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दिल्ली में जीरो पर सिमटी कांग्रेस, पर एक बड़ी राहत; 12 साल बाद हुआ ऐसा

  • Delhi Elections Result: दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा ने जहां 48 सीटों पर जीत हासिल की, वहीं आम आदमी पार्टी के खाते में 22 सीटें आईं। कांग्रेस एक बार फिर दिल्ली में एक भी सीट जीतने पर कामयाब नहीं हुई लेकिन इस बार पार्टी को एक राहत जरूर मिली है।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, हिन्दुस्तानMon, 10 Feb 2025 04:00 PM
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दिल्ली में जीरो पर सिमटी कांग्रेस, पर एक बड़ी राहत; 12 साल बाद हुआ ऐसा

Delhi Elections Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने जहां भाजपा के 26 साल का सूखा खत्म कर सत्ता का दरवाजा खोल दिया तो वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को हाथ लगी तो सिर्फ निराशा। भाजपा ने जहां 48 सीटों पर जीत हासिल की, वहीं आम आदमी पार्टी के खाते में 22 सीटें आईं। कांग्रेस एक बार फिर दिल्ली में एक भी सीट जीतने पर कामयाब नहीं हुई लेकिन इस पार्टी को एक राहत जरूर मिली है।

दरअसल आम आदमी पार्टी के उदय के बाद से ही कांग्रेस पार्टी अपनी सियासी जमीन को लगातार खोती रही है। साल2 013 से लेकर साल 2020 के विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो लगातार ही कांग्रेस पार्टी का मत प्रतिशत कम होता रहा है। लगभग 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस ने साल 2013 में सत्ता गंवा दी थी। लेकिन, उस समय भी उसे 24.7 फीसदी मत हासिल हुए थे। इसके बाद साल 2015 में 9.7 फीसदी और साल 2020 में 4.26 फीसदी वोट हासिल हुए थे। यानी साल 2013 से ही कांग्रेस पार्टी के वोट प्रतिशत में लगातार गिरावट हुई। हालांकि इस बार कहानी थोड़ी अलग है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे यूं तो कांग्रेस के लिए उत्साहजनक नहीं रहे हैं, लेकिन दस विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी दस फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने में सफल रही। यही नहीं, पार्टी के मत प्रतिशत में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लगभग 12 साल बाद पहली बार कांग्रेस के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी का रुख देखने को मिला है और कांग्रेस पार्टी के नेता इसे भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत मानकर चल रहे हैं। इस बार कांग्रेस को 6.34 फीसदी मत हासिल हुए हैं।

दो फीसदी मत में ही छिपी हार-जीत की कुंजी

दिल्ली में भाजपा की प्रचंड जीत की कुंजी इसी दो प्रतिशत मत में छिपी है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 45.56 प्रतिशत मत हासिल हुए हैं। आम आदमी पार्टी को 43.57 फीसदी मत हासिल हुए। यानी भाजपा को आम आदमी पार्टी से सिर्फ दो फीसदी मत ही ज्यादा मिले हैं। माना जा सकता है कि यह दो प्रतिशत मत वही हैं जो कि पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी का बढ़ा है। कांग्रेस को मिले यही दो प्रतिशत वोट दिल्ली में बड़े सियासी उलटफेर का कारण बन गए।

कस्तूरबा नगर में सबसे नजदीकी मुकाबला

कांग्रेस नेताओं ने उन विधानसभा क्षेत्रों की लिस्ट तैयार की है जहां पर पार्टी ने दस फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए हैं। पार्टी के लिए सबसे नजदीकी मुकाबला कस्तूरबा नगर में रहा। यहां पर पार्टी दूसरे स्थान पर रही। कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक दत्त ने यहां पर 32.1 फीसदी मत प्राप्त किए। जबकि, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने बादली विधानसभा क्षेत्र में 27.29 फीसदी मत हासिल किए। पार्टी प्रत्याशी रोहित चौधरी को नांगलोई जाट विधानसभा क्षेत्र में 20.18 फीसदी वोट मिले।

न्याय यात्रा का फायदा मिला

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने चुनाव की घोषणा होने से पहले ही पिछले साल नवंबर में दिल्ली भर में न्याय यात्रा का आयोजन किया था। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के तमाम इलाकों में लोगों से मुलाकात के साथ-साथ संगठन की मजबूती पर भी काम किया था। कांग्रेस के घोषणापत्र में भी इस दौरान लोगों से मिले मांगपत्रों को शामिल किया गया था। पार्टी नेताओं का मानना है कि न्याय यात्रा से सांगठनिक ढांचे को तो मजबूती मिली, लेकिन दलित और मुस्लिम मतों का भरोसा पार्टी पर उस स्तर तक नहीं बढ़ा, जितने की उम्मीद की गई थी।

इन 10 विधानसभा क्षेत्रों में मिले 10 फीसदी से ज्यादा वोट

विधानसभा प्रत्याशी का नाम मत प्रतिशत

कस्तूरबा नगर अभिषेक दत्त 32.1%

बादली देवेन्द्र यादव 27.29%

नांगलोई जाट रोहित चौधरी 20.18%

मादीपुर जे पी पंवार 15.96%

बल्लीमारान हारुन यूसुफ 13.30%

चांदनी चौक मुदित अग्रवाल 12.76%

संगम विहार हर्ष चौधरी 12.63%

सीलमपुर अब्दुल रहमान 12.43%

मटियामहल आसिम अहमद खान 12.20%

पटपड़गंज अनिल चौधरी 11.96%

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