'जल आतंकवाद' में शामिल हरियाणा, आतिशी ने EC को लिखा पत्र; क्या किया अनुरोध
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हरियाणा पर दिल्ली की जलापूर्ति को जानबूझकर दूषित करके 'जल आतंकवाद' में शामिल होने का आरोप लगाया। आतिशी का कहना है कि जानबूझकर फैलाए जा रहे इस प्रदूषण से सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट पैदा हो रहा है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हरियाणा पर दिल्ली की जलापूर्ति को जानबूझकर दूषित करके 'जल आतंकवाद' में शामिल होने का आरोप लगाया। आतिशी का कहना है कि जानबूझकर फैलाए जा रहे इस प्रदूषण से सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट पैदा हो रहा है। राजधानी में लाखों लोगों के लिए पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें ताकि आगामी विधानसभा चुनाव प्रभावित न हों।
पत्र में आतिशी ने लिखा, '27 जनवरी 2025 को लिखे अपने पत्र के सिलसिले में, जिसमें हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन को प्रभावित करने की कोशिश के तहत दिल्ली के लोगों की पानी की आपूर्ति को बाधित करने के जानबूझकर किए गए प्रयास को उजागर किया गया है, मैं इस मामले पर कल यानी 27 जनवरी 2025 को दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव को सौंपे गए एक नोट को अटैच कर रही हूं। दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के नोट में सूचीबद्ध तथ्यों से यह साफ होता है कि डीजेबी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट केवल एक पीपीएम स्तर तक अमोनिया को ट्रीट (उपचार) करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।'
अपने पत्र में आतिशी ने दिल्ली की जल आपूर्ति में बढ़ते अमोनिया स्तर को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने इस प्रदूषण के लिए हरियाणा से आने वाले अनट्रीटेड सीवेज और औद्योगिक कचरे को जिम्मेदार ठहराया है। जिसकी वजह से कथित तौर पर दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। आतिशी ने लिखा है कि अमोनिया के बढ़े स्तर की वजह से 34 लाख लोगों को पानी आपूर्ति में कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली सीएम ने लिखा, 'नोट में इस तथ्य की ओर भी इशारा किया गया है कि हरियाणा से अनट्रीटेड सीवेज या औद्योगिक अपशिष्ट के यमुना नदी के जरिए दिल्ली आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर लगातार बढ़ रहा है, पिछले दो दिनों में स्तर 7 पीपीएम से ज्यादा बढ़ गया है, यानी ट्रीट योग्य सीमा से 700 ज्यादा अधिक है। हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया के इन विषाक्त स्तरों ने दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी को प्रभावी ढंग से ट्रीट करने में लगभग अक्षम बना दिया है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली के लगभग 34 लाख लोगों के लिए पानी की आपूर्ति में 15 से 20 प्रतिशत की कटौती हुई है। यह एक ज्ञात तथ्य है कि पीने के पानी में अमोनिया का उच्च स्तर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकता है, जिससे किडनी डैमेज, सांस संकट और यहां लॉन्ग टर्म में ऑर्गन डैमेज होने जैसी बीमारियां हो सकती हैं।'