सेवा को धर्म और प्रभावी उपचार को कर्म मानते हैं बिहार के गौरव डॉ. राहुल कुमार सिंह
डॉ. राहुल कुमार सिंह सिर्फ एक सर्जन नहीं, बल्कि एक समाजसेवी भी हैं। उनका जीवन यह दिखाता है कि यदि इरादे मजबूत हों, तो कठिनाइयों के बावजूद भी सफलता पाई जा सकती है। उन्होंने अपनी चिकित्सा सेवा को सिर्फ करियर नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम बनाया है।

डॉ. राहुल कुमार सिंह सिर्फ एक सर्जन नहीं, बल्कि एक समाजसेवी भी हैं। उनका जीवन यह दिखाता है कि यदि इरादे मजबूत हों, तो कठिनाइयों के बावजूद भी सफलता पाई जा सकती है। उन्होंने अपनी चिकित्सा सेवा को सिर्फ करियर नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम बनाया है। डॉ. राहुल कुमार सिंह का जीवन एक सच्चे चिकित्सक की प्रेरणादायक कहानी है, जिन्होंने अपने संघर्ष, मेहनत और सेवा भावना से खुद को जनरल और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्षेत्र में स्थापित किया है। उन्होंने सिद्ध किया है कि एक सच्चा चिकित्सक पैसों को नहीं बल्कि अपने मरीज के स्वास्थ्य को महत्व देता है। अपनी सेवा के माध्यम से लोगों का उद्धार करता है।
साल 2001 में डॉ. राहुल कुमार सिंह ने भारत के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में से एक, बी.जे. मेडिकल कॉलेज, पुणे में एमबीबीएस में दाखिला लिया। उन्होंने 2001 से 2007 तक एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इसके पश्वात् 2008 में उन्होंने ऑल इंडिया मेडिकल एंट्रेंस के माध्यम से दरभंगा मेडिकल कॉलेज में जनरल सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश लिया और 2011 तक एम.एस. जनरल सर्जरी की डिग्री प्राप्त की।
दिल्ली की राह और प्रारंभिक संघर्ष
सर्जरी में दक्षता प्राप्त करने के बाद डॉ. सिंह दिल्ली आ गए। 2012 में उन्होंने डी.एम.बी. यूरोलॉजी जॉइन किया, लेकिन कुछ आर्थिक कारणों से उन्हें यह कोर्स बीच में ही छोड़ना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। 2013 में उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर हॉस्पिटल, रोहिणी (दिल्ली) में सीनियर रेजीडेंसी जॉइन की और अगले तीन वर्षों तक (2013-2016) यहां कार्यरत रहे।
पटना में वापसी और नए अध्याय की शुरुआत
2016 में डॉ. राहुल कुमार सिंह पटना लौटे। जैसे ही वह पटना पहुंचे, उन्हें शहर के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल रुबन मेमोरियल हॉस्पिटल से कॉल आया और उन्होंने वहां अपनी सेवाएं देनी शुरू की। तब से लेकर अब तक वह इसी अस्पताल में कार्यरत हैं और पिछले दो वर्षों से वे जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक है सर्जरी विभाग के प्रमुख के रूप में कार्यभारह संभाल रहे हैं। पटना स्थित रूबन हॉस्पिटल में विगत 9 वर्षों से लगातार उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हुए डॉ. राहुल में 10,000 से अधिक सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की है। वर्ष 2018 में उन्होंने बिहार में पहली बार लेजर तकनीक से बवासीर, फिशर, फिस्टुला जैसे रोगों के इलाज की शुरुआत की, जिससे मरीजो को बिना वीरे टांके के राहत मिलने लगी।
उनकी निरंतर उपलब्धियों को देखते हुए वर्ष 2022 में उन्हें 'आचार्य चरक चिकित्सा सम्मान' से बाजा गया। चिकित्सा क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 2024 में बिहार की पहली रोबोटिक गॉल ब्लैडर सर्जरी एवं रोबोटिक हर्निया सर्जरी कर एक नया इतिहास रखा। आज वह लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे है।
हेपेटिकोडियोडेनोस्टोमी, हेपेटिकोजेजनोस्येमी, डायाफ्रामेटिक हर्निया, रेक्टल डुप्लिकेशन सिस्ट, तथा सीबीडी स्टोन जैसी जटिल सर्जरी,
जो बिहार में आज भी सीमित या दुर्लभ रूप से की जाती है, रूबन हॉस्पिटल में उनके द्वारा नियमित रूप से और सफलता के साथ की जा रही है।
अनमोल पहलः अनमोल हेल्थ केयर एंड स्टोन क्लीनिक
डॉ. राहुल कुमार सिंह का जीवन उद्देश्य सिर्फ एक कुशल सर्जन बनना नहीं था, बल्कि उनका सपना ध-हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी आर्थिक पृष्ठभूमि से हो, उसे गुणवत्तापूर्ण सर्जिकल सुविधाएं सुलभ हों। इसी महान उद्देश्य को साकार रूप देने के लिए उन्होंने पटना के कंकड़बाग स्थित मलाही पकड़ी चौक पर "अनमोल हेल्थ केयर एंड स्टोन क्लीनिक" की स्थापना की।
यह क्लीनिक किसी साधारण चिकित्सा केंद्र। अनमोल हेल्थ केयर को विस्तार देकर 50-बेड के पूर्ण स्वास्थ्य केंद्र में बदला जाए। उनका सपना है कि यह क्लीनिक एक ऐसा मॉडल बने, जहां बिना बीमा, बिना बड़ी रकम और बिना सिफारिश के भी हर मरीज को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा मिल सके।

