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क्या दिल्लीवालों को पसंद आएगी 'पुरानी घोड़ी, नई चाल', 20 सीटों पर नजरें

क्या दिल्लीवाले 'पुरानी घोड़ी-नई चाल' पंसद करेंगे? दिल्ली चुनाव का नतीजा काफी हद तक इसी बात पर निर्भर करता है। करीब 20 सीटों पर दलबदलुओं को टिकट दिया गया है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, पीटीआईThu, 23 Jan 2025 12:26 PM
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क्या दिल्लीवालों को पसंद आएगी 'पुरानी घोड़ी, नई चाल', 20 सीटों पर नजरें

क्या दिल्लीवाले 'पुरानी घोड़ी-नई चाल' पंसद करेंगे? दिल्ली चुनाव का नतीजा काफी हद तक इसी बात पर निर्भर करता है। आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने करीब 20 सीटों पर ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो चुनाव से ठीक पहले दूसरी पार्टी छोड़कर आए हैं। नई पार्टी और नए कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बिठाकर जनता के विश्वास को जीतना आसान नहीं होता है।

चुनाव से पहले दलबदल एक सामान्य चलन है, जो दिल्ली में भी खूब देखने को मिला है। अब इनमें से कितने जीत हासिल करने में कामयाब होते हैं यह देखना दिलचस्प होगा। जनता के समर्थन के अलावा हार और ऐसा उम्मीदवारों के लिए एक चुनौती यह भी होती है कि जिस पार्टी के खिलाफ सालों लड़े, जिन कार्यकर्ताओं के साथ टकराव रहा उनके साथ कितनी जल्दी और किस हद तक सहज हो पाते हैं। नई पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ताओं के बीच स्वीकार्यता भी अहम है। चुनाव से ठीक पहले 'आप', भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने दलों की अदला-बदली की है और अब 'नई टोपी' पहन जनता के बीच हैं।

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AAP ने अपने विधायकों को हटा, दूसरे दलों से आए नेताओं पर लगाया दांव

टिकट पर अनिश्चतता को देखते हुए विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही करीब आधा दर्जन भाजपा नेता 'आप' में चले गए। 10 साल की एंटी इनकंबेंसी की सामना कर रही अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर इन उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। इनमें से लगभग सभी 2020 में 'आप' के मुकाबले में दूसरे स्थान पर रहे थे।

इनमें से एक हैं प्रवेश रतन जिन्हें 'आप' ने पटेल नगर (एससी) सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार थे। आप ने उन्हें इस बार राज कुमार आनंद के खिलाफ उतारा है, जो पहले आम आदमी पार्टी के मंत्री थे और अब भाजपा के प्रत्याशी हैं। जितेंद्र कुमार शंटी और सुरेंद्र पाल बिट्टू भी भाजपा छोड़कर 'आप' में शामिल हुए जिन्हें शाहदरा और तिमारपुर से टिकट दिया गया है।

भाजपा के तीन अन्य नेताओं ब्रह्म सिंह तंवर, बीबी त्यागी और अनिल झा भी चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल के साथी बन गए और 'आप' के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। त्यागी लक्ष्मी नगर से चुनाव लड़ रहे हैं। अनिल झा किराड़ी और तंवर छतरपुर से लड़ रहे हैं। करतार सिंह तंवर जिन्होंने 2020 में ब्रह्म सिंह तंवर को हराया था अब छतरपुर से ही भाजपा उम्मीदवार हैं।

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अनिल झा को आप ने किराड़ी से उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने अपने विधायक ऋतुराज का टिकट काटकर उन्हें उतारा है। अनिल झा को ऋतुराज ने 2020 में करीबी अंतर से हराया था। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कांग्रेस से आए नेताओं को भी टिकट दिया है। कांग्रेस छोड़कर आए वीर सिंह धींगान को सीमापुरी, सुमेश शौकीन को मटियामहल और जुबैर अहमद को सीलमपुर से उम्मीदवार बनाया गया है।

भाजपा ने आप-कांग्रेस से आए इन बड़े चेहरों को उतारा
भाजपा ने दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके अरविंदर सिंह लवली को गांधीनगर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है तो 'आप' के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत को बिजवासन से उतारा है। पार्टी ने कांग्रेस से आए राज कुमार चौहान पर मंगोलपुरी सीट से दांव लगाया है। इस तरह नीरज बसोया को कस्तूरबा नगर और तरविंदर सिंह मारवाह को जंगपुरा से टिकट दिया गया है।

कांग्रेस ने किन दलबदलुओं को दिया टिकट
कांग्रेस ने टिकट कटने पर 'आप' छोड़ने वाले विधायक धर्मपाल लाकड़ा को मुंडका से और अब्दुल रहमान को सीलमपुर से टिकट दिया है। लाकड़ा के साथ कांग्रेस जॉइन करने वाले 'आप' पार्षद राजेश गुप्ता को कांग्रेस ने किराड़ी से उम्मीदवार बनाया है। टिकट कटने के बाद 'आप' को अलविदा कहने वाले रहमान दिसंबर में कांग्रेस में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया। राहुल गांधी ने दिल्ली में पहली रैली रहमान के लिए ही की। 'आप' के विधायक रहे देवेंद्र सहरावत और हाजी इशराक को बिजवासन और बाबरपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कई दलबदलुओं के चुनाव जीतने की अच्छी संभावना है तो कुछ के लिए राह मुश्किल दिख रही है। भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच इस बार सभी 70 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। दिल्ली में सभी सीटों पर एक साथ 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे तो नतीजे 8 को घोषित होंगे। 'आप' लगातार चौथी बार सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है तो भाजपा और आप ने वापसी के लिए पूरा जोर लगा दिया है।

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