भारत जमीन मात्र नहीं, देश में सनातन है : मोहन भागवत
जयपुर, एजेंसी। आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारत केवल एक भूमि नहीं, बल्कि एक सनातन संस्कृति है। उन्होंने अलवर में महायज्ञ में भाग लेते हुए संकटों का जिक्र किया और गरीबों की उन्नति के लिए...
जयपुर, एजेंसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत जमीन मात्र नहीं बल्कि भारत में सनातन है।
भागवत अपने अलवर दौरे के आखिरी दिन बावड़ी स्थित बालनाथ आश्रम में जारी श्री महामृत्युंजय महायज्ञ में शामिल हुए और देश में सुख शांति, सुरक्षा एवं प्रगति के लिए पूजन किया। बयान के अनुसार, इस अवसर पर सरसंघचालक ने देश पर संभावित संकटों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, संकटों की यह ताकत नहीं है कि वह भारत को मिटा सके, भारत जमीन मात्र नहीं भारत में सनातन है, भारत के साथ सनातन धर्म है, सनातन धर्म के साथ भारत है। उन्होंने कहा, समाज के गरीबों और पिछड़ों की उनकी उन्नति के लिए हमें अपने प्रयास करने चाहिए। अपने पास जो है वो देकर उनको ऊपर उठाना चाहिए। क्योंकि ये सब है इसलिए हमारी रक्षा होती है। भागवत मंगलवार शाम को अलवर कार्यालय पहुंचे और प्रांत स्तर के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। संघ प्रमुख बाद में दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
अलवर में की संगठनात्मक बैठक
मोहन भागवत ने मंगलवार को अलवर में संगठन की बैठक की। उन्होंने इस दौरान संगठन को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की और प्रचारकों से फीडबैक लिया। बयान के मुताबिक, मोहन भागवत ने आरएसएस के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए संगठन के विस्तार और मजबूती पर विचार साझा किए। बैठक के दौरान उन्होंने प्रचारकों से आरएसएस के कार्य के बारे में फीडबैक भी लिया। उन्होंने बालनाथ आश्रम में श्री महामृत्युंजय महायज्ञ में भी हिस्सा लिया और पौधारोपण किया।
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