पंजाब में हार और दिल्ली में टूट का खतरा! AAP के भविष्य पर योगेंद्र यादव
दिल्ली में हार के बाद पंजाब में पार्टी टूटने का खतरा बताया जाने लगा तो भविष्य को लेकर कई अटकलें लगने लगी हैं। इस बीच पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे योगेंद्र यादव ने भी आशंकाएं जाहिर की हैं।
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद एक बार फिर इसके भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। करीब एक दशक पहले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की कोख से जन्मी पार्टी अपने सबसे बड़े गढ़ में 22 सीटों पर गई है और इसके मुखिया अरविंद केजरीवाल समेत तमाम बड़े चेहरे अपनी सीटें नहीं बचा सके। दिल्ली में इस हार के बाद पंजाब में पार्टी टूटने का खतरा बताया जाने लगा तो भविष्य को लेकर कई अटकलें लगने लगी हैं। इस बीच पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे योगेंद्र यादव ने भी आशंकाएं जाहिर की हैं। योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली में भी जीते विधायक टूट ना जाएं, इसकी कोई गारंटी नहीं।
जानेमाने राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया पार्टी के सह संस्थापक योगेंद्र यादव ने एक इंटरव्यू के दौरान पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की हार की संभावना जताई और कहा कि यदि ऐसा होता है तो पार्टी कहां बचेगी और कैसे बचेगी यह बड़ा सवाल है। 2015 में आम आदमी पार्टी से निकाले गए योगेंद्र यादव ने वह वजहें भी गिनाईं जिनको लेकर उनके मन में अरविंद केजरीवाल के दल को लेकर आशंकाएं हैं।
पत्रकार दीपक शर्मा को चार दिन पहले दिए इंटरव्यू में योगेंद्र यादव ने कहा, 'चुनौतीपूर्ण (समय) है, इसमें कोई संदेह नहीं है। वैसे जिस पार्टी के पास 40 पर्सेंट से ज्यादा वोट हो, 22 विधायक हों, अपने आप में पार्टी ध्वस्त नहीं हुई है। 10 साल राज के बाद एक बार चुनाव हार जाना ऐसी बात नहीं है कि जिससे आपकी पार्टी टूट जाए। लेकिन जिस तरह की पार्टी आम आदमी पार्टी है, जिस तरह से वह चुनाव पर निर्भर है, जिस तरह से वह अरविंद केजरीवाल पर निर्भर है, और जिस शक्ति से उसका मुकाबला है, और बीजेपी जिस तरह के काम करेगी, वह देखते हुए मेरे मन में आम आदमी पार्टी के भविष्य को लेकर सवालिया निशान है।'
योगेंद्र यादव ने आगे कहा, 'गुजरात में कोई राह नहीं है, हरियाणा में कुछ हुआ नहीं। अब ले दे के पंजाब है। पंजाब पर निर्भर करके... और यदि पंजाब में आम आदमी पार्टी हार जाती है, जिसकी संभावना है, मैं भविष्यवाणी नहीं कर रहा, लेकिन हार सकती है इसमें कोई संदेह नहीं। अगर पंजाब में भी हार गई तो फिर आम आदमी पार्टी कैसे बचेगी और कहां बचेगी यह बहुत बड़ा सवाल है।'
क्या आम आदमी पार्टी की दिल्ली में जीत जाते तो वह इंडिया गठबंधन तोड़कर तीसरा मोर्चा बनाते? इस पर उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की अपनी इतनी क्षमता नहीं है कि वह इंडिया गठबंधन तोड़ देते, लेकिन उनकी मौजदूगी से इंडिया गठबंधन में काफी तनाव था। यह भी सच है कि जब से इंडिया गठबंधन बना है तब से केजरीवाल की पार्टी उसमें थी भी और नहीं भी। आते थे, बोलते भी नहीं थे। पंजाब में अलग लड़े। योगेंद्र यादव ने इंडिया गठबंधन और यमुना में जहर को लेकर दिए गए अरविंद केजरीवाल के बयान की निंदा की।
योगेंद्र यादव ने कहा कि भविष्य की चुनौती बहुत सिंपल है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में है। लेकिन कहीं और विस्तार की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है। गुजरात में पिछली बार जो बढ़त हुई वह अगली बार रिपीट नहीं हो सकता है। गोवा में पार्टी पीछे ही आएगी। हरियाणा में ब्रेकथ्रू मिला नहीं। अब सारा दारोमदार पंजाब पर है। पंजाब से खबर अच्छी नहीं, वहां गवर्नेंस अच्छा नहीं। पंजाब का वोटर इतना धीरज नहीं रखता है, जितना यूपी या पंजाब का। पंजाब का वोटर अगली बार में ही कह देता है काम नहीं किया तो आगे चलो।
दिल्ली में भी टूट, AAP के अस्तित्व का भी संकट: योगेंद्र यादव
अन्ना आंदोलन के दौर से ही अरविंद केजरीवाल के साथी रहे योगेंद्र यादव ने कहा, 'आम आदमी पार्टी के पास खतरा है चुनावी, खतरा यह भी है कि तमाम संवैधानिक या असंवैधानिक तरीकों से अगले कुछ महीनों में ही कोशिश की जाएगी, आम आदमी पार्टी के ये जो 20-25 विधायक हैं, इनको भी तोड़ने की कोशिश की जाए तो मुझे हैरानी नहीं। इन्हें रोकने में केजरीवाल को बड़ी समस्या आएंगी वह यह है कि ऐसे समय पर वैचारिक रूप से बंधे लोग रुकते हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी के पास उस तरह के लोग लोग बचे नहीं हैं, 2015 से 2025 तक लगातार ऐसे लोग निकलते गए। आज जो लोग हैं जिनमें कई विधायक बने हैं, यदि उन्हें सामने से प्रलोभन या दबाव मिला या डराया गया तो वह छोड़कर नहीं जाएंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए मैं कहता हूं कि आम आदमी पार्टी के लिए शायद यह अस्तित्व का संकट है।'