दिल्ली-यूपी पुलिस को HC की फटकार; कड़ी टिप्पणी भी की, क्या है पूरा मामला?
दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि यह मामला दिल्ली और यूपी पुलिस के बीच एक-दूसरे पर दोष मढ़ने की प्रवृत्ति का है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को जमकर फटकार लगाई। दरअसल दिल्ली का एक शख्स नोएडा में मृत पाया गया था। इसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस एक-दूसरे पर आरोप मढ़ती नजर आई जबकि प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने इस घटना पर चिंता जताई और कहा कि दो अलग-अलग राज्यों के पुलिस ने यह क्यों नहीं समझा कि यदि अहम फोरेंसिक और अन्य साक्ष्य जमा नहीं किए गए तो वे हमेशा के लिए गायब हो जाएंगे।
पीठ ने कहा कि यह साफ नजर आता है कि यह मामला दिल्ली और यूपी पुलिस के बीच एक-दूसरे पर दोष मढ़ने की प्रवृत्ति का है। इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली पुलिस को भारतीय न्याय संहिता के तहत जीरो प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। साथ ही एक हफ्ते के भीतर उत्तर प्रदेश पुलिस को पूर्व में जमा की गई सभी सामग्री और साक्ष्यों को दिल्ली पुलिस के हवाले करने निर्देश दिया।
बता दें कि यदि कोई अपराध किसी विशेष थाना के अधिकार क्षेत्र में नहीं होता है, तो उसे जीरो एफआईआर दर्ज करनी होती है। इसके बाद उसे संबंधित थाने में ट्रांसफर करना होता है जहां असल में अपराध हुआ था। दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला पीड़िता की बहन की याचिका पर आया। बहन ने अपने 20 साल के भाई हर्ष कुमार शर्मा की मौत की जांच की मांग की है। हर्ष कुमार शर्मा तीन दिसंबर, 2024 को नोएडा कॉलेज से अपने घर दिल्ली नहीं लौटे थे।
वह देर रात उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक अज्ञात स्थान पर अपनी कार में मृत पाया गया था। कार में कथित तौर पर कार्बन मोनोऑक्साइड सिलेंडर था। दिल्ली हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को पीड़ित की मौत के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने और बिना किसी देरी या लापरवाही के जांच को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है।