करना है।