चौदह वर्षों का समर्पित अनुभव
डॉ. राहुल कुमार सिंह को चिकित्सा के क्षेत्र में 14 वर्षों का समृद्ध अनुभव प्राप्त है। यह सफर केवल वर्षों की गिनती नहीं, बल्कि हर दिन, हर मरीज और हर चुनौती के साथ जुड़ी सीख, मेहनत और निःस्वार्थ सेवा का प्रतीक है। इन वर्षों में उन्होंने ना केवल सैकड़ों मरीजों का सफल इलाज किया, बल्कि संवेदनशीलता, करुणा और पेशेवर प्रतिबद्धता के साथ समाज में अपनी एक खास पहचान बनाई। वह कहते हैं कि अगर जीवन में चुनौतियां न हों, तो न हम कुछ सीख सकते हैं और न ही आगे बढ़ सकते हैं। हर चुनौती हमें और बेहतर डॉक्टर, बेहतर इंसान और बेहतर समाजसेवक बनाती है। उनकी यही सोच उन्हें भीड़ से अलग करती है। एक ऐसा डॉक्टर जो केवल इलाज नहीं करता, बल्कि उम्मीद भी देता है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरीः मरीजों के लिए वरदान
डॉ. राहुल कुमार सिंह का मानना है कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कहीं अधिक लाभदायक है। इस विधि में मरीज की रिकवरी तेज होती है, दर्द कम होता है, और अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि भी छोटी होती है। डॉ. सिंह अब तक 10,000 से अधिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सफलतापूर्वक कर चुके हैं।

डॉ. राहुल कुमार सिंह
चिकित्सा मेरे लिए पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का जरिया है।
संक्षिप्त जीवन परिचय
नाम • डॉ. राहुल कुमार सिंह
शिक्षा ; MBBS, MS General surgery, FIAGES, FALS
कार्य : जनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन
दादाजी• डॉ. लालबहादुर सिंह
पिता • श्री राम सुदिष्ट सिंह
माता : श्रीमति सुनैना सिंह
भाई-बहनः बड़े भाई का नाम-हेमंत कुमार सिंह, (कंपनी सेक्रेटरी, दिल्ली), बहन का नाम-श्रीमति शशी सिंह
पत्नी : डॉ. संध्या सिंह
2 बच्चे (आर्यन सिंह और श्रेयन सिंह)
(अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति / संस्थान की है)
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